अहमदाबाद प्लेन क्रैश साल 2025 के सबसे भयंकर, भावुक और दर्दनाक हादसों में से एक है, जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस भयावह दुर्घटना में कई परिवारों ने अपनों को हमेशा के लिए खो दिया। कोई पहली बार अपने पति से मिलकर अपनी नई दुनिया की शुरूआत करने की ओर उत्साहित थी, तो कुछ लोग छुट्टियां मनाने के इरादे से लंदन जा रहे थे, जो दुर्भाग्यवश उनका आखिरी सफर बन गया। 243 यात्रियों से भरे एयर इंडिया के इस क्रैश हुए विमान में राजस्थान की कुल 14 जिंदगियां असमय समाप्त हो गईं। इनमें से कुछ मृतकों के शवों को डीएनए मिलान के बाद उनके परिवार वालों को सौंपा जा रहा है।
इसी हृदयविदारक कड़ी में, राजस्थान के उदयपुर स्थित सहेली नगर निवासी और मार्बल व्यवसायी संजीव मोदी के दो होनहार बच्चे — बेटी शगुन और बेटा शुभ — भी इस हादसे का शिकार बन गए। डीएनए मिलान की प्रक्रिया पूरी होने के बाद आज, यानी फादर्स डे के दिन, दोनों के शव उनके पिता संजीव को सौंपे गए। बच्चों के शवों को देखकर पिता का हाल बेहद खराब है, वह गहरे शोक में डूबे हुए हैं।
अहमदाबाद में किया जाएगा दोनों का अंतिम संस्कार
प्राप्त जानकारी के अनुसार, बेटी शगुन और बेटे शुभ का अंतिम संस्कार आज रविवार दोपहर 2 बजे अहमदाबाद के थलतेज क्षेत्र स्थित मोक्षधाम में किया जा रहा है। बताया गया है कि शुभ और शगुन के डीएनए की पहचान एक दिन पहले ही पूरी हो चुकी थी। उनके दादा का घर थलतेज इलाके में है और वहीं पर दोनों के अंतिम संस्कार की विधि सम्पन्न की जाएगी। फादर्स डे जैसे संवेदनशील दिन पर पिता की उपस्थिति में अपने बच्चों का अंतिम संस्कार होना परिवार के लिए बेहद दर्दनाक और असहनीय क्षण है। पिता संजीव मोदी और मां श्वेता मोदी इस दुखद क्षति से पूरी तरह से टूट चुके हैं। वे हादसे के दिन से ही उदयपुर में थे और अब अंतिम संस्कार के लिए अहमदाबाद पहुंचे हैं।
पिता के व्यापार को आगे बढ़ा रहे थे दोनों
बताया गया है कि शुभ ने लंदन से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की थी, वहीं शगुन ने एमबीए कर रखा था। दोनों भाई-बहन बेहद योग्य और ऊर्जावान थे, जो अपने पिता के मार्बल व्यापार को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में जुटे हुए थे। शुभ और शगुन के कई दोस्त लंदन में रहते थे, जिनके साथ वे कुछ समय बिताने के लिए छुट्टियों पर जा रहे थे। लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। इस हादसे की जानकारी सबसे पहले शुभ और शगुन की दादी को टीवी समाचारों के जरिए मिली, जिसके बाद पूरे परिवार में शोक की लहर दौड़ गई।