एअर इंडिया के एक और बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान में तकनीकी खराबी के कारण यात्रियों की सुरक्षा को लेकर चिंताएं फिर से गहराने लगी हैं। हॉन्गकॉन्ग से दिल्ली आ रही फ्लाइट AI315 को बीच उड़ान में तकनीकी समस्या का सामना करना पड़ा, जिसके चलते उसे आपात प्रोटोकॉल के तहत वापस हांगकांग लौटना पड़ा। यह घटना तब हुई है जब पहले से ही ड्रीमलाइनर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जा रहे हैं। बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर द्वारा संचालित यह फ्लाइट AI315 हॉन्गकॉन्ग से दिल्ली के लिए रवाना हुई थी। उड़ान के दौरान असामान्य तकनीकी अलर्ट मिलने के बाद पायलट ने तुरंत निर्णय लेकर यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी। यह जानकारी एयरलाइन सूत्रों के हवाले से सामने आई है। विमान को हांगकांग में सुरक्षित रूप से उतार लिया गया और सभी यात्री सुरक्षित और बिना किसी चोट के बताए गए हैं। तकनीकी जांच टीमें वर्तमान में विमान की गहन जांच कर रही हैं ताकि ऐसी विफलता के पीछे की सटीक वजहों का पता चल सके और भविष्य में इसे दोहराया न जाए।
हैदराबाद जा रही लुफ्थांसा फ्लाइट की भी इमरजेंसी वापसी
इसके पहले, हैदराबाद जा रही लुफ्थांसा एयरलाइन की फ्लाइट को भी बम की धमकी के कारण और लैंडिंग क्लीयरेंस न मिलने की स्थिति में जर्मनी के फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर वापस लौटना पड़ा था। यह फ्लाइट एलएच752 फ्रैंकफर्ट से रवाना हुई थी और उसे सोमवार सुबह हैदराबाद के राजीव गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचना था। हालांकि एयरलाइन ने तकनीकी कारण बताया, लेकिन हवाई अड्डे के अधिकारियों ने साफ किया कि यह निर्णय बम की धमकी को देखते हुए लिया गया था। इस अप्रत्याशित डायवर्जन ने सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
अहमदाबाद ड्रीमलाइनर हादसे में 270 की मौत, बोइंग और एअर इंडिया पर उठे सवाल
गौरतलब है कि हाल ही में अहमदाबाद में एअर इंडिया के बोइंग 787 ड्रीमलाइनर विमान के क्रैश में 270 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है। इस त्रासदी ने ना केवल देश, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी विमानन सुरक्षा को लेकर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। हादसे के बाद एयरलाइन की सुरक्षा, रखरखाव और पायलट ट्रेनिंग को लेकर भारी आलोचना हो रही है। परिजनों और आम जनता ने विमान की मेंटेनेंस प्रक्रियाओं और चालक दल की ट्रेनिंग में गंभीर खामियों की ओर ध्यान आकर्षित किया है। सोशल मीडिया से लेकर संसद तक, इस विषय पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। सरकार ने तत्काल प्रभाव से एक उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है, जिसमें नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA), विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) और कई स्वतंत्र विमानन सुरक्षा विशेषज्ञ शामिल हैं। यह समिति संभावित तकनीकी विफलताओं, रखरखाव रिकॉर्ड और क्रू की कार्रवाई की विस्तृत जांच कर रही है। बोइंग की विशेषज्ञ टीम भी जांच में सहयोग हेतु भारत पहुंच चुकी है और घटनास्थल का मुआयना कर रही है। यह हादसा भारत के विमानन इतिहास में सबसे गंभीर घटनाओं में से एक बन चुका है।