निजी ऑपरेटर आर्यन एविएशन के बेल 407 हेलिकॉप्टर से 15 जून 2025 की सुबह लगभग 5:20 बजे केदारनाथ धाम से गुप्तकाशी की ओर उड़ान भरते ही गौरीकुंड के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिससे पायलट सहित हेलिकॉप्टर में सवार सभी 7 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई।
जयपुर के निवासी थे कैप्टन राजवीर सिंह चौहान
कैप्टन राजवीर सिंह चौहान, राजस्थान की राजधानी जयपुर के शास्त्री नगर इलाके के निवासी थे। उन्होंने भारतीय सेना में लगभग 15 वर्षों तक प्रतिष्ठित अधिकारी के रूप में सेवा दी थी। उन्होंने 2009 में सेना में कदम रखा और लेफ्टिनेंट कर्नल पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने अपना सैन्य जीवन एयर ट्रैफिक, लॉजिस्टिक्स और विविध प्रकार के विमान संचालन में बिताया—जहाँ उन्होंने पहाड़ी इलाकों, राष्ट्रीय सीमा क्षेत्रों और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान जीवनरक्षक मिशनों का प्रमुख नेतृत्व किया ।
शिक्षा और ऊंचाईयों की उड़ान
राजवीर सिंह ने 2007 में राजस्थान विश्वविद्यालय से आर्थिक शास्त्र में स्नातक की डिग्री हासिल की। सैन्य सेवा के दौरान उन्होंने विभिन्न हेलिकॉप्टर्स के उड़ान और रखरखाव का प्रशिक्षण प्राप्त किया, और सेना में 2,000 घंटे से अधिक उड़ान का अनुभव संचित किया।
पारिवारिक जीवन: पत्नी, पिता और जुड़वा संतान
राजवीर की निजी जिंदगी उतनी ही प्रेरणादायक थी—उनकी पत्नी एक सेवा में रहने वाली भारतीय सेना की अधिकारी हैं, और वे चार महीने पहले ही जुड़वा पुत्रों के पिता बने थे । उनकी पहचान राजवीर की मां बाप—पिता गोविंद सिंह और मां—से शहर भर उन्हें प्यारे पुत्र के रूप में होती थी। पिता को सुबह लगभग 7:30 बजे दुर्घटना की सूचना मिली ।
सेना से हेलिकॉप्टर सेवा तक: नागरिक जीवन
अक्टूबर 2024 में रिटायरमेंट के बाद राजवीर ने आर्यन एविएशन प्राइवेट लिमिटेड में पायलट के रूप में कार्यभार संभाला। वह पहाड़ी और दुर्गम इलाकों, खासकर चारधाम यात्रा मार्गों पर हेलीकॉप्टर संचालित कर रहे थे ।
दर्दनाक अंत
नैनीताल के पास केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरने के बाद, हेलिकॉप्टर लगभग मात्र एक मिनट बाद देवीघने जंगलों से घिरे क्षेत्र गौरीकुंड में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। मौसम खराब रहने की वजह से दृश्यता सीमित थी और हेलिकॉप्टर क्रैश में आग लग जाने से सभी सात यात्री झुलस गये, जिनमें राजवीर सिंह चौहान भी शामिल थे।
कैप्टन राजवीर सिंह चौहान सैनिक जबर्दस्त करियर और चारधाम में यात्रियों की सेवा करते हुए हेलिकॉप्टर संचालन की क्षमता के प्रतीक थे। उन्होंने सेना से लेकर नागरिक सेवा तक की अपनी उड़ान में लोगों की सेवा में बिना मतलब के योगदान दिया। इस दुखद हादसे में उनका साथ छोड़ जाना, उनके परिवार—विशेषकर छोटे जुड़वा बच्चों और सेना में कार्यरत पत्नी—के लिए अकल्पनीय क्षति है।
राज्य व देश की प्रतिक्रिया
राजस्थान और उत्तर प्रदेश सरकारों ने दुःख व्यक्त किया और जांच बैठकों का आयोजन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दो दिनों के लिए हेलीकॉप्टर संचालन बंद करने, DGCA के साथ SOP की कठोर समीक्षा, और केवल अनुभवी हिमालयी पायलटों को उड़ान अनुमति देने के निर्देश दिए।
कैप्टन राजवीर सिंह चौहान एक सम्मानित सेना अधिकारी थे जिन्होंने हिंदू तीर्थयात्रियों को सेवा के साथ उड़ान प्रदान की। अपने सैन्य करियर और नागरिक उड़ान कार्यकाल में कई चुनौतीपूर्ण अभियानों का सामना किया। इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना में उनका निधन बहुत दुखद है। यह हादसा न केवल एक अनुभवी पायलट की क्षति का दर्द है, बल्कि भारत में पहाड़ी विमानन सुरक्षा के प्रति गहरी चिंता भी जगाता है।