संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के पास कुएं से निकली माँ पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की मूर्ति
By: Rajesh Bhagtani Mon, 16 Dec 2024 3:58:04
संभल। उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 46 साल से बंद पड़े 400 साल पुराने कार्तिक शंकर मंदिर को प्रशासन ने खुलवाया। इस ऐतिहासिक मंदिर में प्राचीन शिवलिंग के साथ हनुमान जी की मूर्ति और एक कुआं भी मिला है। हाल ही में इस कुएं की खुदाई के दौरान मां पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की तीन मूर्तियां बरामद की गईं।
मंदिर को 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद बंद कर दिया गया था। 46 साल बाद प्रशासन ने मंदिर की साफ-सफाई करवाई और 15 दिसंबर को विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के साथ यहां पूजा-अर्चना की गई।
डिप्टी एसपी अनुज चौधरी ने बताया कि मंदिर के कुएं की खुदाई के दौरान तीन मूर्तियां मिली हैं, जिनमें मां पार्वती, गणेश जी और कार्तिकेय जी की प्रतिमाएं शामिल हैं। इनमें से एक मूर्ति संगमरमर की है, जो कार्तिकेय जी की प्रतीत होती है। हालांकि, अन्य दो मूर्तियां खंडित अवस्था में मिलीं। प्रशासन ने कुएं की खुदाई का काम फिलहाल बंद कर दिया है और उसे ढक दिया गया है। मूर्तियों की प्रामाणिकता और उम्र का निर्धारण करने के लिए कार्बन डेटिंग की जाएगी।
यह प्राचीन मंदिर लगभग 400 साल पुराना है और स्थानीय लोगों में इसे "कार्तिक शंकर मंदिर" के नाम से जाना जाता है। 82 वर्षीय विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि उनके परिवार के करीब 40 से 42 घर इस इलाके में खग्गू सराय में स्थित थे। मंदिर से जुड़ा उनका परिवार वहां पूजा-अर्चना करता था और कुएं से जल लेकर धार्मिक अनुष्ठान किए जाते थे।
1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद इस इलाके में रहने वाले रस्तोगी परिवारों ने अपना घर छोड़ दिया। दंगों के दौरान एक बड़े गोदाम में आग लगा दी गई थी, जिससे डरकर ये परिवार वहां से पलायन कर गए। इसके बाद मंदिर पर पूजा-अर्चना बंद हो गई और उस इलाके में मुस्लिम आबादी बस गई।
विष्णु शरण रस्तोगी ने बताया कि मंदिर के चारों ओर अतिक्रमण कर लिया गया है। मंदिर के शिखर के पास एक छज्जा बना दिया गया है, जो पहले नहीं था। मंदिर के पीछे स्थित परिक्रमा मार्ग को खत्म कर वहां मकान बना दिए गए हैं। यहां तक कि कुएं को भी मिट्टी से पाटकर गाड़ी पार्क करने की जगह बना दी गई थी।
इस मंदिर को खुलवाने और प्राचीन मूर्तियों की बरामदगी से स्थानीय प्रशासन और श्रद्धालुओं के बीच मंदिर के महत्व को लेकर चर्चा तेज हो गई है। प्रशासन ने ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया है।