जयपुर। राजस्थान के कृषि विभाग में नकली और घटिया खाद-बीज की सप्लाई के गंभीर मामले में राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के निर्देश पर विभाग ने 11 अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इन पर माफियाओं के साथ मिलीभगत और लापरवाही के आरोप हैं, जिससे प्रदेश भर के किसानों को नुकसान झेलना पड़ा।
दो चरणों में हुई निलंबन की कार्रवाई, मचा हड़कंप
उप सचिव नवरत्न कोली की ओर से जारी आदेश के अनुसार, निलंबित अधिकारियों को जयपुर स्थित कृषि मुख्यालय में रिपोर्ट करने को कहा गया है। उन्हें नियमों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा, लेकिन अब तक के कार्यकाल की जांच भी शुरू कर दी गई है।
पहले आदेश में 8 अधिकारी निलंबित:
—बंशीधर जाट (उप निदेशक)
—ज्वाला प्रताप सिंह (सहायक निदेशक)
—गोविंद सिंह (सहायक निदेशक)
—मुकेश चौधरी (सहायक निदेशक)
—राजवीर ओला (कृषि अधिकारी)
—सौरभ गर्ग (कृषि अधिकारी)
—मुकेश माली (कृषि अधिकारी)
—कैलाश चंद शर्मा (कृषि अधिकारी)
इन पर आरोप है कि इन्होंने फैक्ट्री मालिकों के साथ मिलीभगत कर किसानों को नकली व घटिया गुणवत्ता वाला बीज और खाद सप्लाई किया।
दूसरे आदेश में 3 अधिकारी निलंबित:
—लोकेंद्र सिंह (सहायक निदेशक)
—सुनील बरडिया (कृषि अधिकारी)
—प्रेम सिंह (कृषि अधिकारी)
इन अधिकारियों ने अवैध भंडारण की शिकायतों पर समय पर कार्रवाई नहीं की, जिससे कई स्थानों पर नकली खाद खुलेआम बिकती रही।
मंत्री किरोड़ी लाल मीणा का सख्त संदेश
कृषि मंत्री ने दो टूक कहा है कि "किसानों के साथ धोखा अब बर्दाश्त नहीं होगा।" उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई उन सभी अधिकारियों के लिए चेतावनी है, जो माफियाओं के साथ गठजोड़ कर किसानों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। मंत्री ने यह भी कहा कि इस प्रकार की भ्रष्ट कार्यशैली को जड़ से खत्म किया जाएगा और दोषी पाए जाने वालों पर आगे भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
छापेमारी और कार्रवाई का सिलसिला जारी
गौरतलब है कि कृषि विभाग पिछले कई महीनों से फर्जी खाद कंपनियों पर कार्रवाई और छापेमारी अभियान चला रहा है। हाल ही में ललित मोदी के बेटे की फैक्ट्री पर भी छापा पड़ा था। जांच में सामने आया कि कई जगहों पर खाद के नाम पर केवल रासायनिक चूर्ण या कम गुणवत्ता वाला मिश्रण किसानों को बेचा जा रहा था।
पारदर्शिता और जवाबदेही की ओर बढ़ता विभाग
इस पूरे प्रकरण के बाद विभाग में पारदर्शिता और जवाबदेही को लेकर नई उम्मीद जगी है। किसानों के हक की रक्षा और भरोसे को बहाल करने के लिए मंत्री किरोड़ी लगातार खुद निगरानी कर रहे हैं। फिलहाल निलंबित अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच जारी है और भविष्य में एफआईआर या सेवा से बर्खास्तगी जैसे कड़े कदम भी उठाए जा सकते हैं।
यह कार्रवाई राजस्थान की नौकरशाही में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश है। सरकार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि किसानों के अधिकारों से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह कोई भी पद पर क्यों न हो।