मूडीज ने घटाई चीन की क्रेडिट रेटिंग, किया नेगेटिव, पहले हुआ करता था स्टेबल
By: Rajesh Bhagtani Tue, 05 Dec 2023 9:34:57
नई दिल्ली। चीन पर बढ़ता कर्ज उसकी अर्थव्यवस्था के लिए जी का जंजाल बनता जा रहा है। इस संकट की वजब से रेटिंग एजेंसी ने दुनिया की इस दूसरी बड़ी अर्थव्यवस्था के रेटिंग को घटाने का फैसला किया है। रेटिंग एजेंसी मूडीज ने चीन के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को घटाकर नेगेटिव करने का फैसला लिया है जो पहले स्टेबल हुआ करता था। चीन ने मूडीज के इस फैसले पर अपनी निराशा जाहिर की है।
मूडीज ने गुरुवार को चीन के संपत्ति क्षेत्र के परिदृश्य को स्थिर से घटाकर नकारात्मक कर दिया और कहा कि कमजोर वृद्धि का असर घर खरीदने वालों के खर्च पर पड़ रहा है। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अगले छह से 12 महीनों में अनुबंधित बिक्री में लगभग 5 प्रतिशत की गिरावट आने की उम्मीद है और सरकार द्वारा "हाल ही में मजबूत नीति समर्थन" का प्रभाव "अल्पकालिक" होगा।
चीन के केंद्रीय बैंक ने गुरुवार को बैंकों द्वारा रिजर्व में रखी जाने वाली नकदी की मात्रा के लिए अपने बेंचमार्क अनुपात में कटौती की घोषणा की, जिसे आरआरआर के रूप में जाना जाता है - मार्च के बाद यह पहली कटौती है।
एएफपी की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रेटिंग एजेंसी मूडीज ने अपने नोट में लिखा, चीन की क्रेडिट रेटिंग में बदलाव इस ओर इशारा कर रहा है कि वित्तीय संकट से जूझ रही क्षेत्रीय और स्थानीय सरकारों और सरकारी कंपनियों को फाइनेंशियल मदद देना चीन की सरकार के लिए अनिवार्य हो जाएगा। इससे चीन की राजकोषीय, आर्थिक और संस्थागत मजबूती के लिए बड़ा जोखिम पैदा हो सकता है।
मूडीज के मुताबिक, क्रेडिट रेटिंग घटाना इस ओर भी संकेत दे रहा कि मध्यम अवधि में चीन की आर्थिक विकास के साथ ही वहां के प्रॉपर्टी बाजार में गिरावट का बड़ा खतरा पैदा हो चुका है। गौरतलब है कि चीन का रियल एस्टेट सेक्टर भारी कर्ज के संकट से जूझ रहा है। चीन का रियल एस्टेट सेक्टर वहां के जीडीपी में एक चौथाई का योगदान देता है। देश के बड़े डेवलपर्स जिन्होंने भारी भरकम कर्ज लिया हुआ है वो डूबने के कगार पर है। कमजोर कंज्यूमर और बिजनेस भरोसे के चलते महामारी के बाद चीन की रिकवरी प्रभावित हुई है। हाउसिंग क्राइसिस, युवाओं में बेरोजगारी और ग्लोबल स्लोडाउन के चलते चीन के गुड्स के डिमांड पर असर पड़ा है।
मूडीज के क्रेडिंग रेटिंग घटाने के फैसले पर चीन के वित्त मंत्रालय ने अपनी प्रतिक्रिया में इस फैसले पर अपनी नाखुशी जाहिर की है। उसके प्रवक्ता ने कहा, इस वर्ष के शुरुआत से ही कठिन इंटरनेशनल हालातों के साथ ही अस्थिर वैश्विक आर्थिक हालात के बावजूद चीन की मैक्रो इकोनॉमिक हालात में सुधार देखा जा रहा है।