रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) के वार्षिक व्यापार शिखर सम्मेलन-2025 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को लेकर एक बड़ा बयान दिया। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पीओके में रहने वाले लोग एक दिन भारत की मुख्यधारा में अवश्य लौटेंगे। उन्होंने कहा कि वहां रहने वाले अधिकांश लोग भारत से गहरा जुड़ाव महसूस करते हैं, हालांकि कुछ लोगों को बहका दिया गया है।
राजनाथ सिंह ने आगे उदाहरण देते हुए कहा कि पीओके में रह रहे हमारे भाइयों की स्थिति ठीक वैसी है जैसी महाराणा प्रताप के छोटे भाई शक्ति सिंह की थी। उन्होंने कहा, "छोटे भाई के अलग हो जाने के बावजूद बड़े भाई को उस पर पूरा भरोसा बना रहता है। महाराणा प्रताप कहते थे, ‘तब कुपंथ को छोड़ सुपथ पर स्वयं चला आएगा, मेरा ही भाई है, मुझसे दूर कहां जाएगा।’"
"स्वयं लौटकर कहेगा, मैं भारत ही हूं"
राजनाथ सिंह ने भरोसे के साथ कहा कि भारत हमेशा दिलों को जोड़ने की बात करता आया है। उन्होंने कहा, "वो दिन दूर नहीं जब पीओके, जो हमारे शरीर का ही एक अंग है, स्वयं लौटकर कहेगा कि ‘मैं भारत ही हूं, मैं वापस आया हूं।’ पीओके का भारत में विलय देश की सांस्कृतिक, सामाजिक और आर्थिक समृद्धि से ही संभव होगा।"
उन्होंने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर के लोग हमारे अपने हैं और हमारे परिवार का ही हिस्सा हैं। "हम 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' के संकल्प के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं और हमें पूरा विश्वास है कि आज जो भाई हमसे राजनीतिक और भौगोलिक रूप से अलग हैं, वो अपने आत्मसम्मान और अंतरात्मा की आवाज पर लौटकर भारत की मुख्यधारा में जरूर शामिल होंगे," राजनाथ सिंह ने कहा।
#WATCH | Delhi: Defence Minister Rajnath Singh says, "Most of the people in PoK feel a deep connection with India, there are only a few who have been misled. The situation of our brothers living in PoK is similar to that of the brave warrior Maharana Pratap`s younger brother… pic.twitter.com/B8Pj13rtjT
— ANI (@ANI) May 29, 2025
"डिफेंस सेक्टर ने पाई नई ऊंचाइयां"
समारोह में रक्षा मंत्री ने देश के रक्षा क्षेत्र की प्रगति पर भी रोशनी डाली। उन्होंने कहा कि बतौर रक्षा मंत्री उन्हें यह कहते हुए गर्व हो रहा है कि भारत के विकास की यात्रा में अब डिफेंस सेक्टर की भागीदारी भी अहम हो चुकी है। बीते दस वर्षों में सरकार की नीतियों और पहलों की वजह से रक्षा क्षेत्र नई ऊंचाइयों तक पहुंचा है।
राजनाथ सिंह ने बताया कि लगभग 10-11 वर्ष पूर्व देश का डिफेंस प्रोडक्शन मात्र ₹43,746 करोड़ था, जबकि आज यह बढ़कर ₹1,46,000 करोड़ से अधिक हो चुका है। इसमें ₹32,000 करोड़ से अधिक का योगदान निजी क्षेत्र का है। उन्होंने यह भी बताया कि रक्षा निर्यात, जो पहले ₹1,000 करोड़ से भी कम था, आज ₹23,500 करोड़ के रिकॉर्ड आंकड़े तक पहुंच गया है।
देशभर की 16,000 MSMEs रक्षा उत्पादन में सक्रिय
राजनाथ सिंह ने यह भी उल्लेख किया कि आज देश की 16,000 से अधिक सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSMEs) रक्षा क्षेत्र से जुड़ी हुई हैं। ये कंपनियां न केवल आत्मनिर्भर भारत की यात्रा को सशक्त बना रही हैं बल्कि लाखों लोगों को रोज़गार भी दे रही हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सप्लाई चेन की रीढ़ ये MSMEs ही हैं।
ऑपरेशन सिंदूर और भारत की ताकत का प्रदर्शन
राजनाथ सिंह ने ऑपरेशन सिंदूर का उल्लेख करते हुए बताया कि आज भारत केवल लड़ाकू विमान और मिसाइल सिस्टम ही नहीं बना रहा, बल्कि न्यू एज वॉरफेयर टेक्नोलॉजी (New Age Warfare Technology) में भी खुद को तैयार कर रहा है। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने दिखा दिया कि हम किसी भी दुश्मन की रक्षा प्रणाली को भेद सकते हैं।
उन्होंने विस्तार से बताया कि इस ऑपरेशन में कैसे पहले आतंकियों के ठिकानों को और फिर दुश्मन के सैन्य अड्डों व एयरबेस को पूरी तरह नष्ट किया गया। उन्होंने कहा, "हम और भी बहुत कुछ कर सकते थे, लेकिन हमने शक्ति और संयम का ऐसा अद्भुत संतुलन दिखाया, जो पूरी दुनिया के लिए एक उदाहरण बन गया।"
उन्होंने आगे कहा कि आत्मनिर्भरता के मार्ग पर चलते हुए भारत अब क्रिटिकल और फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज जैसे कि AI, साइबर डिफेंस, अनमैन्ड सिस्टम्स और स्पेस-बेस्ड सिक्योरिटी में भी वैश्विक मंच पर मजबूत स्थिति बना रहा है।