पायलट बनने का सपना सिर्फ आसमान छूने का ख्वाब नहीं होता, वो बचपन से दिल में पलती एक मजबूत जिद होती है... उड़ने की, ऊंचाइयों को छूने की, दुनिया को देखने की और खुद को साबित करने की जिद। लेकिन ये शानदार सफर कहने जितना आसान नहीं होता, इसमें जुनून, मेहनत और धैर्य की भी जरूरत होती है। किताबों की पढ़ाई, थ्योरी की तैयारी, कड़ी ट्रेनिंग, हजारों घंटे की फ्लाइंग और अंतहीन संघर्ष.. तब जाकर पायलट की यह प्रेरणादायक जर्नी पूरी होती है। जो युवा पायलट बनना चाहते हैं, अक्सर वो इस पद मिलने वाली सैलरी, पद की प्रतिष्ठा और जिम्मेदारियों के बारे में भी जानना चाहते हैं... इस आर्टिकल में आप इसके हर पहलू को विस्तार से जान सकते हैं।
कमर्शियल पायलट बनने के लिए उम्मीदवारों को फिजिक्स और मैथ्स के साथ 12वीं पास होना चाहिए। इसके साथ ही किसी मान्यता प्राप्त फ्लाइंग स्कूल से ट्रेनिंग लेकर अभ्यर्थियों को CPL लाइसेंस यानी कमर्शियल पायलट लाइसेंस लेना होता है। इस लाइसेंस को DGCA (Directorate General of Civil Aviation) द्वारा जारी किया जाता है, जो भारत की सबसे बड़ी एविएशन रेगुलेटरी बॉडी है।
कमर्शियल पायलट का लाइसेंस लेना बिल्कुल भी आसान नहीं होता। इसके लिए 200 घंटे की फ्लाइंग ट्रेनिंग पूरी करनी होती है। साथ ही कुछ जरूरी एग्जाम भी पास करने होते है जो कि DGCA द्वारा आयोजित किए जाते हैं। इस पूरे प्रोसेस के लिए मोटा पैसा चाहिए होता है, जो अक्सर 30 से 50 लाख रुपये के बीच हो सकता है।
पायलट की 4 बड़ी जिम्मदारियां
पायलट के ऊपर फ्लाइट उड़ान के साथ कुछ महत्वपूर्ण और तकनीकी जिम्मेदारियां भी होती हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता -
- उड़ान से पहले मौसम की स्थिति, रूट, एयर ट्रैफिक और ऑप्शनल एयरपोर्ट की प्लानिंग करनी होती है ताकि उड़ान के दौरान कोई परेशानी ना आए और फ्लाइट पूरी तरह से सुरक्षित रहे।
- हर उड़ान से पहले पायलट को एयरक्राफ्ट की तकनीकी स्थिति की गहन जांच करनी होती है। इसमें फ्यूल की मात्रा, ब्रेक सिस्टम, नेविगेशन सिस्टम, लाइट्स, इंजन की स्थिति और अन्य जरूरी चीजें होती हैं।
- फ्लाइट के दौरान पायलट को एयर ट्रैफिक कंट्रोल (ATC) के साथ पूरी तरह से संपर्क में रहना होता है ताकि किसी भी दिशा या ऊंचाई के परिवर्तन को ठीक से नियंत्रित किया जा सके।
- अगर उड़ान के दौरान किसी तकनीकी खराबी, खराब मौसम या अन्य किसी भी इमरजेंसी की स्थिति में पायलट को ही अपनी सूझबूझ और दिमाग से तुरंत प्रभाव से निर्णय लेकर स्थिति को संभालना होता है। यह उसकी जिम्मेदारी और निर्णय क्षमता की असली परीक्षा होती है।
कमर्शियल पायलट की सैलरी कितनी होती है?
CPL होल्डर फ्रेशर पायलट की एक महीने की सैलरी करीब 1.5 लाख से 3 लाख रुपये प्रति माह तक हो सकती है। वहीं 2-5 साल तक के अनुभवी पायलट को 4 लाख से 6 लाख प्रति माह तक की सैलरी मिल सकती है। 5 साल से ज्यादा अनुभवी कैप्टन को 8 लाख से 12 लाख या इससे ज्यादा वेतन मिल सकता है। इंटरनेशनल फ्लाइट्स में इसमें 2-3 लाख रुपये तक की बढ़ोतरी हो सकती है। कमर्शियल पायलट की महीने की सैलरी उनके अनुभव, उनकी रैंक, उनके द्वारा उड़ाए जाने वाली फ्लाइट और रूट के ऊपर निर्भर करती है। ऐसे में यहां बताई सैलरी में बदलाव होने भी संभव है।
पायलट को कौन सी सुविधाएं मिलती हैं?
मंथली सैलरी के अलावा पायलट को अन्य लाभ और विशेष सुविधाएं भी मिलती हैं। इसमें हाउसिंग अलाउंस, ट्रैवल बेनिफिट्स (फ्री या रियायती फ्लाइट टिकट्स), हेल्थ इंश्योरेंस, फूड अलाउंस और अन्य तरह के भत्ते भी शामिल होते हैं। कुछ एयरलाइंस पायलट्स को अंतरराष्ट्रीय स्टे के दौरान रहने की सुविधा और अलग से बोनस भी प्रदान करती हैं।