चुनाव बाद फिर गरमाया मराठा आरक्षण, मनोज जारंगे फिर आमरण अनशन पर बैठे

By: Rajesh Bhagtani Sat, 08 June 2024 4:38:42

चुनाव बाद फिर गरमाया मराठा आरक्षण, मनोज जारंगे फिर आमरण अनशन पर बैठे

मुम्बई। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने आमरण अनशन शुरू कर दिया है। पुलिस ने उन्हें अनशन की अनुमति नहीं दी है। जरांगे राज्य के सभी मराठों को एक समान कुनबी (ओबीसी) जाति प्रमाण पत्र जारी करने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में मराठों को प्रवेश और सरकारी नौकरियों में आरक्षण देने वाले महाराष्ट्र कानून को रद्द कर दिया था।

महाराष्ट्र के जालना में मनोज जरांगे ने अंतरावली सराती में एकबार फिर से भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। अंतरावली में मनोज पाटिल का यह चौथा आंदोलन है। अनशन पर बैठने के बाद पाटिल ने आरोप लगाया है कि "सरकार आंदोलन को तोड़ना चाहती है। मैं इनसे कहना चाहता हूं कि हमें राजनीति नहीं करनी चाहिए।"

शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पिछले साल कई बार आमरण अनशन करने के लिए सुर्खियों में आए जरांगे ने यह भी कहा था कि मराठ समुदाय ने मौजूदा लोकसभा चुनावों में कोई राजनीतिक रुख नहीं अपनाया है, हालांकि सत्ता के खिलाफ गुस्सा उबल रहा है।

मनोज जरांगे ने चेतावनी देते हुए कहा, "अगर सरकार ने अध्यादेश लागू नहीं किया तो हम महाराष्ट्र विधानसभा के 288 सीटों पर अपना उम्मीदवार उतारेंगे।" पाटिल ने कहा कि मैं अपने निर्णय पर कायम हूं। मैं मराठा समाज से विनती करता हूं कि शांति बनाए रखें। सरकार ने सगे संबंधियों को लेकर अध्यादेश जारी किया है, उसे लागू कराने के लिए यह अनशन आंदोलन है।

मराठा आरक्षण आंदोलन सितंबर 2023 में तेज हो गया जब पुलिस ने मराठवाड़ा क्षेत्र के जालना जिले के अंतरवाली सरती में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया, जहां जरांगे ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की थी। इसके बाद अक्टूबर में बीड और मराठवाड़ा के अन्य इलाकों में हिंसक आंदोलन हुए, जिसके कारण आखिरकार सरकार को उनसे बातचीत करने के लिए मजबूर होना पड़ा।

जरांगे ने कुनबी को मराठा के रूप में पहचानने के लिए एक कानून बनाने की भी मांग की है। जरांगे ने महाराष्ट्र के जालना में सुबह करीब 10.30 बजे आंदोलन शुरू किया। हालांकि जिला प्रशासन और पुलिस अधिकारियों ने इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया है। वे मराठों के लिए अन्य पिछड़ा समुदाय (ओबीसी) का दर्जा और पात्र कुनबी मराठों के रक्त संबंधियों को प्रमाण पत्र जारी करने के लिए राज्य सरकार द्वारा इस साल की शुरुआत में जारी मसौदा अधिसूचना के क्रियान्वयन की मांग कर रहे हैं।

कुनबी एक कृषि समूह है, जो ओबीसी श्रेणी में आता है और जरांगे मांग कर रहे हैं कि सभी मराठों को कुनबी प्रमाण पत्र जारी किए जाएं, जिससे वे कोटा लाभ के पात्र बन सकें। आरक्षण आंदोलन का चेहरा जरांगे ने कहा कि जब तक मराठा आरक्षण नहीं मिल जाता, मैं हार नहीं मानूंगा। उन्होंने राज्य सरकार पर अंतरावली सरती के निवासियों को भड़काकर उनके विरोध को रोकने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

इस साल की शुरुआत में, जरांगे ने लाखों लोगों के साथ मुंबई तक मार्च किया था। विरोध प्रदर्शनों के बाद, फरवरी में महाराष्ट्र विधानसभा ने सर्वसम्मति से एक विधेयक पारित किया, जिसमें शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठों के लिए एक अलग श्रेणी के तहत 10 प्रतिशत आरक्षण प्रदान किया गया।

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