नई दिल्ली। भारत द्वारा ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकियों के नौ ठिकानों को तबाह किए जाने के बाद पाकिस्तान में बौखलाहट का माहौल है। इस हमले के बाद पाकिस्तान लगातार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने खुद को ‘पीड़ित’ दिखाने की कोशिश कर रहा है, लेकिन उसका यह दावा उस वक्त पूरी तरह बेनकाब हो गया जब पाकिस्तानी सूचना मंत्री अता उल्लाह तराड़ का एक इंटरव्यू अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सामने आया।
स्काई न्यूज को दिए इंटरव्यू में मंत्री तराड़ ने दावा किया कि भारत ने आधी रात को पाकिस्तान के पांच स्थानों पर हमला किया और उन्हें इसकी उम्मीद नहीं थी। उन्होंने कहा, “हमने विदेशी पत्रकारों को उन जगहों पर ले जाने का कार्यक्रम बनाया था, हमारे विमान भी तैयार थे।” लेकिन जब एंकर ने उनसे सवाल किया कि भारत ने नौ आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया और पाकिस्तान की सेना पर कोई हमला नहीं किया गया, तो तराड़ जवाब देने से बचते नजर आए।
जब मंत्री ने दावा किया कि “पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं और हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े पीड़ित हैं,” तो एंकर ने तुरंत उन्हें उन्हीं के नेताओं के पुराने बयान याद दिला दिए।
एंकर ने याद दिलाए पाकिस्तानी नेताओं के बयान
इस पर शो के एंकर ने उन्हें याद दिलाया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक सप्ताह पहले इसी शो में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दिया है।
शो में यह साफ कहा गया कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज़ मुशर्रफ, पूर्व प्रधानमंत्री बेनज़ीर भुट्टो और हाल ही में रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ भी सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं कि पाकिस्तान ने आतंकी संगठनों को समर्थन और प्रशिक्षण दिया है।
एंकर ने स्पष्ट रूप से कहा कि “अगर पाकिस्तान में आतंकी शिविर नहीं हैं तो ओसामा बिन लादेन एबटाबाद में क्या कर रहा था?” इस पर मंत्री ने बात को घुमाने की कोशिश की, लेकिन एंकर ने उन्हें उसी समय रोकते हुए कहा कि यह सब दुनिया देख चुकी है।
तराड़ ने यह भी कहा कि पाकिस्तान पहलगाम आतंकी हमले की जांच के लिए तैयार था और भारत को यूएन या यूके जैसे देशों को जांच में शामिल करने देना चाहिए था। लेकिन भारत ने बिना किसी बातचीत के हमला कर दिया। इंटरव्यू में मंत्री ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र, चीन, ईरान, मलेशिया और सऊदी अरब समेत कई देशों को भारत के हमले की सूचना दी है और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करना चाहिए।
अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान की यह कोशिश न केवल उलटी पड़ी बल्कि उसकी विश्वसनीयता पर भी गंभीर सवाल खड़े कर गई। भारत का दावा है कि ऑपरेशन सिंदूर पूरी तरह आतंकवाद के खिलाफ था और इसमें आम नागरिक या सैन्य प्रतिष्ठान को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया गया। इंटरव्यू ने यह दिखा दिया कि पाकिस्तान की स्थिति अब न तो नैतिक रूप से मज़बूत है और न ही तथ्यात्मक रूप से।