गुरुवार दोपहर को, जैसे ही अहमदाबाद एयरपोर्ट से उड़ान भरने के कुछ ही क्षण बीते थे, तभी एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 एक भयावह और दिल दहला देने वाली दुर्घटना का शिकार हो गई। यह हादसा पूरे देश को झकझोर देने वाला था। 242 यात्रियों को लेकर उड़ान भरने वाला यह 787-8 ड्रीमलाइनर विमान, तेजी से उड़ान भरते हुए बीजे मेडिकल कॉलेज के हॉस्टल परिसर से आकर टकरा गया। इस भीषण टक्कर में 241 यात्रियों और चालक दल के सदस्यों की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि कॉलेज परिसर में भी कई लोगों की जान बेहद दुखद तरीके से चली गई।
प्रत्यक्षदर्शियों और बचे हुए छात्रों के अनुसार, विमान का टेल (पूंछ का हिस्सा) सबसे पहले हॉस्टल के मेस से जोरदार टकराया। इससे छत और दीवारों का बड़ा हिस्सा भयंकर धमाके के साथ गिर गया। विमान का बीच का हिस्सा, पंख और फ्लैप इस भीषण दुर्घटना में पूरी तरह से टूट गए। विमान का एक हिस्सा हॉस्टल की एक आवासीय इमारत की चौथी मंजिल से टकराया और इसके तुरंत बाद भयंकर आग भड़क उठी, जिसने पूरे इलाके को गंभीर संकट में डाल दिया।
एमबीबीएस द्वितीय वर्ष के छात्र किशन वलकी ने बताया कि लंच के तुरंत बाद जब वह सीढ़ियों से नीचे आ रहे थे तभी जोरदार धमाका हुआ। उन्होंने कहा, “दीवार मुझ पर गिरी, लेकिन एक बीम ने मुझे बचा लिया।” उन्होंने आगे बताया कि हमारे कई दोस्त मलबे में दब गए, जिससे स्थिति और भी भयावह हो गई। वलकी के मित्र राकेश दिहोरा, जो लंच के दौरान उनके साथ ही बैठे थे, मलबे में दबकर दम तोड़ बैठे। दोनों छात्र भावनगर से थे।
कई डॉक्टर, कर्मचारी और छात्र इस हादसे में हताहत हुए हैं। कॉलेज की डीन डॉ. मीनाक्षी पारिख ने जानकारी दी कि अब तक चार डॉक्टर, दो परिजन और मेस के 6 से 7 कर्मचारी लापता बताए गए हैं, जिनकी तलाश तेजी से जारी है।
एक परिवार की दर्दनाक त्रासदी सामने आई है—सरलाबेन ठाकुर जो मेस में रसोई का काम करती थीं, अपनी पोती आराध्या के साथ अंदर मौजूद थीं। उनके पति प्रह्लाद ठाकुर खाना देने बाहर निकले थे, जिसकी वजह से वो बाल-बाल बच गए। उन्होंने कहा, “जब हम दोबारा अंदर गए, तब तक फायर कर्मियों ने शव निकाल लिए थे। मुझे अब भी मेरी पोती और पत्नी की तलाश है।” उनके शब्दों में गहरा दुख और असहायता झलक रही थी।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (NDRF) के अधिकारियों ने कहा कि घायलों को मुख्य रूप से छत और दीवारों के भारी मलबे से चोटें आईं। उन्होंने बताया, “विमान के हिस्से अलग-अलग स्थानों पर गिरे थे, जिससे किसी ने शायद पूरी घटना होते हुए देखा ही नहीं। आग और धुआं इतनी तेजी से फैले कि चारों ओर सिर्फ अफरा-तफरी मच गई।”
एक और चश्मदीद, हरष चोटालिया मामूली रूप से घायल हुए। उन्होंने बताया, “पहले एक जोरदार धमाका हुआ, फिर दूसरा ब्लास्ट और उसके बाद चारों तरफ काला धुआं और आग थी। पांच मिनट तक कुछ भी दिखाई नहीं दिया। ईंधन की गंध से पूरा माहौल जहरीला और खतरनाक हो गया।”
शुक्रवार को भी विमान के टुकड़े पूरे परिसर में फैले हुए देखे गए। विमान की पूंछ मेस की छत में फंसी हुई थी और एक टायर दीवार में गहराई से धंसा हुआ मिला। गुजरात पुलिस और एयर इंडिया के अधिकारी घटनास्थल की सख्त निगरानी में तैनात रहे। अहमदाबाद नगर निगम (AMC) की टीमों ने आसपास की सड़कों की सफाई शुरू कर दी, लेकिन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि जब तक विशेषज्ञ प्रत्येक हिस्से की पूरी जांच नहीं कर लेते, तब तक कोई भी मलबा नहीं हटाया जाएगा।