RCB की जीत के बाद बेंगलुरु के एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुए दर्दनाक हादसे में अब कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है। विक्ट्री परेड के दौरान हुई भगदड़ में 11 फैंस की मौत और दर्जनों घायल होने के मामले में कब्बन पार्क पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की गई है। एफआईआर में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB), डीएनए (इवेंट मैनेजमेंट कंपनी), कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ (KSCA) की प्रशासनिक समिति और अन्य पर आपराधिक लापरवाही के आरोप लगाए गए हैं।
हाई कोर्ट ने लिया स्वत: संज्ञान, मांगी रिपोर्ट
गुरुवार को इस घटना की सुनवाई कर्नाटक हाईकोर्ट में भी हुई। अदालत ने इस मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश वी. कामेश्वर राव और न्यायमूर्ति सीएम जोशी की पीठ ने सरकार से 10 जून तक विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट की रजिस्ट्री को इस मामले को जनहित याचिका के तौर पर दर्ज करने का आदेश भी दिया गया है।
भगदड़ की वजह: फ्री एंट्री का ऐलान
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने अदालत को बताया कि स्टेडियम में फ्री एंट्री की घोषणा के चलते गेट पर भारी भीड़ जमा हो गई थी, जिससे भगदड़ मच गई। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इस मामले को नकारात्मक दृष्टिकोण से नहीं देख रही और दोषारोपण करना मकसद नहीं है, बल्कि यह जानना जरूरी है कि गलती कहां हुई ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।
हाई कोर्ट की सख्त टिप्पणी: एसओपी का पालन नहीं हुआ
हाई कोर्ट ने भीड़ नियंत्रण को लेकर गंभीर चिंता जताई और कहा कि इस तरह के बड़े सार्वजनिक आयोजनों के लिए एसओपी (Standard Operating Procedures) का पालन किया जाना चाहिए था। अदालत को बताया गया कि उस दिन स्टेडियम और उसके आसपास करीब 2.5 लाख लोग जमा हो गए थे, जबकि स्टेडियम की क्षमता केवल 30 हजार लोगों की है। लोगों को यह अंदाजा नहीं था कि अंदर कितनी भीड़ है।
घटनास्थल पर एंबुलेंस की कमी, सरकार ने दी सफाई
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी की कि घटनास्थल पर एंबुलेंस और आस-पास के अस्पतालों की पूरी जानकारी पहले से होनी चाहिए थी। इस पर सरकार की ओर से बताया गया कि एंबुलेंस तो मौजूद थीं, लेकिन इतनी बड़ी घटना के लिहाज से पर्याप्त नहीं थीं। सरकार ने यह भी बताया कि मजिस्ट्रेट जांच शुरू हो चुकी है, जो 15 दिन में पूरी कर ली जाएगी। शशि किरण शेट्टी ने कहा, "किसी को बख्शा नहीं जा रहा है, हम जांच कर रहे हैं कि कहां चूक हुई।"