कॉर्डोमा: रीढ़ की और स्कल की हड्डी में होने वाली दुर्लभ कैंसर समस्या
By: Nupur Rawat Tue, 12 Nov 2024 5:39:07
कॉर्डोमा एक दुर्लभ प्रकार का कैंसर है, जो आमतौर पर रीढ़ की हड्डी और स्कल की हड्डी में विकसित होता है। यह बीमारी बहुत कम लोगों को होती है, लेकिन यह किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है, और यहां तक कि बच्चे भी इसके शिकार हो सकते हैं। यह बीमारी पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक पाई जाती है। एनसीबीआई के अनुसार, यह कैंसर पीठ, गले या रीढ़ की हड्डी में हो सकता है, लेकिन यह सामान्यत: रीढ़ या स्कल के निचले हिस्से में पाया जाता है। समय के साथ, यह शरीर के अन्य हिस्सों जैसे फेफड़े, लिवर, त्वचा आदि तक फैल सकता है। यह धीरे-धीरे फैलने वाला कैंसर है।
कॉर्डोमा के लक्षण:
कॉर्डोमा में रीढ़ और ब्रेन की नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे दर्द, सुन्नता या कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके लक्षण इस बात पर निर्भर करते हैं कि कैंसर कहां स्थित है और उसकी वृद्धि कितनी है।
- असामान्य रूप से आंखों का हिलना
- आवाज या बोलने के तरीके में बदलाव
- देखने में समस्या
- सिर दर्द
- चेहरे के भाव दिखाने में असक्षम होना
- गर्दन में र्द
- निगलने में कठिनाई
- आंतों का सही तरीके से काम न करना
- पीठ के निचले हिस्से में गांठ
- स्तब्ध हो जाना
- झुनझुनी
- हाथों और पैरों में कमजोरी
- पीठ के निचले हिस्से में दर्द
- मूत्राशय को कंट्रोल करने में समस्या
कॉर्डोमा का कारण:
डॉक्टरों के अनुसार, यह समस्या जीन में गड़बड़ी से जुड़ी होती है। कुछ परिवारों में टीवीएक्सटी जीन की अतिरिक्त कॉपी बन जाती है, जिसे डुप्लीकेट जीन कहा जाता है। इस कारण उन परिवारों में कॉर्डोमा होने का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा, जिन परिवारों में इस बीमारी का इतिहास नहीं था, उनके भीतर भी टीवीएक्सटी जीन की क्रियाओं में वृद्धि पाई गई है।
कॉर्डोमा के प्रकार:
कॉर्डोमा के तीन मुख्य प्रकार होते हैं:
क्लासिक कॉर्डोमा: यह सबसे आम प्रकार का कॉर्डोमा है, जो एक अनोखी प्रकार की कोशिका से बनता है जो बुलबुले जैसे दिखते हैं।
डिफरेंशिएटेड कॉर्डोमा: यह एक दुर्लभ प्रकार का कॉर्डोमा है, जो असामान्य कोशिकाओं के मिश्रण से बनता है। यह अधिक आक्रामक होता है और तेजी से बढ़ने की संभावना अधिक रहती है।
खराब रूप से विभेदित कॉर्डोमा: यह प्रकार अत्यंत दुर्लभ होता है और बच्चों तथा युवा वयस्कों को अधिक प्रभावित करता है।
कॉर्डोमा का निदान:
कॉर्डोमा का निदान इमेजिंग टेस्ट के माध्यम से किया जाता है, जिससे यह पता चलता है कि कैंसर शरीर के किस हिस्से में है और उसका आकार कितना बड़ा है।
- एक्स-रे
- सीटी स्कैन
- एमआरआई
इसके अलावा, बायोप्सी द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि कैंसर कहां स्थित है।
कॉर्डोमा का इलाज:
कॉर्डोमा का इलाज ट्यूमर की स्थिति और आकार के आधार पर किया जाता है। इलाज के विकल्पों में शामिल हैं:
- सर्जरी
- रेडिएशन थेरेपी
डिस्क्लेमर: यह लेख सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी प्रकार के चिकित्सा उपचार का विकल्प नहीं हो सकता। किसी भी बीमारी या इलाज से संबंधित अधिक जानकारी के लिए कृपया अपने डॉक्टर से संपर्क करें।