बढती उम्र में दृष्टि हानि का सामान्य कारण है मोतियाबिंद, इन घरेलू नुस्खों से मिलेगी मदद
By: Priyanka Maheshwari Wed, 13 Mar 2024 10:30:53
शरीर के संवेदनशील अंगों में से एक हैं हमारी आंखें जो इस खूबसूरत दुनिया को देखने में मदद करती हैं। बढ़ती उम्र के साथ आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है जिसका असर अन्य शारीरिक गतिविधियों पर भी पड़ता हैं। आंखों से जुड़ी एक समस्या हैं मोतियाबिंद जो आज के समय में कई लोगों के लिए परेशानी बना हुआ हैं। मोतियाबिंद एक ऐसा रोग है जो उम्र बढ़ने के साथ लोगों के जीवन का हिस्सा बन जाता हैं। उम्रभर आपकी आँखें सीधे सूरज और अल्ट्रवॉयलेंट किरणों के सामने रहती हैं। लेकिन आंखों में रेडिकल्स बनने से बुढ़ापे में ये मोतियाबिंद का शिकार हो जाती हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि इसका एकमात्र उपचार सर्जरी है। लेकिन कुछ घरेलू नुस्खों की मदद से इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता हैं। आइये जानते हैं इन नुस्खों के बारे में...
लहसुन
मोतियाबिंद की समस्या में लहसुन का उपयोग लाभकारी हो सकता है। दरअसल, लहसुन में एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। यह आंखों में ऑक्सिडेटिव स्ट्रेस के कारण होने वाले प्रभाव को कम कर मोतियाबिंद को रोकने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए रोज एक या दो बार दो लहसुन की कलियों को चबाएं। आप अपने पसंदीदा व्यंजनों में भी लहसुन को शामिल कर सकते हैं।
गाजर का जूस
गाजर नज़र को सुधारने में मदद करता है और ये गुण सभी जानते हैं कि गाजर आँखों के लिए बेहद फायदेमंद होता है। गाजर विटामिन ए से समृद्ध होती है और ये आँखों में विटामिन ए की कमी को पूरा करता है। ये आँखों को मोतियाबिंद से लम्बे समय तक बचाता है। इसके लिए सबसे पहले गाजर को छील लें। अब इसका जूस निकाल लें। जूस निकालने के बाद इसे पी जाएँ। इस जूस को पूरे दिन में एक या दो बार ज़रूर पियें।
नींबू का रस
मोतियाबिंद में नींबू का इस्तेमाल भी लाभदायक माना गया है। इसमें साइट्रिक एसिड की मौजूदगी के कारण इसका नियमित उपयोग आंखों में जलन और अन्य लक्षणों को शांत करने में मदद कर सकता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण भी होते हैं, जो मोतियाबिंद को कम करने में मदद कर सकते हैं। दैनिक इस्तेमाल के लिए नींबू के रस को एक चम्मच पानी के साथ मिलाएं। फिर इसमें कॉटन बॉल को भिगोएं। बंद पलकों के ऊपर कॉटन बॉल रखें और उसे लगभग 20 मिनट तक रहने दें। अब कॉटन को हटाएं और सादे पानी से अपनी आंखें को धो लें।
कद्दू
गाजर के जूस की तरह कद्दू का जूस भी मोतियाबिंद के लिए बेहद प्रभावी इलाज है और ये इस समस्या से आपको बचाकर भी रखता है। बल्कि ये कद्दू का फूल है जिसमे से जूस को निकाल जाता है। आप कद्दू का जूस बनाकर पी सकते हैं। लेकिन अगर आपको कद्दू का जूस पसंद नहीं है तो इसके जूस को अपनी आँखों के ऊपर डालकर 15 के लिए ऐसे ही लगा हुआ छोड़ सकते हैं। इस प्रक्रिया को रोज़ाना करें।
शहद
शहद के फायदे कई बीमारियों में देखे गए हैं। शहद में एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं। ये दोनों प्रभाव आंखों के लेंस में आई खराबी को ठीक करने में मदद कर सकते हैं। साथ ही भविष्य में आंखों को होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं। हालांकि, आंख में शहद का इस्तेमाल करने से पहले एक बार चिकित्सक से परामर्श जरूर लें। इस्तेमाल के लिए शहद को पानी के साथ मिलाएं। इसे फ्रिज में स्टोर कर सकते हैं। आई ड्राप की मदद से इसकी 1-2 बूंद आंखों में डाल सकते हैं। आप नियमित रूप से एक चम्मच शहद का सेवन भी कर सकते हैं।
बादाम
मोतियाबिंद की वजह से कभी कभी आखें लाल दिखने लगती हैं और इनको दूर करने के लिए बादाम आपकी इस समस्या को जल्दी दूर करता है। बादाम को आप पानी या दूध दोनों में रातभर के लिए डुबोकर रख सकते हैं। सबसे पहले बादाम को पानी भी रातभर के लिए भिगोकर रख दें। फिर सुबह बादाम को छीलकर खा लें। इसके बाद एक ग्लास दूध का सेवन भी ज़रूर करें। ये न ही मोतियाबिंद का इलाज करता है बल्कि आपकी नज़र को भी ठीक रखता है।
पालक
पालक का सेवन भी मोतियाबिंद की समस्या में लाभदायक हो सकता है। दरअसल, इसमें ल्यूटिन और जेक्सैंथिन नामक कैरोटीनॉयड पाए जाते हैं। जैसा कि हमने पहले की बताया है कि आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक घटकों के रूप में ल्यूटिन और जेक्सैंथिन महत्वपूर्ण हैं। ये दोनों कैरोटीनॉयड आंखों के स्वास्थ्य को बढ़ाने के साथ ही मोतियाबिंद से आंखों की रक्षा करने में भी कारगर हो सकते हैं। रोजाना एक गिलास पालक के जूस का सेवन कर सकते हैं।
धनिया
ये तो हम सभी जानते हैं सौफ आँखों के इलाज के लिए कितना फायदेमंद है। लेकिन जब ये धनिये पाउडर के साथ मिलाया जाता है तो इसका महत्व और बढ़ जाता है। सबसे पहले धनिये पाउडर में सौफ को मिलाएं। फिर इसमें ब्राउन शुगर भी मिला लें। अब इस पूरे मिश्रण को मिक्सर में मिक्स कर लें। मिक्स करने के बाद इस मिश्रण को रोज़ाना लें। इससे मोतियाबिंद का इलाज प्राकृतिक तरीके से होगा।