BJP ने कहा नेहरू ने पैदा किया 370 का बखेड़ा, कांग्रेस ने पूछा - यह कैसी मिसाल

By: Pinki Tue, 06 Aug 2019 2:02:33

BJP ने कहा नेहरू ने पैदा किया 370 का बखेड़ा, कांग्रेस ने पूछा - यह कैसी मिसाल

अनुच्छेद 370 खत्म करने और जम्मू कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने वाला प्रस्ताव आज लोकसभा में पेश हुआ। बीते दिन वोटिंग के बाद उच्च सदन से इस बिल को मंजूरी मिल गई थी जिसके पक्ष में 125 और विपक्ष में 61 वोट पड़े थे। लोकसभा में इस प्रस्ताव पर तीखी बहस जारी है। कांग्रेस ने सरकार पर आरोप लगाया है कि उसने नियमों का उल्लंघन करते हुए रातोंरात एक राज्य को केंद्र शासित प्रदेश बना दिया है। कांग्रेस संसदीय दल के नेता अधीर रंजन चौधरी ने अनुच्छेद 370 पर सरकार पर आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने रातो-रात नियम कायदों को ताक पर रखकर जम्मू कश्मीर के टुकड़े कर दिए और इसे केंद्र शासित प्रदेश बना दिया। यह सुनते ही अमित शाह ने कहा कि सरकार ने कौन सा नियम तोड़ा है अधीर रंजन ये बताएं, सरकार उसका जवाब देगी। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस नेता को जनरल स्टेटमेंट नहीं देना चाहिए। अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर, भारत का अभिन्न अंग है। जब भी मैं जम्मू-कश्मीर कहता हूं तो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) और अक्साई चीन भी इसके अंदर आता है। क्या कांग्रेस पीओके को भारत का हिस्सा नहीं मानती है। हम इसके लिए जान दे देंगे। बता दे, इस समय श्रीनगर में धारा 144 लागू है। जरूरी काम के लिए लोग बाहर निकल रहे हैं और क्षेत्र में शांति के साथ सामान्य स्थिति बनी हुई है।

नेहरू ने सामूहित जिम्मेदारी नहीं निभाई : BJP सांसद जितेंद्र सिंह

लोकसभा में बीजेपी सांसद जितेंद्र सिंह ने कहा कि धारा 370 आजाद के बाद सबसे बड़ी गलती थी और आज प्राश्यचित की घड़ी आई है। उन्होंने कहा कि विधाता को यही मंजूर था कि जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने और अमित शाह गृह मंत्री बने तब इसे हटाया जाए। अगर नेहरू ने अलग भूमिका निभाई होती तो आज इतिसाह कुछ होता। उन्होंने गृह मंत्री सरदार पटेल को जम्मू कश्मीर के केस में दखल देने दी होती तो कुछ और नतीजे होते। जितेंद्र सिंह ने कहा कि पटेल ने ही जूनागढ़ और हैदराबाद को डील किया था लेकिन नेहरू मानते थे वह जम्मू कश्मीर को सरदार से ज्यादा जानते हैं इसलिए उन्हें अलग रखा गया। नेहरू ने सामूहित जिम्मेदारी नहीं निभाई और सरदार पटेल को गृह मंत्री रहते हुए भी जम्मू कश्मीर के मामले से उन्हें अलग कर दिया। नेहरू अगर जम्मू कश्मीर के विषय में दखल न देते तो ये पखेड़ा नहीं होता और न ये बिल लाना पड़ता। भारत की सेनाएं मीरपुर तक पहुंच चुकी थी तो मंत्रिमंडल के बगैर बताए उन्होंने सीजफायर का ऐलान कर दिया, नहीं तो PoK भी भारत का हिस्सा होता।

नेहरू की वजह से धारा 370 का कलंक: BJP सांसद जुगल किशोर

वही जम्मू कश्मीर पुनगर्ठन बिल पर चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद जुगल किशोर शर्मा ने कहा कि नेहरू की वजह से यह धारा 370 का कलंक हमारे ऊपर लगा। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने तब भी इसका विरोध किया था। इस धारा ने कश्मीर को सिर्फ भारत से दूर करने का काम किया है। इसी वजह से वहां भ्रष्टाचार बढ़ता चला गया क्योंकि केंद्र की एजेंसियों वहां जांच नहीं कर सकती। मोदी सरकार की ओर से सामान्य वर्ग के गरीबों को मिलने वाला 10 फीसदी आरक्षण भी वहां लागू नहीं होता। आतंकवाद भी धारा 370 की ही देन है जिसकी वजह से हजारों लोग और जवानों को जान गंवानी पड़ी।

देश में किस तरह की संवैधानिक मिसाल कायम कर रहे : मनीष तिवारी

मनीष तिवारी ने कहा कि पंडित नेहरू ने कदम उठाकर उसे भारत का अभिन्न अंग बनाया। उस विलय के साथ कुछ वादे में किए गए थे, जिसमें दिल्ली का करार भी शामिल है। साल 1952 में भारत के संविधान में धारा 370 को शामिल किया गया। उसी बीच जम्मू कश्मीर में संविधान सभा का गठन हुआ और वहां के लिए अलग संविधान की संरचना की। इसके बाद तय हुआ कि वहां का हर फैसला संविधान सभा, विधानसभा की राय लेने के बाद ही किया जाएगा। तिवारी ने कहा कि आज इस सदन में संवैधानिक त्रासदी हो रही है। भारतीय संविधान में केवल अनुच्छेद 370 ही नहीं है। इसमें अनुच्छेद 371 ए से आई भी है। यह नागालैंड, असम, मणिपुर, आंध्र प्रदेश, सिक्किम आदि को विशेष अधिकार प्रदान करते हैं। आज जब आप अनुच्छेद 370 को समाप्त कर रहे हैं, तो आप इन राज्यों को क्या संदेश भेज रहे हैं? आप कल अनुच्छेद 371 को निरस्त कर सकते हैं? उत्तर पूर्वी राज्यों में राष्ट्रपति शासन लागू करके और संसद में उनकी विधानसभाओं के अधिकारों का उपयोग करके, आप अनुच्छेद 371 को भी रद्द कर सकते हैं? आप देश में किस तरह की संवैधानिक मिसाल कायम कर रहे हैं? यदि आज जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा हैं तो उसकी वजह पंडित नेहरू हैं।'

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने कहा कि बगैर संविधान सभा की इजाजत के धारा 370 को खारिज नहीं किया जा सकता जो आज मौजूद नहीं है। तिवारी ने कहा कि जम्मू कश्मीर विधानसभा-विधान परिषद का मतलब यह संसद नहीं है। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर का अलग संविधान है जो 1957 को लागू हुआ था क्या अब प्रदेश के बंटवारे के बाद उस संविधान को खारिज करने का बिल भी सरकार लेकर आएगी। उन्होंने कहा कि संघीय ढांचे के ऊपर इससे बड़ा आघात नहीं हो सकता, साथ ही आज अगर जूनागढ़, हैदराबाद और जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है तो उसके पीछे पंडित नेहरू ही वजह थे। अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस बताए कि वह धारा 370 के पक्ष में हैं या इसके खिलाफ हैं। तिवारी ने कहा कि बगैर जम्मू कश्मीर संविधान सभा की मंजूरी के धारा 370 को खारिज नहीं किया जा सकता।

कांग्रेस ने बताया कश्मीर का इतिहास

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि आजादी के बाद दो मुल्क बने एक भारत और दूसरा पाकिस्तान, इसके बाद 562 रियासतें बनीं जिन्हें कहीं भी जाने की आजादी थी। 3 रियासतों को लेकर संवेदनशील स्थिति बनी वह तीन जम्मू कश्मीर, हैदराबाद और जूनागढ़ थी। महात्मा गांधी तक ने महाराजा हरि सिंह से कश्मीर का विलय भारत में करने की अपील की थी, लेकिन महाराजा असमंजस में थे। फिर पाकिस्तान ने कश्मीर पर हमला कर दिया और श्रीनगर की ओर बढ़ने लगे। महाराजा के सामने अब पाकिस्तान में विलय और भारत के साथ आने का विकल्प था। लेकिन महाराजा ने पाकिस्तानी घुसपैठियों का सामना किया और भारत से मदद की अपील की। महाराजा ने इसके बाद नेहरू की अगुवाई में भारत से संधि साइन की और फौज को कश्मीर बचाने के आदेश दिए गए।

शांति से करें चर्चा, दुनिया देख रही: गृह मंत्री

अमित शाह ने कहा जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और इस पर कानून बनाने का अधिकार इस संसद को है। अमित शाह ने कहा कि हम सवाल का जवाब देने के लिए मैं तैयार हूं आप इसपर चर्चा कीजिए। हम शांत माहौल में चर्चा चाहते हैं क्योंकि घाटी समेत पूरा देश और दुनिया हमें देख रही है। अमित शाह ने पुनर्गठन बिल पर कहा कि हम जम्मू कश्मीर के लिए 2 केंद्र शासित प्रदेश लेकर आ रहे हैं जिसमें लद्दाख और जम्मू कश्मीर होगी। जम्मू कश्मीर में विधानसभा होगी और चुना हुआ मुख्यमंत्री वहां काम करेगा।

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