कोरोना के ओमिक्रोन वैरिएंट के भारत में दस्तक देने के बाद लोगों के मन में इस संक्रमण को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे है। इस बीच न्यूज एजेंसी ANI से बात करते हुए, टाटा इंस्टीट्यूट फॉर जेनेटिक्स एंड सोसाइटी के निदेशक डॉ राकेश मिश्रा ने कहा कि इस वायरस से ज्यादा डरने की आवश्कता नहीं है। क्योंकि यह वायरस बड़े शहरों में हल्के लक्षणों के साथ ही पहुंचेगा। डॉ मिश्रा ने कहा कि इस साल की शुरुआत में जब देश कोरोना की दूसरी लहर का सामना कर रहा था तो उस वक्त डेल्टा वेरिएंट बेहद खतरनाक था। अब दक्षिण कोरिया से आया ओमिक्रोन डेल्टा वैरिएंट से भी ज्यादा संक्रामक है। लेकिन राहत की बात यह है कि यह वायरस हल्के लक्षणों के साथ प्रमुख शहरों में पहुंचेगा जो बेहद ही अच्छा संकेत है।
आपको बता दे, देश में ओमीक्रॉन से संक्रमित मरीज सबसे पहले कर्नाटक में मिला था। यहां, दो मरीज मिले थे। कर्नाटक में मिले मरीजों की उम्र 66 और 46 साल है। दोनों में हल्के लक्षण हैं और दोनों दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे। इसके बाद शनिवार को गुजरात में 72 साल के एक मरीज में ओमीक्रॉन वैरिएंटी की पुष्टी हुई है। ये मरीज 28 नवंबर को जिम्बाब्वे से जामनगर लौटा था। गुजरात के स्वास्थ्य आयुक्त जय प्रकाश शिवहरे ने व्यक्ति के ओमिक्रोन से संक्रमित होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि बुजुर्ग को दो दिसंबर को कोरोना संक्रमित पाया गया था, जिसके बाद उनके नमूने की जीनोम सीक्वेंसिंग कराई थी। वहीं मुंबई में भी साउथ अफ्रीका और दुबई से होते हुए आया शख्स ओमीक्रॉन से संक्रमित मिला है।