जयपुर। जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय के 50वें स्थापना दिवस के अवसर पर समारोह का आयोजन किया गया। समारोह में आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव समेत कई लोगों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर प्रतापराव जाधव ने केंद्रीय औषधि परीक्षण सुविधा, माइक्रो सीटी, बायोमेडिकल लैब एवं आईपीआर सेल, एडवांस फिजियोलॉजी लैब, बाल विकास केंद्र, नशा मुक्ति केंद्र का लोकार्पण किया एवं 4 पुस्तकों का भी विमोचन किया।
राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने कहा कि राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय अपनी उत्कृष्टता के गौरवशाली 50वें वर्ष को स्वर्ण जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है। आयुर्वेद चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों में सम्मिलित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान मानद विश्वविद्यालय, जयपुर को एनसीआईएसएम द्वारा प्रथम रैंक से सम्मानित किया गया है। देश का प्रकृति परीक्षण अभियान में संस्थान को प्रथम स्थान मिला। संस्थान ने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड भी प्राप्त किया है और विश्वस्तर पर कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं। संस्थान में अध्ययन और रिसर्च के लिये सिम्युलेशन लैब, फार्मेसी विभाग, एनाटॉमी विभाग, ड्रग लैब, क्रिया शारीर विभाग में स्थापित एडवांस ह्यूमन फिजियोलॉजी लैब हैं।
इस मौके पर प्रतापराव जाधव ने कहा कि आयुष मंत्रालय, आयुर्वेद, योग और प्राकृतिक चिकित्सा, यूनानी, सिद्ध, होम्योपैथी और सोवा रिग्पा जैसी प्रणालियों को बढ़ावा दे रहा है। वर्तमान में आधुनिक विज्ञान के मानकों के आधार पर आयुर्वेद के अनुसंधान पर आयुष मंत्रालय द्वारा तीव्र गति से कार्य किया जा रहा है। भारत सरकार, आयुष मंत्रालय के माध्यम से आयुर्वेद के प्रचार-प्रसार और वैश्वीकरण में सराहनीय भूमिका निभा रहा है। आज 150 से भी अधिक देश अपने नागरिकों के कल्याण और स्वास्थ्य के लिए किसी ना किसी रूप में आयुर्वेद दिवस का आयोजन कर रहे हैं और इस चिकित्सा प्रणाली का उपयोग कर रहे हैं।
प्रोफेसर संजीव शर्मा ने कहा कि 1976 में एक आयुर्वेदिक कॉलेज से यह अब मानद विश्वविद्यालय बन गया है और देश में आयुर्वेद के क्षेत्र में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय है। कई देश आयुर्वेद में शिक्षा और प्रशिक्षण दिलाने के लिए इस संस्थान की ओर आकर्षित हो रहे हैं। लगभग 17 देशों के 80 से भी अधिक विदेशी छात्र हमारे संस्थान में स्नातक, स्नातकोत्तर और पोस्ट-डॉक्टरल कार्यक्रमों में अध्ययनरत हैं। यह विश्व स्तर पर संस्थान की उपस्थिति को दर्शाता हैं।
वहीं आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा ने कहा कि यह संस्थान देश के आयुर्वेदिक शिक्षा के सर्वोच्च संस्थान में से एक है। वर्ष 1976 में आयुर्वेदिक कॉलेज के रूप में शुरू हुआ राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान अब बहुत विकसित हो चुका है। इसे देश में आयुष प्रणाली में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय होने का गौरव प्राप्त कर चुका है।