'बटेंगे तो कटेंगे', योगी आदित्यनाथ ने किया एकता का आह्वान, दिया बांग्लादेश का उदाहरण
By: Rajesh Bhagtani Mon, 26 Aug 2024 3:12:47
आगरा । उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आगरा में जन्माष्टमी के अवसर पर आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय एकता के महत्व पर जोर दिया। मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा कि राष्ट्र की ताकत एकजुट रहने में निहित है। बांग्लादेश संकट का संदर्भ देते हुए आदित्यनाथ ने कहा, "बटेंगे तो कटेंगे।" सोमवार को जन्माष्टमी के अवसर पर आगरा में राष्ट्रवीर दुर्गादास राठौर की प्रतिमा का अनावरण करते हुए आदित्यनाथ ने यह टिप्पणी की।
एकता का आह्वान करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा, "भाइयों और बहनों, एकता के बिना कुछ भी नहीं किया जा सकता है; कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है। राष्ट्र तभी मजबूत होगा जब हम एकजुट और सदाचारी बने रहेंगे। अगर हम विभाजित होंगे, तो हम अलग हो जाएंगे। आप देख रहे हैं कि बांग्लादेश में क्या हो रहा है, है न? वे गलतियाँ यहाँ नहीं दोहराई जानी चाहिए। अगर हम विभाजित होंगे, तो हम अलग हो जाएंगे।"
उन्होंने कहा कि समाज, जाति, भाषा के नाम पर बांटने वाली ताकतों से सावधान रहना होगा। दुर्गादास राठौर का यही संकल्प था। आगरा के कण कण में कन्हैया का वास है। यहां कला है, आस्था है, समर्पण है, विश्वास है। ये ही राष्ट्र निष्ठा बढ़ाती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्गादास राठौर का यही संकल्प था। सबसे बड़ी सत्ता के सामने जमींदारों के लिए घुटने टेक दिए थे। उनका कोई नाम लेने वाला नहीं है। दुर्गादास का नाम मारवाड़, एमपी में अमर है। हमें महापुरुषों का नाम याद रखना होगा। 10 साल से मूर्ति मेरा इंतजार कर रही थी। जिस दिन कृष्ण आए, उस दिन लोकार्पण हुआ।
#WATCH | Agra: Uttar Pradesh CM Yogi Adityanath says, Nothing can be above the nation. And the nation will be empowered only when we are united. Batenge to Katenge. You are seeing what is happening in Bangladesh. Those mistakes should not be repeated here... Batenge to… pic.twitter.com/OMVP4NxVJB
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) August 26, 2024
उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि देश की आजादी के लिए 9 अगस्त 1925 में लखनऊ में मा. राम प्रसाद बिस्मिल, ठाकुर रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां, चंद्रशेखर आजाद जैसे क्रांतिकारियों ने काकोरी ट्रेन एक्शन की घटना को
अंजाम देकर अंग्रेजी हुकुमत को चुनौती दी थी। उस समय अंग्रेजी हुकूमत हिल गई थी। ट्रेन एक्शन में इन क्रांतिकारियों को महज 4 हजार 600 रुपए मिले थे। लेकिन, उन्हें गिरफ्तार कर सजा दिलाने के लिए अंग्रेजों ने 10 लाख रुपए खर्च कर दिए। तब भी आजादी की लड़ाई कमजोर नहीं पड़ी। रामप्रसाद बिस्मिल को जब फांसी दी जा रही थी तब उनसे पूछा गया कि अंतिम अभिलाषा हो तो बताइए। तब बिस्मिल जी ने कहा- इस भारतवर्ष में सौ बार मेरा जन्म हो और मौत का कारण सदा ही देश उपकार कर्म हो। बार-बार इस हिंदुस्तान की धरती पर जन्म लूं।
योगी के "बंटेगा तो कटेगा" वाले बयान पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख और लोकसभा सांसद अखिलेश यादव ने कहा, "बांग्लादेश पर योगी का हालिया बयान प्रधानमंत्री पद के लिए उनकी आकांक्षाओं को दर्शाता है। यह पहली बार नहीं है जब उन्होंने इस बात का संकेत दिया है। मुझे विश्वास है कि दिल्ली में बैठे अधिकारी यह स्पष्ट कर देंगे कि उन्हें उनके मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।"