बिहार की राजधानी पटना, गंगा नदी के दक्षिणी किनारे बसा एक प्राचीन शहर है। यह ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है और प्राचीन काल में इसे पाटलिपुत्र के नाम से जाना जाता था। पटना न केवल अपने ऐतिहासिक धरोहरों के लिए मशहूर है, बल्कि यह एक जीवंत सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र भी है।
अगर आप परीक्षा के बाद अपने बच्चों के साथ घूमने का प्लान बना रहे हैं या परिवार संग एक यादगार यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो पटना एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। यह समय यहां यात्रा के लिए अनुकूल रहेगा क्योंकि न तो अधिक गर्मी होगी और न ही ज्यादा ठंड। आइए जानते हैं पटना में घूमने के लिए कौन-कौन सी बेहतरीन जगहें हैं।
तख्त श्री पटना साहिब – सिख धर्म का पवित्र स्थल
पटना सिटी में स्थित तख्त श्री पटना साहिब सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी का जन्मस्थान है। यह पांच पवित्र तख्तों में से एक है और सिख धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण तीर्थ स्थल है।
गुरुद्वारा का निर्माण महाराजा रणजीत सिंह द्वारा करवाया गया था और यह भव्य वास्तुकला का उदाहरण है। यहां आने वाले श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक शांति और धार्मिक महत्व का अनुभव मिलता है। यहां गुरुबाणी की गूंज और लंगर सेवा का विशेष महत्व है, जहां हर जाति और धर्म के लोग एक साथ बैठकर भोजन करते हैं।
अगर आप पटना घूमने जा रहे हैं, तो पटना साहिब के दर्शन अवश्य करें और यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव करें।
गोलघर – रहस्यमयी संरचना और मनोरम दृश्य
पटना के गांधी मैदान के पश्चिम में स्थित गोलघर एक अनोखी ऐतिहासिक संरचना है। इसे कैप्टन जॉन गारस्टिन ने 1786 में अनाज भंडारण के लिए बनवाया था, लेकिन इसका दरवाजा अंदर की ओर खुलता है, जिसके कारण इसे कभी अनाज रखने के लिए उपयोग में नहीं लाया गया।
गोलघर की सबसे खास बात यह है कि इसमें 145 सर्पिल सीढ़ियां हैं, जिनसे चढ़कर आप ऊपर तक पहुंच सकते हैं। ऊपर से पूरे पटना शहर का अद्भुत नज़ारा देखने को मिलता है, साथ ही गंगा नदी का शांत और मनोरम दृश्य भी नजर आता है।
अगर आप इतिहास, वास्तुकला और सुंदर दृश्यों का आनंद लेना चाहते हैं, तो गोलघर आपके यात्रा कार्यक्रम में जरूर शामिल होना चाहिए।
बिहार संग्रहालय – इतिहास और संस्कृति की झलक
पटना स्थित बिहार संग्रहालय कला, संस्कृति और इतिहास का खजाना है। यह संग्रहालय बिहार की समृद्ध धरोहर को प्रदर्शित करता है और विशेष रूप से बच्चों और इतिहास प्रेमियों के लिए ज्ञानवर्धक स्थल है।
संग्रहालय में विभिन्न दीर्घाएं हैं, जिनमें प्राचीन मूर्तियां, ऐतिहासिक दस्तावेज़, पेंटिंग्स और सिक्कों का संग्रह शामिल है। यह संग्रहालय 100 साल पुराने पटना संग्रहालय से जुड़ा हुआ है और इसकी अनोखी कलाकृतियां इसे खास बनाती हैं।
यहां की मुख्य आकर्षण में से एक दिदरगंज यक्षिणी की मूर्ति है, जो मौर्य काल की उत्कृष्ट कारीगरी का उदाहरण है। बच्चों को इतिहास और पुरातत्व में रुचि हो तो यह स्थान उनके लिए बेहतरीन साबित हो सकता है।
संजय गांधी जैविक उद्यान (चिड़ियाघर) – प्रकृति और वन्यजीवों की दुनिया
पटना में स्थित संजय गांधी जैविक उद्यान, जिसे पटना जू भी कहा जाता है, भारत के सबसे प्रसिद्ध चिड़ियाघरों में से एक है।
यहां पर 110 से अधिक प्रजातियों के 800 से ज्यादा जानवर देखे जा सकते हैं, जिनमें बाघ, तेंदुआ, दरियाई घोड़ा, हाथी, मगरमच्छ, हिमालयी काले भालू, चित्तीदार हिरण, पहाड़ी मैना, घड़ियाल, अजगर, चिंपांजी, जिराफ, ज़ेब्रा, काले हिरण और सफेद मोर शामिल हैं।
इसके अलावा, यहां एक सुंदर बॉटनिकल गार्डन भी है, जहां सैकड़ों प्रजातियों के पेड़-पौधे और दुर्लभ औषधीय जड़ी-बूटियां मौजूद हैं। बच्चों के लिए यह एक बेहतरीन जगह है, जहां वे प्रकृति और वन्यजीवों के बारे में सीख सकते हैं और साथ ही बोट राइडिंग और टॉय ट्रेन का मजा ले सकते हैं।
गांधी घाट – गंगा आरती का दिव्य अनुभव
पटना का गांधी घाट, गंगा नदी के किनारे स्थित एक सुंदर और ऐतिहासिक स्थल है। इस घाट का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखा गया है क्योंकि उनकी अस्थियों का विसर्जन यहीं किया गया था।
गांधी घाट की खासियत यहां होने वाली गंगा आरती है, जो हर शाम को आयोजित की जाती है। इसमें सैकड़ों दीप जलाकर गंगा मैया की आराधना की जाती है, जो देखने में बेहद मनमोहक लगता है। अगर आप पटना घूमने आए हैं, तो इस आध्यात्मिक अनुभव को मिस न करें।
इसके अलावा, आप यहां बोटिंग का भी आनंद ले सकते हैं और गंगा नदी में सूर्योदय और सूर्यास्त के अद्भुत दृश्यों को निहार सकते हैं।
पटना की यात्रा क्यों करें?
इतिpaहास और संस्कृति: पटना का समृद्ध इतिहास इसे भारत के प्रमुख पर्यटन स्थलों में शामिल करता है।
धार्मिक स्थलों की भरमार: तख्त श्री पटना साहिब, महावीर मंदिर और कई अन्य धार्मिक स्थान आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करते हैं।
परिवार और बच्चों के लिए बेहतरीन स्थान: चिड़ियाघर, संग्रहालय और गोलघर बच्चों और परिवार के लिए ज्ञानवर्धक और रोमांचक हैं।
खानपान का अनोखा स्वाद: यहां का लिट्टी-चोखा, खाजा, ठेकुआ और मटन करी खाने के शौकीनों के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं।
गंगा आरती का दिव्य अनुभव: गंगा के तट पर गांधी घाट पर होने वाली आरती आत्मिक शांति प्रदान करती है।