केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान पिछले काफी समय से विरोध कर रहे है। अब किसानों का कहना है कि वह मानसून सत्र के दौरान प्रतिदिन करीब 200 किसान संसद के बाहर धरना-प्रदर्शन करेंगे। जिसको लेकर किसानों की दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक है। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि आज यानी रविवार को उनकी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक है। उन्होंने बताया कि 22 जुलाई को उनके 200 लोग संसद जाएंगे। उन्होंने विपक्ष के लोगों से भी अपनी बात सदन में उठाने को कहा। वहीं, दिल्ली पुलिस का कहना है कि बैठक के दौरान किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराने की पेशकश की जाएगी।
तीन नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर मानसून सत्र के दौरान संसद के सामने किसान धरना-प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, इससे पहले रविवार को दिल्ली पुलिस के अधिकारी किसानों के प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक करेंगे।
आज दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के साथ बैठक है, बैठक में 22 जुलाई के कार्यक्रम की चर्चा होगी। 22 जुलाई को हमारे 200 लोग संसद जाएंगे। हमने विपक्ष के लोगों से भी कहा है कि वो अपनी बात सदन में उठाएं: राकेश टिकैत, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता #FarmLaws pic.twitter.com/uiagxf4VCu
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 18, 2021
26 जनवरी की घटना के बाद पुलिस ज्यादा अलर्ट
गणतंत्र दिवस की घटना के बाद किसानों के संसद के सामने विरोध करने वाले इस ऐलान ने तमाम सुरक्षा एजेंसियों की चिंता बढ़ा दी है। कृषि कानून के खिलाफ किसानों के द्वारा 26 जनवरी को निकाली गई ट्रैक्टर रैली के दौरान प्रदर्शनकारी पुलिस बैरिकेडिंग को तोड़ कर सेंट्रल दिल्ली में जबरन घुसे। यहां तक की लाल किले की प्राचीर पर अपना अपना झंडा भी फहराया।
किसानों को मिल रहा विपक्ष का समर्थन
उधर, आम आदमी पार्टी (AAP) के पंजाब अध्यक्ष भगवंत मान ने शुक्रवार को सभी राजनीतिक दलों के सांसदों को एक खुला पत्र लिखकर किसानों का समर्थन करने के लिए कहा। उन्हें केंद्र को अपने कृषि कानूनों (agricultural laws) को रद्द करने के लिए मजबूर करने का आग्रह किया है। आप सांसद का पत्र ऐसे वक्त आया है जब संयुक्त किसान मोर्चा ने बुधवार को कहा था कि उसने मानसून सत्र के दौरान संसद में सभी सांसदों को कृषि कानूनों को खत्म करने और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानूनी गारंटी की मांग करने के लिए एक ‘पीपुल्स व्हिप’ जारी की है। वहीं आंदोलनकारी किसानों ने कहा है कि 22 जुलाई से मानसून सत्र के अंत तक संसद के बाहर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करेंगे।