नवरात्रि एक ऐसा त्योहार है जिसे बहुत धूमधाम और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। यह नौ दिनों तक चलता है, जिसमें लोग माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। इसे चैत नवरात्रि भी कहा जाता है क्योंकि यह चैत महीने में मनाया जाता है, जो आमतौर पर मार्च या अप्रैल में होता है। नवरात्रि के दौरान लोग उपवासी रहते हैं और माँ दुर्गा की पूजा करके आशीर्वाद प्राप्त करने की कामना करते हैं।
नवरात्रि के उपवासी के दौरान कुछ खाद्य पदार्थों को खाने की अनुमति नहीं होती, जैसे अनाज, मांस और शराब। हालांकि, कुछ विशेष अनाज और आटे होते हैं जिन्हें नवरात्रि के दौरान भोजन बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। यहाँ कुछ ऐसे अनाज और आटे के विकल्प दिए गए हैं, जिन्हें आप नवरात्रि में उपयोग कर सकते हैं।
सिंघाड़ा (Water Chestnut Flour)
सिंघाड़ा आटा वॉटर चेस्टनट से बना होता है और यह उपवासी के दौरान सबसे लोकप्रिय आटा है। इसमें फाइबर होता है, यह कैलोरी में कम है और पोषक तत्वों से भरपूर होता है। इसे पैनकेक, पूरी या मिठाई बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है। सिंघाड़ा आटा "उपवासी-फ्रेंडली" माना जाता है और इसे अक्सर "सिंघाड़ा आटा पराठा" या "सिंघाड़ा हलवा" बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।
कुट्टू (Buckwheat Flour)
कुट्टू आटा बकवहेट के बीजों से बनता है, जो असल में एक फल के बीज होते हैं, न कि अनाज। यह नवरात्रि के दौरान खाने के लिए अनुमत होता है। कुट्टू में प्रोटीन, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं, और यह ऊर्जा और तृप्ति के लिए एक बेहतरीन विकल्प है। इसका उपयोग पूरी, रोटी या कटलेट बनाने के लिए किया जा सकता है।
राजगीरा (Amaranth Flour)
राजगीरा आटा अमरंथ पौधे से प्राप्त होता है और यह प्रोटीन, फाइबर, आयरन और कैल्शियम का एक बेहतरीन स्रोत है। यह ग्लूटेन-फ्री है और रोटी, डोसा या पुडिंग जैसे विभिन्न व्यंजन बनाने के लिए उपयोग किया जा सकता है। यह उपवासी के दौरान ऊर्जा स्तर बनाए रखने में मदद करता है और एक पौष्टिक विकल्प है।
साबूदाना (Tapioca Pearls)
साबूदाना एक लोकप्रिय खाद्य पदार्थ है जो नवरात्रि के दौरान खाया जाता है। यह कासावा जड़ से बना होता है और इसमें उच्च मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स होते हैं, जो आपको त्वरित ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसे साबूदाना खिचड़ी, वडा या खीर जैसे व्यंजन बनाने में उपयोग किया जा सकता है।
जौ (Jau)
जौ का उपयोग उपवासी के दौरान किया जाता है, खासकर जौ के आटे के रूप में। यह फाइबर में उच्च होता है और पाचन को बेहतर बनाता है। जौ को दलिया या जौ खिचड़ी बनाने में इस्तेमाल किया जा सकता है, जो हल्का और तृप्तिकर होता है। यह एंटीऑक्सीडेंट्स से भी भरपूर होता है, जो उपवासी के दौरान समग्र स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं।