अभिनेता श्रेयस तलपड़े और 14 अन्य के खिलाफ हाल ही में उत्तर प्रदेश में शिकायत दर्ज हुई। उन पर चिटफंड योजना के माध्यम से सैकड़ों ग्रामीणों के पैसे ठगने के आरोप में धोखाधड़ी का मामला फाइल किया गया। अब श्रेयस ने सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर ऑफिशियल बयान जारी किया है। श्रेयस की टीम ने इंस्टाग्राम पर एक लंबी-चौड़ी पोस्ट लिख इन आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने लिखा, “यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज की दुनिया में, किसी व्यक्ति की कड़ी मेहनत से पाई गई प्रतिष्ठा-सम्मान कुछ निराधार अफवाहों के कारण धूमिल हो जाती है।
मिस्टर श्रेयस तलपड़े के धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाने वाली हालिया खबरें पूरी तरह से झूठी, निराधार और किसी भी तरह की योग्यता से रहित हैं। मिस्टर तलपड़े का किसी भी धोखाधड़ी या गैरकानूनी काम से कोई संबंध नहीं है, जैसा कि आरोप लगाया जा रहा है और/या प्रसारित किया जा रहा है। हम आग्रह करते हैं कि गलत सूचना फैलाने से पहले फैक्ट्स का पता लगाया जाए और अनुरोध करते हैं कि श्री तलपड़े का नाम इन निराधार अफवाहों से दूर रखा जाए। मिस्टर तलपड़े कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं और अपने सभी प्रयासों के प्रति ईमानदार हैं। श्रेयस तलपड़े का इन धोखाधड़ी के आरोपों और कंपनी से कोई लेना-देना नहीं है।”
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश के महोबा के श्रीनगर स्टेशन में श्रेयस सहित 15 लोगों के खिलाफ ठगी का मुकदमा दर्ज हुआ है। श्रेयस पर आरोप लगा है कि उन्होंने चिटफंड कंपनी के नाम पर करोड़ों रुपयों की धोखाधड़ी की है जिसमें वे बतौर प्रमोटर काम कर रहे थे। कंपनी पैसों को दोगुना रिटर्न करने का दावा करती है। वह लोगों को श्रेयस की फोटो दिखाकर विश्वास में लेती थी, जिसके बाद गांव के कई लोगों ने थोड़े-थोड़े पैसे इकट्ठे कर लाखों तक की राशि इस स्कीम में लगाई। बाद में कंपनी बंद हो गई और कर्मचारी फरार हो गए।
बता दें कि इसी साल की शुरुआत में श्रेयस और आलोक नाथ पर लखनऊ के इन्वेस्टर्स से 9 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी के आरोप लगे थे। दोनों का नाम हरियाणा के सोनीपत की मल्टीलेवल मार्केटिंग में हुई धोखाधड़ी के मामले में भी आ चुका है। श्रेयस की पिछली फिल्म जनवरी में रिलीज हुई ‘इमरजेंसी’ थी। इसमें वे पूर्व प्रधानमंत्री दिवंगत अटल बिहारी वाजपेयी के रोल में दिखे थे। अब वे ‘वेलकम टु द जंगल’ में नजर आएंगे। श्रेयस ने फिल्म ‘पुष्पा’ के हिंदी वर्जन में अल्लू अर्जुन को आवाज दी थी।
सारा अली खान ने कहा, मैंने बचपन में मां से पूछा था कि मैं कौन हूं तो…
अमृता सिंह और सैफ अली खान की बेटी एक्ट्रेस सारा अली खान अक्सर चर्चाओं में रहती हैं। उनकी पिछली फिल्म गणतंत्र दिवस पर रिलीज हुई ‘स्काई फोर्स’ थी। सारा अक्सर सोशल मीडिया पर केदारनाथ की यात्राओं को लेकर पोस्ट करती हैं। हाल ही टाइम्स नाउ समिट में सारा से पूछा गया कि वह एक मुस्लिम होने के नाते हिंदी धार्मिक स्थल पर जाने के लिए मिलने वाली नफरत से कैसे निपटती हैं। इस पर सारा ने कहा कि उन्होंने शोर को अनदेखा करना सीख लिया है।
मैं बहुत छोटी थी, स्कूल में पढ़ती थी और जब मेरे माता-पिता की शादी हुई और हम साथ में विदेश में रहते थे, तब भी मैं हमेशा सोचती थी…अमृता सिंह, सैफ पटौदी, सारा सुल्ताना, इब्राहिम अली खान, क्या चल रहा है? हम कौन हैं? और मुझे याद है कि मैंने अपनी मां से पूछा था, मैं क्या हूं? और उन्होंने मुझसे कहा कि तुम भारतीय हो। और मैं इसे कभी नहीं भूलूंगी। भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है। मुझे लगता है कि ये सभी धारणाएं, ये सभी सीमाएं लोगों के द्वारा बनाई और बदली जाती हैं और मैं उनका पालन नहीं करती।
मैं इसे उतना महत्व नहीं देती जितना कि दूसरे लोग देते हैं।दूसरों के सोचने के तरीके को बदलना मूर्खतापूर्ण काम है। मुझे इसे अनदेखा करना होगा। केदारनाथ की मेरी निजी यात्रा, जो भी इसे पसंद करता है, जो भी इसे नापसंद करता है, उसके प्रति पूरे सम्मान के साथ, यह आप में से किसी के बारे में नहीं है। यह मेरे बारे में है। और मैं वहां सहज महसूस करती हूं, मैं वहां शांति महसूस करती हूं, मैं वहां खुश महसूस करती हूं।