हाई यूरिक एसिड का शिकार हुईं थीं एक्ट्रेस श्वेता तिवारी, जोड़ों के दर्द से रहती थीं परेशान, कंट्रोल करने के लिए डाइट में शामिल की यह ड्रिंक
By: Nupur Rawat Fri, 13 Dec 2024 9:59:33
आज की भागदौड़ भरी जिंदगी और खराब खानपान के कारण लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इन्हीं में से एक है यूरिक एसिड का बढ़ना। जब शरीर में यूरिक एसिड का स्तर अधिक हो जाता है, तो जोड़ों में असहनीय दर्द होने लगता है, और चलना-फिरना भी मुश्किल हो जाता है। इस गंभीर समस्या से मशहूर टीवी एक्ट्रेस श्वेता तिवारी भी जूझ चुकी हैं। हाल ही में एक इंटरव्यू में श्वेता तिवारी ने बताया कि उन्हें भी हाई यूरिक एसिड की समस्या थी। इसे नियंत्रित करने के लिए उन्होंने अपनी डाइट में ब्लैक कॉफी को शामिल किया। कॉफी के सेवन से यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। अध्ययनों के अनुसार, नियमित रूप से कॉफी पीने से न केवल हाई यूरिक एसिड का स्तर कम होता है, बल्कि गाउट (गठिया) जैसी समस्याओं का जोखिम भी घटता है। आइए जानते हैं यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में कॉफी के फायदे और इसके सेवन का सही तरीका।
यूरिक एसिड में क्यों फायदेमंद है कॉफी?
एंटीऑक्सीडेंट्स की भरपूर मात्रा: कॉफी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स, खासतौर पर क्लोरोजेनिक एसिड, प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं। ये न केवल यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में मदद करते हैं, बल्कि शरीर में फ्री रेडिकल्स से होने वाले ऑक्सीडेटिव तनाव को भी कम करते हैं। ऑक्सीडेटिव तनाव के कारण जोड़ों और मांसपेशियों में होने वाली सूजन कम करने में यह बेहद प्रभावी है। नियमित रूप से कॉफी का सेवन कोशिकाओं की मरम्मत और उनके पुनर्निर्माण की प्रक्रिया को तेज करता है। इसके साथ ही, यह शरीर के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाकर यूरिक एसिड से संबंधित समस्याओं को दूर रखने में सहायक है।
प्यूरीन केमिकल को तोड़ने में मदद: कॉफी में मौजूद पोषक तत्व शरीर में बनने वाले प्यूरीन केमिकल को तोड़ने में मदद करते हैं, जिससे यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित रखना आसान हो जाता है। प्यूरीन टूटने से जोड़ों में यूरिक एसिड क्रिस्टल के जमाव की संभावना कम हो जाती है, जो गाउट और सूजन का मुख्य कारण है। इसके अलावा, कॉफी में पाया जाने वाला क्लोरोजेनिक एसिड और अन्य बायोएक्टिव कंपाउंड यूरिक एसिड को शरीर से बाहर निकालने की प्रक्रिया को तेज करते हैं। यह किडनी को डिटॉक्सिफाई कर यूरिक एसिड के असंतुलन को रोकने में सहायक है। कॉफी का नियमित सेवन शरीर में सूजन को कम कर जोड़ों को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जिससे यूरिक एसिड से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।
ज़ैंथिन ऑक्सीडेज को रोकना: कॉफी में मौजूद यौगिक ज़ैंथिन ऑक्सीडेज एंजाइम को अवरुद्ध करने में सहायक होते हैं, जो शरीर में यूरिक एसिड के उत्पादन में मुख्य भूमिका निभाता है। जब यह एंजाइम सक्रिय होता है, तो यह प्यूरीन को तोड़कर यूरिक एसिड का निर्माण करता है, लेकिन कॉफी के सेवन से इस प्रक्रिया को धीमा किया जा सकता है। यह क्रिया यूरिक एसिड के असामान्य स्तर को नियंत्रित करने में मदद करती है और गाउट जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करती है। क्लोरोजेनिक एसिड और पॉलिफिनॉल्स जैसे तत्व इस एंजाइम को निष्क्रिय कर यूरिक एसिड के उत्पादन को सीमित करते हैं।
गाउट का जोखिम कम करना: गाउट, जो शरीर में यूरिक एसिड की अधिकता से होता है, एक दर्दनाक स्थिति है जो जोड़ों में सूजन और असहनीय दर्द पैदा कर सकती है। ब्लैक कॉफी में मौजूद कैफीन और पॉलिफिनॉल्स इस समस्या को कम करने में सहायक होते हैं। ये यौगिक ज़ैंथिन ऑक्सीडेज एंजाइम को अवरुद्ध करके यूरिक एसिड के उत्पादन को नियंत्रित करते हैं, जिससे गाउट का खतरा कम होता है।
इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार: कॉफी में मौजूद क्लोरोजेनिक एसिड और अन्य सक्रिय यौगिक शरीर की इंसुलिन संवेदनशीलता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। बेहतर इंसुलिन संवेदनशीलता के कारण, रक्त में शर्करा का स्तर नियंत्रण में रहता है, जो मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रूप से समर्थन देता है। यह प्रक्रिया शरीर में यूरिक एसिड के संतुलन को बनाए रखने में भी सहायक होती है। जब इंसुलिन संवेदनशीलता बेहतर होती है, तो किडनी अधिक कुशलता से यूरिक एसिड को फ़िल्टर और उत्सर्जित कर पाती है।
यूरिक एसिड में किस प्रकार की कॉफी फायदेमंद है?
यूरिक एसिड की समस्या में ब्लैक कॉफी सबसे अधिक लाभकारी है।
दूध और चीनी रहित कॉफी: ब्लैक कॉफी में न तो चीनी होनी चाहिए और न ही दूध। यह शुद्ध रूप में अधिक प्रभावी होती है।
कैफीनयुक्त और कैफीन रहित कॉफी: दोनों ही प्रकार की कॉफी यूरिक एसिड को नियंत्रित करने में सहायक मानी जाती हैं।
एक दिन में कितनी बार पिएं कॉफी?
- यूरिक एसिड को नियंत्रित करने के लिए रोजाना 1-2 कप ब्लैक कॉफी का सेवन करें
- अधिक मात्रा में कॉफी पीने से अनिद्रा या अन्य दुष्प्रभाव हो सकते हैं
- कॉफी का सेवन सुबह और दोपहर में करना सबसे अच्छा रहता है
कॉफी के अन्य फायदे
ऊर्जा और ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाना: कॉफी में मौजूद कैफीन मानसिक सतर्कता और फोकस को बढ़ाने में मदद करता है। यह थकान को कम करके शरीर में ताजगी का एहसास दिलाता है।
वजन घटाने में मदद: कॉफी मेटाबॉलिज्म को तेज करती है, जिससे कैलोरी तेजी से बर्न होती है। यह वजन घटाने की प्रक्रिया को भी सहायक बनाती है।
हृदय स्वास्थ्य को बढ़ावा: कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं और खराब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करते हैं।
मधुमेह के जोखिम को कम करना: नियमित रूप से कॉफी पीने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है। यह शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करती है।
लिवर को स्वस्थ रखना: कॉफी लिवर पर सकारात्मक प्रभाव डालती है और लिवर फाइब्रोसिस जैसी समस्याओं के जोखिम को कम करती है।
मूड में सुधार: कॉफी का सेवन सेरोटोनिन और डोपामिन जैसे हार्मोन को बढ़ाता है, जो मूड को बेहतर बनाते हैं और डिप्रेशन के जोखिम को कम करते हैं।
सावधानियां और सुझाव
- कॉफी का सेवन हमेशा नियंत्रित मात्रा में करें
- जिन लोगों को एसिडिटी की समस्या है, वे खाली पेट कॉफी पीने से बचें
- गर्भवती महिलाओं को कॉफी का सेवन सीमित मात्रा में करना चाहिए
- यदि आपको कोई स्वास्थ्य समस्या है, तो कॉफी सेवन से पहले डॉक्टर से परामर्श लें