आज भी कर सकते हैं ये शुभ काम, मिलेगा मकर संक्रांति वाला पुण्य

By: Ankur Mundra Sat, 15 Jan 2022 08:41:00

आज भी कर सकते हैं ये शुभ काम, मिलेगा मकर संक्रांति वाला पुण्य

इस बार कुछ ऐसे योग बन रहे हैं कि मकर संक्रांति का पावन पर्व दो दिन 14 और 15 जनवरी को मनाया जा रहा है। कल देशभर में इस पर्व की रौनक बनी रही। वहीँ ज्योतिष के अनुसार आज का दिन भी बहुत महत्वपूर्ण माना जा रहा हैं जिसमें आप वे काम भी कर सकते हैं जो कल नहीं कर पाए और पुण्य पा सकते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको मकर संक्रांति पर्व पर किए जाने वाले कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं जो जीवन में सकारात्मकता का संचार करते हुए शुभ समय का आगमन करेंगे। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में...

- इस दिन सूर्य को अर्घ्य देने और उनकी पूजा करने का महत्व है।

- माना जाता है कि इस दिन सूर्य अपने पुत्र शनिदेव से नाराजगी त्यागकर उनके घर गए थे इसलिए इस दिन पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य हजार गुना हो जाता है। इस दिन गंगासागर (पश्चिम बंगाल) में मेला भी लगता है।

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- इस दिन तिल गुड़ या रेवड़ी का दान किया जाता है। इस दिन गरीबों को या जरूरत मंदों को दान देने से पुण्य हजार गुना हो जाता है। इस दिन घी का दान करने से करियर में सफलता मिलती है। इस दिन तिल, गुड़, कंबल, घी, वस्त्र और खिचड़ी का दान करना चाहिए।

- इस दिन विशेष तौर पर गायों को हरा चारा खिलाया जाता है।

- यह पर्व 'पतंग महोत्सव' के नाम से भी जाना जाता है। पतंग उड़ाने के पीछे मुख्य कारण है कुछ घंटे सूर्य के प्रकाश में बिताना। यह समय सर्दी का होता है और इस मौसम में सुबह का सूर्य प्रकाश शरीर के लिए स्वास्थवर्द्धक और त्वचा व हड्डियों के लिए अत्यंत लाभदायक होता है। अत: उत्सव के साथ ही सेहत का भी लाभ मिलता है।

- सर्दी के मौसम में वातावरण का तापमान बहुत कम होने के कारण शरीर में रोग और बीमारियां जल्दी लगती हैं इसलिए इस दिन गुड़ और तिल से बने मिष्ठान्न या पकवान बनाए, खाए और बांटे जाते हैं। इनमें गर्मी पैदा करने वाले तत्वों के साथ ही शरीर के लिए लाभदायक पोषक पदार्थ भी होते हैं।

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- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा और आराधना करने के भी महत्व है। इस दिन उनकी माता लक्ष्मी के साथ पूजा करने से कृपा प्राप्त होती है।

- उत्तर भारत में इस दिन खिचड़ी का भोग लगाया जाता है और गुड़-तिल, रेवड़ी, गजक का प्रसाद भी बांटा जाता है।

- इस दिन से वसंत ऋतु की भी शुरुआत होती है और यह पर्व संपूर्ण अखंड भारत में फसलों के आगमन की खुशी के रूप में मनाया जाता है। खरीफ की फसलें कट चुकी होती हैं और खेतों में रबी की फसलें लहलहा रही होती हैं। खेत में सरसों के फूल मनमोहक लगते हैं।

- शनिदेव की पूजा : इस दिन तिल और तेल से शनिदेव की पूजा करने से उनकी कृपा प्राप्त होती है।

- इस दिन पितरों के निमित्त और पितरों के देव अर्यमा के निमित्त तर्पण करना भी शुभ होता है।

- मकर संक्रांति के दिन से कोई नया कार्य प्रारंभ कर सकते हैं।

- घर में नया झाड़ू खरीद कर लाएं, इससे मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहेगी।

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