सुबह पराठा, दोपहर को मिठाई और शाम को फल खाने के बाद अगर शुगर चेक करने का ख्याल आया है, तो रुकिए! क्योंकि टेस्ट का वक्त भी तय करता है आपकी रिपोर्ट सही है या नहीं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में हम अक्सर हेल्थ चेकअप को ‘जब वक्त मिले तब करवा लेंगे’ के नजरिए से देखते हैं। लेकिन डायबिटीज जैसे रोग में यह सोच आपके लिए नुकसानदायक हो सकती है। क्योंकि सिर्फ दवा या डाइट ही नहीं, बल्कि शुगर टेस्ट कब किया गया – यह भी आपकी सेहत की सही तस्वीर दिखाने में अहम भूमिका निभाता है।
क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि जिस समय आप ब्लड शुगर की जांच करते हैं, वही समय आपकी रिपोर्ट को सटीक या भ्रामक बना सकता है? डायबिटीज कोई मामूली रोग नहीं, बल्कि यह एक ऐसी चिकित्सा स्थिति है जो आपके खानपान, जीवनशैली और दिनचर्या से गहराई से जुड़ी होती है। इसीलिए ब्लड शुगर चेक करने का समय भी उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि इलाज, परहेज या दवाएं।
# फास्टिंग ब्लड शुगर टेस्ट
यह सबसे अधिक किया जाने वाला और भरोसेमंद टेस्ट होता है। इसमें व्यक्ति को टेस्ट से पहले कम-से-कम 8 घंटे तक कुछ भी नहीं खाना होता। इसे प्रायः सुबह-सुबह कराया जाता है जब शरीर बिना किसी भोजन के रहता है, जिससे परिणाम ज्यादा सटीक आते हैं।
# पोस्टप्रांडियल ब्लड शुगर
यह परीक्षण भोजन करने के दो घंटे बाद किया जाता है। इसका उद्देश्य यह समझना होता है कि शरीर खाए गए भोजन के बाद शुगर को किस हद तक प्रोसेस कर पा रहा है। यह टेस्ट आप नाश्ते या लंच के बाद करवा सकते हैं।
# रैंडम ब्लड शुगर टेस्ट
इस टेस्ट की खास बात यह है कि इसे दिन में किसी भी समय किया जा सकता है, चाहे आपने खाना खाया हो या नहीं। आमतौर पर आपात स्थिति या तत्काल जांच की आवश्यकता में इसका उपयोग किया जाता है।
# HbA1c टेस्ट
यह टेस्ट यह बताता है कि पिछले तीन महीनों में आपकी औसत ब्लड शुगर लेवल क्या रही है। इसे कराने के लिए फास्टिंग की जरूरत नहीं होती और यह हर तीन महीने में एक बार कराया जा सकता है। यह डायबिटीज नियंत्रण की एक दीर्घकालिक तस्वीर देता है।
डायबिटीज का प्रबंधन तभी संभव है जब आप इसे समय पर और सही तरीके से समझें। अगर आप गलत समय पर शुगर टेस्ट करवाते हैं, तो इससे न सिर्फ रिपोर्ट में भ्रम पैदा हो सकता है बल्कि आपका इलाज और दवाओं का चयन भी प्रभावित हो सकता है। इसलिए हमेशा डॉक्टर की सलाह से ब्लड शुगर टेस्ट करवाएं और उनके बताए गए सही समय का सख्ती से पालन करें। क्योंकि सही समय पर की गई जांच ही सटीक और भरोसेमंद परिणाम देती है।
डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। किसी भी सुझाव को अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लेना जरूरी है।