यूट्यूबर्स समय रैना, रणवीर अल्लाहबादिया और अपूर्वा मुखीजा इन दिनों 'इंडियाज गॉट लेटेंट' शो को लेकर विवादों में हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब रणवीर अल्लाहबादिया ने शो में अपने पेरेंट्स को लेकर एक विवादस्पद टिप्पणी की। इसके बाद, इन तीनों यूट्यूबर्स को अब राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) के समक्ष पेश होने के लिए कहा गया है। महाराष्ट्र साइबर सेल ने समय रैना को बयान दर्ज कराने के लिए व्यक्तिगत रूप से पेश होने का आदेश दिया है, जबकि अपूर्वा मखीजा और रणवीर अल्लाहबादिया को 6 मार्च को बयान दर्ज कराना होगा। वहीं, समय रैना को 11 मार्च को NCW के सामने पेश होना है।
समय रैना को साइबर डिपार्टमेंट के समक्ष होना होगा पेश
समय रैना को अब महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट के समक्ष पेश होना होगा। उन्होंने साइबर सेल से कहा था कि वे फिलहाल अमेरिका में हैं और भारत आकर अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड नहीं करा सकते। रैना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए अपना बयान दर्ज कराने का अनुरोध किया था, लेकिन महाराष्ट्र साइबर डिपार्टमेंट ने इसे स्वीकार नहीं किया। हालांकि, उनकी सुनवाई की तारीख को आगे बढ़ा दिया गया है। अब उन्हें 11 मार्च 2025 को मुंबई आकर अपना स्टेटमेंट रिकॉर्ड कराना होगा।
अपूर्वा मखीजा-रणवीर अल्लाहबादिया को इस दिन होना है पेश
रणवीर अल्लाहबादिया ने राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) को बताया था कि उन्हें जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं, जिसके कारण उन्होंने सुनवाई की नई तारीख की मांग की थी। आयोग ने उनकी इस मांग को स्वीकार कर लिया। अब रणवीर अल्लाहबादिया, अपूर्वा मखीजा, आशीष चंचलानी और तुषार पुजारी को 6 मार्च को एनसीडब्ल्यू के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं, जसप्रीत सिंह को 10 मार्च को आयोग के सामने पेश होना है।
अल्लाहबादिया ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
रणवीर अल्लाहबादिया ने हाल ही में 'इंडियाज गॉट लेटेंट' विवाद के संबंध में अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर से राहत की मांग करते हुए भारत के सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। विभिन्न राज्यों में उनके खिलाफ कई एफआईआर दर्ज की गई हैं, और उन्होंने इन मामलों को एक ही मामले में समाहित करने के लिए याचिका दायर की है। उनकी कानूनी टीम का तर्क है कि इस तरीके से मामले की सुनवाई बेहतर तरीके से हो सकेगी और आरोपियों को उचित न्याय मिलेगा।
रणवीर की विवादास्पद टिप्पणी के बाद देशभर में हंगामा मच गया और उनके खिलाफ कई शिकायतें दर्ज की गईं। सुप्रीम कोर्ट अब 21 फरवरी को इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है। याचिका में उन्होंने गुवाहाटी पुलिस द्वारा गिरफ्तारी की संभावना को लेकर अग्रिम जमानत की भी मांग की है।