बोर्ड एक्जाम के लिए योगासन: बच्चों का तनाव कम करें और याददाश्त बढ़ाएं
By: Nupur Rawat Sat, 30 Nov 2024 5:25:24
बोर्ड एक्जाम में अब सिर्फ दो महीने रह गए हैं, और इस समय बच्चों के साथ-साथ उनके पैरेंट्स की चिंता भी बढ़ जाती है। बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान देना और उन्हें जरूरी सुविधाएं देना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। लेकिन बच्चों का केवल पढ़ाई पर फोकस करना ही काफी नहीं है, यह जरूरी है कि जो कुछ वे पढ़ते हैं, वह उनके दिमाग में अच्छे से बना रहे। एक्जाम के समय उनके मन और दिमाग को शार्प बनाए रखने के लिए योगासन काफी मददगार हो सकते हैं। आइए जानें कौन से योगासन बच्चों के लिए बोर्ड एक्जाम में ज्यादा अंक लाने में मदद करेंगे।
प्राणायाम:
- सबसे पहले, एक शांत और आरामदायक स्थान पर बैठें। आप पद्मासन, सुखासन या किसी भी आरामदायक मुद्रा में बैठ सकते हैं।
- अपनी पीठ को सीधी रखें और शरीर को ढीला छोड़ दें।
- आंखें बंद करें और श्वास पर ध्यान केंद्रित करें।
- श्वास को सामान्य रूप से लेना और छोड़ना शुरू करें। श्वास की गहरी आवाज सुनें और उसकी गति पर ध्यान दें।
- गहरी सांस लें और धीरे-धीरे छोड़ें।
- अपनी दाहिनी अंगुली से दाहिने नथुने को बंद करें।
- बाएं नथुने से गहरी सांस लें और इसे कुछ सेकंड तक रोके रखें।
- अब बाएं नथुने को बंद करें और दाहिने नथुने से सांस छोड़ें।
- फिर दाहिने नथुने से गहरी सांस लें, और बाएं नथुने से छोड़ें।
- इस प्रक्रिया को 5-10 मिनट तक दोहराएं।
- अपनी रीढ़ को सीधी रखते हुए, अपनी नथुनों से तेजी से श्वास बाहर छोड़ें। सांस को छोड़ते समय पेट अंदर की ओर खींचें और फिर स्वाभाविक रूप से श्वास लें।
- श्वास छोड़ते समय पेट में हल्का सा संकुचन होगा। इस प्राणायाम को 1-2 मिनट तक करें।
- अपनी आंखों को बंद करें और अंगुलियों से कान के पास की नलिकाओं को दबाएं।
- फिर धीरे-धीरे और गहरी सांस लें, इसके बाद गहरी आवाज में "म" ध्वनि करते हुए श्वास छोड़ें।
- इस ध्वनि को 5-10 बार दोहराएं और शांति का अनुभव करें।
- सांस लेते समय गले में हल्का सा शोर करें, जैसे किसी समुद्र की लहरों की आवाज सुनाई देती हो।
- श्वास को गहरी और लंबी गति से लें और धीरे-धीरे छोड़ें। इस प्राणायाम को 5-10 मिनट तक करें।
- अब, शांत हो जाएं और अपनी सांस पर ध्यान केंद्रित करें।
- जैसे ही आप श्वास लेते हैं, मानसिक रूप से "मैं सांस ले रहा हूं" कहें, और जब आप श्वास छोड़ते हैं, तो "मैं श्वास छोड़ रहा हूं" कहें।
- इस ध्यान को कुछ समय तक बनाए रखें, जिससे आपकी मानसिक स्थिति शांति प्राप्त कर सके।
ताड़ासन:
- सबसे पहले, एक शांत और समतल स्थान पर खड़े हो जाएं। अपने पैरों को एक-दूसरे से हल्का सा अलग रखें, और पैर की उंगलियों को फैलाकर रखें।
- अपनी पीठ को सीधा रखें, और कंधे पीछे की ओर खींचें। हाथों को शरीर के पास सीधा रखें और हाथों की हथेलियां शरीर की दिशा में हों।
- धीरे-धीरे गहरी सांस लें और अपने दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींचते हुए लाएं।
- जब आप सांस लें, तो अपनी बांहों को ऊपर की ओर पूरी तरह से खींचें, जैसे आप किसी ऊंची वस्तु को छूने की कोशिश कर रहे हों।
- हाथों को एक-दूसरे के पास रखें और हथेलियों को एक साथ जोड़े, अगर संभव हो तो अपनी उंगलियों को लॉक कर लें।
- अब, अपने पैरों के आंतरिक हिस्से को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें। धीरे-धीरे अपने शरीर को ऊपर की ओर खींचते हुए खड़ा रहें।
- ध्यान रखें कि आपका शरीर एक सीधी रेखा में हो, और आपकी पीठ और पेट तानकर रखें।
- सांस की प्रक्रिया को लगातार बनाए रखें। हर बार गहरी सांस लें और शरीर को खींचते हुए ऊपर की दिशा में खड़ा करें।
- शरीर के सभी हिस्सों को खींचने का अनुभव करें और पूरी तरह से संतुलन बनाए रखें। अपने शरीर को स्थिर और शांत रखने की कोशिश करें।
- अब, धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए हाथों को नीचे लाकर शरीर के पास रखें।
- अपनी आंखें खोलें और ताड़ासन से बाहर आकर सामान्य रूप से खड़े हो जाएं।
वृक्षासन:
- सबसे पहले, एक शांत और समतल स्थान पर सीधे खड़े हो जाएं। अपने दोनों पैरों को एक-दूसरे के समानांतर रखें और हाथों को शरीर के पास रखें।
- शरीर को पूरी तरह से सीधा और स्थिर रखें। कमर सीधी रखें और सिर को ऊपर की ओर खींचे।
- अब अपने दाएं पैर को घुटने से मोड़ते हुए, पैर के तलवे को बाएं जांघ के अंदर की ओर रखें (अगर बाएं पैर पर वृक्षासन करना है तो बाएं पैर का चयन करें)।
- ध्यान रखें कि पैर की एड़ी को जांघ की नसों के पास रखें, और पैर को बहुत ज्यादा ऊपर न रखें ताकि संतुलन बना रहे। पैर को मजबूती से रखे ताकि संतुलन में कोई दिक्कत न हो।
- अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर लाएं और दोनों हाथों की हथेलियों को एक-दूसरे के सामने जोड़ें, जैसे आप प्रार्थना कर रहे हों (नमस्कार मुद्रा)।
- यदि आप थोड़ी और चुनौती लेना चाहते हैं, तो हाथों को ऊपर की ओर सीधा भी खींच सकते हैं, जैसे पेड़ की शाखाएं ऊपर की ओर फैलती हैं।
- अब ध्यान केंद्रित करें और संतुलन बनाने की कोशिश करें। अपने शरीर को स्थिर रखें और दिमाग को शांत रखें।
- जब आप इस आसन में स्थिर हों, तो गहरी और लंबी सांसें लें और अपने शरीर को पूरी तरह से खींचते हुए सांसों के साथ ध्यान रखें।
- कुछ समय बाद, धीरे-धीरे हाथों को नीचे लाकर सामान्य स्थिति में आ जाएं। फिर दूसरे पैर पर भी यही प्रक्रिया दोहराएं।
आसन से बाहर आते समय ध्यान रखें कि शरीर को धीरे से आराम में लाया जाए और संतुलन बनाए रखें।
पश्चिमोत्तासन:
- सबसे पहले, अपनी जांघों को सीधा करके और पैरों को एक साथ रखकर जमीन पर बैठें। पैरों के अंगूठे सीधे ऊपर की ओर हों और पैर एक-दूसरे के संपर्क में हों।
- अपनी रीढ़ को सीधा रखें और दोनों हाथों को ऊपर की ओर उठाएं। अब, गहरी सांस लेते हुए शरीर को आगे की ओर झुका लें।
- जैसे-जैसे आप आगे की ओर झुका रहे हैं, अपनी हाथों को पैरों की अंगुलियों या तलवों तक पहुंचाने की कोशिश करें। अगर आपकी उंगलियाँ पैरों तक नहीं पहुँच पा रही हैं, तो आप अपने पैरों के पास रखे हुए घुटनों को हल्का सा मोड़ सकते हैं।
- जब आप इस स्थिति में पहुंच जाएं, तो गहरी सांसें लें और इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक बने रहें। जितनी बार आप प्राणायाम के साथ गहरी सांस लें, शरीर को और अधिक ढीला और आरामदायक महसूस होगा।
- इस आसन के दौरान, अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करें और शरीर के हर अंग को पूरी तरह से ढीला होने दें। इससे मानसिक शांति मिलती है।
- धीरे-धीरे अपनी पीठ को सीधा करें और हाथों को ऊपर की ओर लेकर शरीर को सीधा खड़ा करें। फिर, शांति से आराम करें।
सर्वांगसन:
- सबसे पहले, अपनी पीठ के बल सीधे जमीन पर लेट जाएं। पैरों को सीधे रखें और हाथों को शरीर के पास रखें। ध्यान रखें कि शरीर पूरी तरह से आरामदायक हो और पीठ की स्थिति सीधी हो।
- अब धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को एक साथ उठाएं और उन्हें सिर के ऊपर लाने की कोशिश करें। पैरों को सीधे रखें, और उनके बीच एक हल्का अंतराल रख सकते हैं।
- जब आपके पैर ऊपर की ओर उठ जाएं, तो अपने दोनों हाथों को कमर के नीचे रखें और कमर को सपोर्ट देने के लिए पैरों को सीधा रखने की कोशिश करें। इससे शरीर का संतुलन बनाए रखने में मदद मिलेगी।
- धीरे-धीरे शरीर के बाकी हिस्सों को भी ऊपर की ओर उठाएं। सबसे पहले कमर और फिर कंधों को ऊपर उठाएं। सिर, गर्दन और कंधे केवल जमीन पर संपर्क करते हैं, जबकि बाकी शरीर हवा में होता है।
- इस स्थिति में, शरीर पूरी तरह से ऊर्ध्वाधर (90 डिग्री) स्थिति में होना चाहिए। इस आसन में 20-30 सेकंड तक रहें और अपनी श्वास पर ध्यान केंद्रित करें। जितना संभव हो सके, अपनी श्वास को गहरी और धीमी रखें।
- जब आप इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए तैयार हों, तो धीरे-धीरे कमर को नीचे लाते हुए, पहले पैरों को और फिर कंधों को जमीन पर लाएं। अंत में, अपने पैरों को सीधा करें और शांति से आराम करें।
हलासन :
- सबसे पहले, अपनी पीठ के बल सीधे जमीन पर लेट जाएं। दोनों हाथ शरीर के पास रखें और पैरों को एक साथ सीधा रखें। अपनी पीठ, गर्दन और सिर को आराम से रखें।
- अब धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को सीधा करते हुए, एक साथ ऊपर की ओर उठाएं। सबसे पहले अपने पैरों को 90 डिग्री के कोण पर उठाएं, फिर उन्हें सिर की ओर लाने की कोशिश करें।
- जैसे ही पैर सिर के पास पहुंचें, अपने पैरों को सिर के पीछे की ओर पूरी तरह से फैलाने की कोशिश करें। पैरों को जितना हो सके, फ्लेक्सिबल रखें और हल्के से नीचे की ओर झुका लें।
- अब अपने दोनों हाथों को जमीन पर रखें और कंधे के नीचे से सपोर्ट देने के लिए, अपने हाथों को पीठ के नीचे रखें। यह आपको स्थिरता प्रदान करेगा और पैर को ठीक से नीचे लाने में मदद करेगा।
- अब पूरे शरीर को फ्लेक्सिबल और हल्का रखते हुए, अपने पैरों को सिर के पीछे पूर्ण रूप से सीधा करें। आपकी पूरी पीठ और कंधे जमीन पर सपोर्ट में होंगे, जबकि पैर ऊपर की दिशा में होंगे। शरीर को पूरी तरह से लचीला और खिंचाव वाली स्थिति में रखें।
- इस स्थिति में 20-30 सेकंड तक रहें और गहरी श्वास लें। धीरे-धीरे श्वास को नियंत्रित करें और शरीर को पूरी तरह से शांत रखें।
- जब आप इस आसन से बाहर निकलने के लिए तैयार हों, तो धीरे-धीरे अपने पैरों को ऊपर से नीचे लाकर, पहले उन्हें 90 डिग्री तक लाएं और फिर वापस सीधा करें। अंत में, अपने पैरों को सीधा करके आराम से लेट जाएं।
योगासन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें:
- हमेशा शांत और हवादार स्थान पर योगासन करें।
- योगासन करते समय शरीर को धीरे-धीरे और बिना जोर लगाए खींचें।
- अपने श्वास पर ध्यान केंद्रित करें और उसे धीरे-धीरे नियंत्रित करें।
- योगासन करते वक्त किसी भी दर्द या असहजता का अनुभव हो तो तुरंत रुक जाएं।
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