बच्चों को सिमित मात्रा में ही दे ये 8 आहार, दांतों को पहुंचाते हैं नुकसान
By: Ankur Thu, 14 July 2022 1:30:06
हा र्परेंट्स अपने बच्चों को अच्छी सेहत देना चाहते हैं और इसके लिए उनके खानपान पर भी पैनी नजर रखते हैं। लेकिन कई बार अनजाने में ऐसे आहार उन्हें दे देते हैं जो उन्हें नुकसान पहुंचाते हैं, खासतौर से दांतों को। जी हां, देखा जाता हैं कि कई बार बच्चे अपनी क्रेविंग को शांत करने के लिए कुछ भी खाने पीने लगते हैं जिसकी वजह से उनकी दांतों में कीड़ें लगने लगते हैं और मसूड़ें अस्वस्थ हो जाते हैं। बहुत ही कम बच्चे होंगे जो यह सोचते होंगे कि खाने से पहले इसका दांतों पर क्या असर पड़ेगा। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे आहार की जानकारी देने जा रहे हैं जिन्हें बच्चों को सिमित मात्रा में ही देना चाहिए क्योंकि ये उनके दांतों को नुकसान पहुंचाते हैं। तो आइये जानते हैं इन आहार के बारे में...
पैक्ड फूड आइटम
बच्चों को पैक्ड फूड आइटम जैसे चिप्स व नमकीन खाना भी काफी अच्छा लगता है, लेकिन यह भी उनके दांतों के लिए अच्छे नहीं होते हैं। दरअसल, पैकेज्ड आइटम्स में रिफाइंड कार्ब्स होते हैं। स्टार्च से भरपूर ये खाद्य पदार्थ दांतों से चिपक जाते हैं और दांतों की सड़न का कारण बनते हैं। इसलिए, अपने बच्चों को इस तरह के स्नैक्स देने से बचें। बेहतर होगा कि आप उन्हें पैकेज्ड आइटम देने की जगह ताजा स्नैक्स दें।
व्हाइट ब्रेड
सफेद ब्रेड आमतौर पर लोग सैंडविच या जैम लगाकर बच्चों को खाने के लिए देते हैं। ब्रेड में रिफाइंड मैदा से बनाया जाता है, जिसकी वजह से इसके छोटे-छोटे टुकड़े दांतों के कोनों में फंस सकते हैं। ये बच्चों के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है। बैक्टीरिया दांतों को कमजोर बना सकता है और दांत धीरे-धीरे सड़ने लगते हैं। साथ ही ब्रेड में कार्ब्स पाए जाते हैं, जो लार के साथ मिलकर शुगर बनाता है। इस वजह से भी दांतों को नुकसान हो सकता है।
आइसक्रीम
आइसक्रीम खाना बच्चों को काफी पसंद आता है। खासतौर से, गर्मी के मौसम में बच्चे हर दूसरे दिन आइसक्रीम खाने की डिमांड करते हैं। दरअसल, आइसक्रीम व आइस गोले में आर्टिफिशियल फ्लेवर्ड कलर का इस्तेमाल किया जाता है। जिसके कारण ना केवल बच्चों के दांतों पर दाग लग जाते हैं। इसके अलावा, बर्फ दरारें पैदा कर सकता है जैसे-जैसे दरारें विकसित होती हैं, तो वे प्लॉक और बैक्टीरिया के बढ़ने की वजह बन जाते हैं। यह दांतों के इनेमल को नुकसान पहुंचा सकता है जिससे कैविटी हो सकती है। यह उनके मसूड़ों को भी परेशान कर सकता है।
ड्राई फ्रूट्स
आमतौर पर सेहतमंद रहने के लिए ड्राई फ्रूट्स का सेवन करने की सलाह दी जाती है। लेकिन जानकारों की मानें तो कुछ ड्राई फ्रूट्स आपके दांतों के लिए बिल्कुल भी अच्छे नहीं होते, जैसे खुबानी और किशमिश। दांतों पर इनके नुकसान की वजह होती है इनकी मिठास और चिपचिपी बनावट। इसलिए दांतों की सुरक्षा हेतु इनका सेवन कम करें।
शुगरी आइटम्स
बच्चों को चॉकलेट, लॉलीपॉप, टॉफी व कैंडीज का सेवन करना बेहद पसंद करते हैं। लेकिन इन सभी आइटम्स में शुगर कंटेंट बहुत अधिक होता है, जो दांतों और मसूड़ों के लिए खराब होती है। यह बच्चों के दांतों में कैविटी का कारण बन सकती हैं। इतना ही नहीं, अधिकतर बच्चों की यह आदत होती है कि वह शुगरी आइटम खाने के बाद कुल्ला नहीं करते हैं। जिसके कारण उनके दांतों पर चीनी की कोटिंग रह जाती है, जो दांतों को लगातार डैमेज करती रहती है। कैंडीज आदि अगर दांतों से चिपक जाए तो इससे इनेमल को काफी नुकसान होता है।
कोल्ड ड्रिंक्स
अगर आपके बच्चे को बहुत अधिक कोल्ड ड्रिंक पीने की आदत है, तो इससे उनके दांतों को नुकसान हो सकता है। दरअसल, बच्चों के कोमल दांत कार्बोनेटेड पेय पदार्थों के हानिकारक प्रभावों को सहन नहीं कर सकते। इससे उनके इनेमल प्रभावित होते हैं। साथ ही इसमें शुगर और एसिड की मात्रा भी बहुत अधिक होती है, जो उनके दांतों और मसूड़ों को नुकसान पहुंचा सकती है। कोल्ड ड्रिंक्स को कार्बोनेटेड पानी से बनाया जाता है और ये एसिडिक भी होते हैं, जिससे पेट में परेशानी भी हो सकती है। बेहतर होगा कि आप बच्चे को कोल्ड ड्रिंक्स देने के स्थान पर बिना मीठे के बादाम का दूध व मिल्कशेक आदि दें।
आलू के चिप्स
हम सभी जानते हैं कि कुछ स्टार्च युक्त खाद्य सामग्री दांतों में फंस जाती है और ठीक से साफ न करने पर कैविटी का कारण भी बन जाती हैं। आलू के चिप्स भी उन्हीं खाद्य सामग्रियों में शामिल हैं। ऐसे में इसलिए ही स्टार्च युक्त खाद्य सामग्री या आलू के चिप्स से दूरी बनाकर रखने की सलाह दी जाती है। ऐसा करने से आपके दांत स्वस्थ रहेंगे।
चाय या कॉफी
कई पेरेंट्स बच्चे को चाय या कॉफी पीने को देते हैं। ऐसे में बचपन से ही चाय या कॉफी पीने से उनकी दांत खराब हो सकते हैं। चाय के सेवन से मुंह का पीएच कम हो सकता है और इससे दांत खराब हो सकते हैं। इससे दांत अंदर से खोखले हो सकते हैं।