श्रीगंगानगर। राजस्थान एक बार फिर चिलचिलाती गर्मी का केंद्र बन चुका है। इस बार गर्मी ने 91 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ते हुए नया इतिहास रच दिया है। शुक्रवार को प्रदेश के श्रीगंगानगर में देश का सर्वाधिक तापमान 49.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से लगभग 8 डिग्री अधिक है। जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, इससे पहले 14 जून 1934 को इसी शहर में अधिकतम तापमान 50 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ था।
राजस्थान में इस बार गर्मी का प्रकोप सिर्फ श्रीगंगानगर तक सीमित नहीं रहा, बल्कि राज्य के अधिकांश जिले भी 44 डिग्री सेल्सियस से ऊपर झुलसते नजर आए।
प्रमुख शहरों का तापमान भी 44 डिग्री के पार
राज्यभर में गर्मी का कहर बेकाबू है। चुरू में 47.6 डिग्री, जैसलमेर में 46.9 डिग्री, बीकानेर में 46.4 डिग्री, जोधपुर में 46.3 डिग्री और फलोदी-बाड़मेर में 46.2 डिग्री तापमान रिकॉर्ड किया गया। पाली और फतेहपुर में 45 डिग्री, चित्तौड़गढ़ में 44.9 डिग्री, झुंझुनू में 44.5 डिग्री और राजधानी जयपुर में 44.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रहा।
इस तेज गर्मी से आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। सड़कों पर लोगों की आवाजाही कम हो गई है, और अस्पतालों में हीट स्ट्रोक से जुड़ी शिकायतें बढ़ रही हैं।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों की चेतावनी: सावधानी ही बचाव
राजस्थान में लगातार बढ़ते तापमान को देखते हुए चिकित्सा विशेषज्ञों और स्वास्थ्य अधिकारियों ने लोगों को दोपहर 12 से 4 बजे के बीच घर में ही रहने और भरपूर पानी पीते रहने की सलाह दी है। उन्होंने विशेष रूप से बुजुर्गों, बच्चों और बीमार व्यक्तियों को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं।
लोगों को बाहर निकलते समय छाता, टोपी, हल्के रंग के कपड़े पहनने और जितना संभव हो उतना हाइड्रेटेड रहने की अपील की गई है।
राहत की उम्मीद: शनिवार से शुरू होंगी प्री-मानसून गतिविधियां
गर्मी से राहत की एकमात्र उम्मीद अब मानसून से जुड़ी गतिविधियों से बंधी है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने भविष्यवाणी की है कि शनिवार से राजस्थान के उदयपुर, कोटा, जयपुर और भरतपुर संभागों में प्री-मानसून गतिविधियों में बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही कुछ स्थानों पर हल्की बारिश और तेज हवाएं चलने की भी संभावना जताई गई है।
जोधपुर और बीकानेर संभाग में दोपहर बाद 50–60 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से आंधी चलने और छिटपुट बारिश होने की उम्मीद है। मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि तापमान में 2 से 3 डिग्री तक गिरावट आ सकती है, जिससे थोड़ी राहत मिल सकती है।
गर्मी की मार से राहत की उम्मीद, लेकिन अलर्ट जरूरी
राजस्थान में इस समय जो गर्मी का कहर देखने को मिल रहा है, वह पिछले कई दशकों में नहीं देखा गया। श्रीगंगानगर में दर्ज किया गया 49.4 डिग्री तापमान न सिर्फ रिकॉर्ड बना रहा है, बल्कि यह दर्शाता है कि जलवायु परिवर्तन का असर अब आम जनजीवन पर साफ नजर आने लगा है।
हालांकि, मानसून पूर्व गतिविधियों की शुरुआत से राहत की उम्मीद जरूर बनी है, लेकिन इसके साथ ही लोगों को स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ी सावधानियों को बिल्कुल नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। राजस्थान की यह गर्मी सिर्फ आंकड़ों की बात नहीं, बल्कि यह हमें आने वाले समय के लिए सजग रहने की चेतावनी भी है।