एक ओर जहां शेयर बाजार बुलिश ट्रेंड दिखा रहा है, वहीं दूसरी ओर सोने की कीमतों में भी लगातार उछाल देखा जा रहा है। भारत के मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोमवार को सोने के जून वायदा की कीमतों ने नया रिकॉर्ड बना डाला। यह कीमत 97,000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बेहद करीब पहुंच गई है, जो अब तक का सबसे ऊंचा स्तर है। खास बात यह है कि सिर्फ अप्रैल महीने में ही सोने के दामों में करीब 6,200 रुपये प्रति 10 ग्राम का इजाफा हुआ है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में भी सोने की कीमतों में और उछाल संभव है। इसकी प्रमुख वजहें हैं डॉलर इंडेक्स में गिरावट और अमेरिका-चीन के बीच चल रही व्यापारिक तनातनी।
सोने ने छुआ रिकॉर्ड हाई
सोमवार को एमसीएक्स पर गोल्ड का जून वायदा 1,621 रुपये की छलांग के साथ 96,875 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गया। दोपहर 3:05 बजे तक इसमें 1,524 रुपये की तेजी बनी रही और सोना 96,778 रुपये पर ट्रेड कर रहा था। दिन की शुरुआत में सोना 96,696 रुपये पर खुला था, जबकि पिछला बंद 95,254 रुपये पर हुआ था। चांदी की बात करें तो उसमें भी जबरदस्त तेजी देखी गई। सोमवार को चांदी 642 रुपये की तेजी के साथ 95,679 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। दिन के कारोबार के दौरान चांदी ने 96,100 रुपये का उच्च स्तर भी छुआ। बीते हफ्ते वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता और यूएस-चीन ट्रेड वॉर के चलते सोने और चांदी की कीमतों में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
तीन हफ्तों में जबरदस्त रिटर्न
अगर बीते एक महीने या लगभग तीन हफ्तों के डेटा पर नजर डालें, तो गोल्ड ने निवेशकों को शानदार रिटर्न दिया है। पिछले महीने के आखिरी कारोबारी दिन सोना 90,717 रुपये प्रति 10 ग्राम था, जो अब 96,875 रुपये तक पहुंच चुका है। यानी इस अवधि में सोने के दामों में कुल 6,158 रुपये का इजाफा हुआ है। इसका मतलब यह हुआ कि गोल्ड ने निवेशकों को लगभग 7% का रिटर्न दिया है। विशेषज्ञों का कहना है कि अक्षय तृतीया जैसे पर्वों से पहले सोने की कीमतें एक लाख रुपये तक भी पहुंच सकती हैं।
सोने की कीमतों में तेजी की मुख्य वजहें
बीते सप्ताह अमेरिका में बेरोजगारी के आंकड़े कुछ राहत देने वाले जरूर रहे, लेकिन चीन के साथ बिगड़ते व्यापारिक रिश्ते फिर से निवेशकों को गोल्ड जैसे सुरक्षित विकल्प की ओर मोड़ रहे हैं। अमेरिका ने चीनी इंपोर्ट पर 245% तक का टैरिफ लगाया है, जिसके जवाब में चीन ने भी सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके चलते वैश्विक वित्तीय बाजारों में अस्थिरता बढ़ी है। इसके साथ ही डॉलर इंडेक्स भी गिरकर दो साल के निचले स्तर पर आ चुका है। यूरोपीय सेंट्रल बैंक (ECB) द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती करने से भी कीमती धातुओं को सपोर्ट मिला है। सोमवार को अमेरिकी डॉलर इंडेक्स (DXY) करीब 1.01 या 1.02% गिरकर 98.36 के आस-पास पहुंच गया, जो तीन वर्षों का सबसे निचला स्तर है। पृथ्वीफिनमार्ट कमोडिटी रिसर्च के मनोज कुमार जैन ने मीडिया को बताया कि अमेरिका और चीन के बीच चल रही खींचतान के कारण सोने और चांदी में भारी उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि जब तक अमेरिका-चीन के बीच कोई सकारात्मक व्यापार समझौता नहीं होता, तब तक कीमती धातुओं की कीमतें अस्थिर बनी रह सकती हैं। डॉलर इंडेक्स में चल रही कमजोरी के चलते सोने और चांदी के दाम और चढ़ सकते हैं।