अगर बंधने जा रहे शादी के बंधन में तो जरुर जान ले ये बातें
By: Ankur Wed, 14 Mar 2018 1:25:23
शादी को दुनिया का सबसे बड़ा बंधन माना जाता हैं। भारत में शादी केवल दो शरीरों का मिलन ही नहीं अपितु यह अलग-अलग आत्माओं, परिवारों, संस्कृतियों, रहन-सहन आदि का मिलन होता हैं। किसी भी रिश्ते को बनाने से पहले आपसी समझ होना और कोई भी मतभेद नहीं होना चाहिए। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे मुख्य तथ्य बताने जा रहे हैं जिन पर शादी से पहले बात हो जाये तो भविष्य में रिलेशनशिप में कोई दिक्कत नहीं आती। तो आइये जानते हैं उन बातों के बारे में जो शादी से पहले डिस्कस कर लेनी चाहिए।
* माता-पिता : शादियों में अपने सास-ससुर के प्रति आदर और सम्मान को लेकर ढेर सारी ग़लतफहमियां हो सकती हैं। आपको यह बताना होगा कि शादी के कितने समय बाद आप अपने माता-पिता के घर से बाहर निकलेंगे या आप पूरे परिवार के साथ रहेंगे। अगर लड़के का परिवार संयुक्त है तो क्या लड़की के माता-पिता वहां कपल से मिलने आ सकते हैं? अगर दोनों में से किसी एक के माता-पिता को विशेष मदद या देखरेख की ज़रूरत आन पड़ी तो क्या वे आपके साथ आ सकते हैं? एक-दूसरे से बात करें और इनके समाधान निकालें ताकि बाद में आप दोनों के बीच बहस न हो।
* करियर : शादी के बाद ज़िम्मेदारियां बढ़ जाती हैं। इसलिए घर और दफ्तर में संतुलन बनाए रखना भी ज़रूरी है। अगर आपको नौकरी के सिलसिले में टूर पर जाना पड़ता है या फिर आपकी नौकरी में तबादले होते हैं, तो इसे लेकर भी बात ज़रूर करें। साथ ही अपनी वर्किंग शिफ्ट और ऑफिस कल्चर के बारे में भी चर्चा करें। अगर इनसे आपके भावी जीवनसाथी को लेकर कोई कनफ्यूजन या परेशानी है तो उसे भी बात करके दूर करने की कोशिश करें।
* कहीं दबाव में तो नहीं हो रही है शादी : आजकल ज्यादातर लड़के-लड़कियों के पहले से अफेयर होते ही हैं इसीलिए सबसे पहले आपको उससे यह पूछना चाहिए कि क्या आप यह शादी अपनी मर्जी से कर रहे हैं या आपको पारिवारिक और सामाजिक दबाव के चलते शादी करनी पड़ रही है। कई बार लड़के-लड़कियां दवाब में शादी कर लेते हैं और बाद में एक-दूसरे से संतुष्ट न होने के कारण दोनों का ही जीवन बर्बाद हो जाता है।
* पर्सनल स्पेस : रिश्तों में हर किसी को आज़ादी और पर्सनल स्पेस की ज़रूरत होती है और अगर आप दोनों को पूरी उम्र साथ रहना है है तो आप दोनों को एक-दूसरे की पर्सनल स्पेस की ज़रूरत समझनी होगी। आपको अपने लिए, अपने परिवार-दोस्तों के लिए कितना समय चाहिए? वो कौन-सी चीजें हैं जो आप दोनों अकेले करना पसंद करेंगे? क्या आप अपने हर फैसले में अपने पार्टनर को शामिल करना पसंद करेंगे? क्या हर साल आप अपने साथी के बिना अपनी सहेलियों और रिश्तेदारों से मिलने जाना पसंद करेंगे? इन सब बातों पर भी ज़रूर चर्चा करनी चाहिए।
* बच्चे : अक्सर ऐसा होता है कि शादी के कुछ महीने बीतते ही नाते-रिश्तेदार और आस-पड़ोस के लोग रह रहकतर 'गुड न्यूज़' के बारे में पूछने लगते हैं। लेकिन यह आपका निजी मसला है और इसका फैसला आप दोनों को ही करना है। शादी के बाद बच्चे कब चाहिए, चाहिए या नहीं, कितने चाहिए और उनकी परवरिश की ज़िम्मेदारी आप आपस में कैसे बांटेंगे इस पर बात ज़रूर करें। ऐसा इसलिए, क्योंकि यह शादी का एक बेहद संवेदनशील पहलू है जिसे लेकर अस्कर मियां-बीवी के बीच मनमुटाव की बातें सामने आती हैं।
* आस्था : आप दोनों में से कोई एक धार्मिक प्रवृति का हो सकता है तो दूसरा नहीं। आप में से कोई एक पूरी तरह आज़ाद रहना पसंद कर सकता है तो दूसरा हर छोटी-बड़ी बात एक-दूसरे को बताना ज़रूरी समझ सकता है। वैसे जहां आप इन बातों का पता डेटिंग या शादी से पहले वाले साथ बिताए समय में ही लगा सकते हैं, तो वहीं यह बहुत ज़रूरी हो जाता है कि आप एक-दूसरे की आस्था को सम्मान देने और उसके विचारों का ख्याल रखने के लिए क्या प्रयास करते हैं। आपको बदलने की ज़रूरत नहीं है बस इस बात का ध्यान रखना है कि किस तरह दूसरे को परेशान किए बगैर या उसे ठेस पहुंचाए बिना आप अपनी आस्था का कितना प्रदर्शन कर सकते हैं।