इस उम्र से ही शुरू कर दें कोलेस्ट्रॉल लेवल चेक करना, हार्ट अटैक-स्ट्रोक जैसे घातक रोगों से होगा बचाव
By: Priyanka Maheshwari Thu, 01 Sept 2022 10:41:54
कोलेस्ट्रॉल एक वैक्स की तरह का पदार्थ होता है जो हमारे रक्त में पाया जाता है और कुछ कामों के लिए शरीर को इसकी जरूरत होती है। हालांकि कोलेस्ट्रॉल हमारे शरीर के लिए काफी जरूरी होता है लेकिन रक्त कोलेस्ट्रॉल को हमेशा एक विलेन के रूप में देखा जाता है। इसका लेवल ज्यादा होने पर इसे खतरनाक माना जाता है। इसका एक कारण यह है कि ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का लेवल ज्यादा होने से रक्त कोशिकाएं सिकुड़ने लगती हैं जिससे रक्त का प्रवाह प्रभावित होता है। कभी-कभी ये खून में थक्का बनने का कारण भी होते हैं। जिससे दिल का दौरा या स्ट्रोक का जोखिम बढ़ जाता है।
कोलेस्ट्रॉल को इसलिए भी काफी खतरनाक माना जाता है क्योंकि अन्य बीमारियों की तरह इसके कोई भी लक्षण शरीर में नजर नहीं आते। जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल लिमिट से ज्यादा बढ़ जाता है तब इसके कुछ -कुछ लक्षण दिखने शुरू होते हैं। ऐसे में ब्लड कोलेस्ट्रॉल लेवल को मॉनिटर करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप इसका समय-समय पर चेकअप करवाएं।
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, 20 साल की उम्र से व्यक्ति को अपना कोलेस्ट्रॉल लेवल टेस्ट करना शुरू करना चाहिए और हर 4-6 साल में ऐसा कराते रहना चाहिए। बच्चों में लिपिड के स्तर के परीक्षण के लिए, यह सलाह दी जाती है कि 9 साल की उम्र में एक बार टेस्ट कराना फायदेमंद होता है। मुंबई स्थित एक सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि बच्चों में 9 साल की उम्र में सबसे पहले लिपिड लेवल चेक करना चाहिए इसके बाद 17 से 20 साल उम्र के बीच लिपिड लेवल चेक करना चाहिए।
अमेरिका के सेंटर फॉल डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक, बच्चों की शुरुआती उम्र में ही उनका कोलेस्ट्रॉल लेवल जरूर चेक करना चाहिए। 2017 की एक स्टडी के अनुसार, 20 साल की अवधि में शहरी आबादी के बीच कुल कोलेस्ट्रॉल, एलडीएल कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड के लेवल में वृद्धि हुई है। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि 20 साल से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों को हर 5 साल में अपना कोलेस्ट्रॉल टेस्ट करवाना चाहिए और इसके बाद टेस्ट की फ्रिक्वेंसी बढ़ाई जा सकती है।
उम्र के अनुसार कितना होना चाहिए कोलेस्ट्रॉल लेवल
19 साल से ज्यादा उम्र के लोगों में कोलेस्ट्रॉल लेवल 170 मिलीग्राम/ डेसीलीटर के कम होना चाहिए। एडल्ट्स में कोलेस्ट्रॉल का नॉर्मल लेवल 200 से कम होना चाहिए। जिन लोगों का कोलेस्ट्रॉल 200 से 239 के बीच में होता है उसे बॉर्डर लाइन कहा जाता है। ऐसे में यह ध्यान रखना बेहद जरुरी है कि आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल इससे कम ही रहें।
हाई कोलेस्ट्रॉल का एक मुख्य वजह फैमिली हिस्ट्री
हाई कोलेस्ट्रॉल में जेनेटिक्स भी अहम भूमिका निभाते हैं। जिन लोगों की हाई कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री होती है उन्हें अपने शुरुआती जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि आपके परिवार के किसी करीबी सदस्य की यह स्थिति है, तो आपको इसके विकसित होने की संभावना अधिक हो जाती है। इसे पारिवारिक हाइपरकोलेस्ट्रोलेमिया (familial hypercholesterolemia) के रूप में जाना जाता है, ऐसी स्थिति में आपकी रक्त वाहिकाओं में कोलेस्ट्रॉल जमने का खतरा काफी ज्यादा होता है। जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति बहुत कम उम्र से ही हार्ट अटैक और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों के प्रति अधिक संवेदनशील हो जाता है। जिन लोगों के घर का कोई सदस्य हार्ट अटैक की समस्या से जूझ रहा है उन्हें अपने ब्लड कोलेस्ट्रॉल के लेवल को लेकर काफी सावधान रहना चाहिए।
हाई कोलेस्ट्रॉल से संबंधित बीमारियां
- सीने में दर्द या एनजाइना
- दिल का दौरा
- स्ट्रोक
- गुर्दे की बीमारी
- मधुमेह
- एचआईवी/एड्स
- हाइपोथायरायडिज्म,
- ल्यूपस
कोलेस्ट्रॉल कम कैसे करें?
कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल करने का सबसे आसान और कारगर तरीका यह है कि आप अन्हेल्दी डाइट छोड़ दें और रोजाना फिजिकल एक्टिविटी करें, मसलन आप वर्कआउट, योग, रनिंग, स्विमिंग आदि कर सकते हैं।
कोलेस्ट्रॉल को कम करने के लिए क्या करें?
धनिये के बीज
धनिया के बीज लंबे समय से विभिन्न आयुर्वेदिक उपचारों में इस्तेमाल होता रहा है। ये बीज फोलिक एसिड, विटामिन ए और विटामिन सी से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व धनिया के बीज को आपके शरीर की डिटॉक्स प्रक्रिया को तेज करते हैं। आप धनिये के बीज का पानी पी सकते हैं।
मेथी बीज
मेथी के बीजों का भी उपयोग उनके औषधीय गुणों के लिए प्राचीन काल से किया जाता रहा है। ये बीज विटामिन ई से भरपूर होते हैं और इनमें विभिन्न एंटी डायबिटिक, एंटीऑक्सिडेंट और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।
साबुत अनाज खाएं
आजकल बहुत से लोग साबुत अनाज का सेवन कम करते हैं। इसके सेवन से रक्तप्रवाह में कोलेस्ट्रॉल के अवशोषण को कम करके एलडीएल के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। ब्राउन राइस, मूसली और क्विनोआ ऐसी अद्भुत चीजें हैं, जिन्हें आप रोजाना अपनी डाइट में शामिल करते हुए कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं।
सोयाबीन
कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में सोया प्रोटीन का सेवन मदद कर सकता है। रोजाना 25 ग्राम सोया प्रोटीन का सेवन करना चाहिए। आप अपने स्किम्ड दूध को सोया मिल्क के साथ बदल सकते हैं। इसके अलावा आप सोयाबीन की सब्जी बना सकते हैं।
ओट्स
ओट्स में बीटा-ग्लूकेन्स फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में काफी मदद करता है। आप सुबह नाश्ते में ओट्स का सेवन कर सकते हैं। इसे बनाते समय नमक और चीनी का कम इस्तेमाल करें।
फल
सेब, जामुन और खट्टे फल जैसे संतरे और नींबू में पेक्टिन नामक एक प्रकार का फाइबर होता है, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। इसके अतिरिक्त, फल आवश्यक विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट का एक बड़ा स्रोत हैं।
दाल खाएं
दाल हर भारतीय घर में मुख्य भोजन का एक हिस्सा है। दाल न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं बल्कि शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद हैं। नियमित रूप से दाल खाने से हृदय स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिलती है। दालों में फैट कम और फाइबर और प्रोटीन ज्यादा मात्रा में पाया जाता है।
चीनी और मैदा से बना लें दूरी
मैदा और चीने से बने खाद्य पदार्थ हृदय रोग और उच्च एलडीएल (खराब) कोलेस्ट्रॉल जैसे बीमारियों का जोखिम बढ़ा सकते हैं। आपको अपने खाने से इन चीजों को हटा दें या फिर बहुत कम मात्रा में सेवन करें।
ऑलिव ऑयल
कलेस्ट्रॉल सबसे ज्यादा तेल की वजह से बढ़ता है। ऑलिव ऑयल के इस्तेमाल से सामान्य तेल की अपेक्षा 8 प्रतिशत तक कलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है।
मछली
मछली में ओमेगा 3 फैटी ऐसिड पाया जाता है। स्वस्थ रहने के लिए सप्ताह में दो बार स्टीम्ड या ग्रिल्ड मछली खा सकते हैं।
अलसी
कलेस्ट्रॉल को कम करने में अलसी के बीज काफी मददगार होते हैं। बेहतर होगा कि आप साबुत बीज की जगह पर उसके पाउडर का सेवन करें। आप रोटी के आटे में इसे मिलाकर सेवन कर सकते हैं।
ग्रीन टी
ग्रीन टी में कैटेचिन और अन्य एंटीऑक्सीडेंट यौगिक होते हैं जो बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने में मदद करते हैं।
प्याज
लाल प्याज हाई कलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने में काफी फायदेमंद होता है। एक चम्मच प्याज के रस में एक चम्मच शहद मिलाकर रोजाना सेवन करें।
आंवला
एक चम्मच सूखे आंवला के पाउडर को एक गिलास गर्म पानी में मिलाकर सुबह-सुबह पीने से कलेस्ट्रॉल कम होता है।
सेब का सिरका
सेब को जूस को फर्मेंट करके यह विनेगर तैयार किया जाता है। इसमें एसिटिक एसिड और सिट्रिक एसिड के अलावा विटामिन-बी, सी पाया जाता है। सिट्रिक एसिड होने के कारण पाचन बेहतर होता है। इसे पानी में मिलाकर पीने की सलाह दी जाती है। कई अध्ययनों में भी सामने आया है कि यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड का स्तर कम करता है। साथ ही खून को भी पतला करता है। जिससे शरीर में ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होता है और हार्ट डिजीज का खतरा कम होता है।
नारियल का तेल
कलेस्ट्रॉल कम करने के लिए रोज खाने के साथ आर्गेनिक नारियल के तेल का एक से दो चम्मच इस्तेमाल करें। रिफाइंड या प्रोसेस्ड नारियल के तेल का इस्तेमाल न करें।
मूंगफली
अपनी डाइट में मूंगफली को शामिल करने से सेहत अच्छी बनी रहती है। इससे ब्लड में कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होता है। एक स्टडी में बताया गया है कि एक दिन में औसतन 50 ग्राम मूंगफली खाने से कुल कोलेस्ट्रॉल लेवल में 51% की कमी आती है। इसके अलावा कम घनत्व वाले 'बैड कोलेस्ट्रॉल' यानी लिपोप्रोटीन कोलेस्ट्रॉल का लेवल 7.4% कम होता है।
अखरोट
अखरोट में ओमेगा-3 और मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड्स प्रचूर मात्रा में पाए जाते हैं। जिसके चलते 15% तक कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल किया जा सकता है। यह रक्त वाहिकाओं के कार्य में सुधार लाता है. इसमें विटामिन बी कॉम्प्लेक्स, विटामिन ई भी अधिक मात्रा में होता है।
बादाम
बादाम में ओमेगा-3 फैटी एसिड होते हैं, जो खराब कोलेस्ट्रॉल को घटाने और अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाने में मदद करता हैं। आप रात को 4-5 बादाम पानी में भिगोकर सुबह चाय से करीब 20 मिनट पहले खा सकते है। पानी में भिगोने से बादाम में फैटी तत्व कम हो जाता है।
डार्क चॉकलेट
डार्क चॉकलेट में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स से रक्त नलिकाएं मजबूत बनती हैं। इसका सेवन करने से भी कलेस्ट्रॉल कम हो सकता है।
लहसुन
लहसुन की दो गोलियां (400 मिलीग्राम लहसुन / 1 मिलीग्राम एलिसिन) लेने से कुल कोलेस्ट्रॉल को 12% और एलडीएल कोलेस्ट्रॉल के स्तर को 17% तक कम करने में मदद मिल सकती है। यह ट्राइग्लिसराइड के स्तर को 6% तक कम कर सकता है।
सूर्यमुखी
सूर्यमुखी (सूरजमुखी) के तेल और बीज में अनसैचुरेटेड पॉली फैटी एसिड पाया जाता है जो कि कलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने में काफी लाभकारी है।
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