माउंट आबू के कुछ अनछुए पहलु

By: Sandeep Gupta Fri, 27 Apr 2018 12:11:01

माउंट आबू के कुछ अनछुए पहलु

माउंट आबू राजस्थान के सिरोही जिले मे अरावली पर्वत की ऊँची चोंटी की पहाडियों मे स्थित है। यह राजस्थान के गर्म जिलो में से एक रमणीक और ठंडा पर्वत स्थल है जो की अन्य जिलो से अलग है । वैसे तो माउंट आबू एक पर्वत स्थल है लेकिन हिन्दू और जैन धर्म के लिए तीर्थस्थल माना जाता है। माउंट आबू पहले चौहान साम्राज्य का हिस्सा था बाद मे इसे सिरोही के महाराज ने राजपुताना मुख्यालय के लिए अंग्रेजो को पट्टे पर दे दिया था।

क्या आप जानते है की माउंट आबू का नाम हिमालय के पुत्र आर्बुआदा के नाम पर पड़ा था। आर्बुआदा एक शक्तिशाली सर्प था जिसने भगवान शिव के वाहन नन्दी को एक गहरी खायी मे गिरने से बचाया था माउंट आबू प्राचीन समय से ही साधू संतो का निवास स्थान रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार हिन्दू धर्म के तैंतीस कोटि देवी देवता इस पर्वत पर भ्रमण किया करते थे। ऐसा कहा जाता है कि महान संत वशिष्ट ने पृथ्वी से असुरों के विनाश हेतु यहां यज्ञ का आयोजन किया था।जैन धर्म के चौबीसवें र्तीथकर भगवान महावीर भी यहां अपनी शिष्यों के साथ जैन धर्म के प्रचार के लिए आए थे।

आइये जानते है यहाँ के कुछ तीर्थस्थल मंदिर के बारे मे....

1. दिलवाडा मंदिर

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दिलवाडा मंदिर या देलवाडा मंदिर इस दोनों ही नामो से जाना जाता हैI इसका निर्माण ग्यारहवी और तेहरवी शताबदी मे माना जाता हैI यह मंदिर जैन धर्म के र्तीथकरों को समर्पित हैI दिलवाड़ा के मंदिरों में 'विमल वासाही मंदिर' प्रथम र्तीथकर को समर्पित है जो की सर्वाधिक प्राचीन है जिसका निर्माण 1031 ई. में हुआ था। बाईसवें र्तीथकर नेमिनाथ को 'लुन वासाही मंदिर' समर्पित है जो भी काफी लोकप्रिय मंदिर है। यह मंदिर 1231 ई. में वास्तुपाल और तेजपाल नाम के दो भाईयों द्वारा बनवाया गया था। दिलवाड़ा जैन मंदिर परिसर में पांच मंदिर संगमरमर के है। मंदिरों के लगभग 48 स्तम्भों में नृत्यांगनाओं की आकृतियां बनी हुई हैं। दिलवाड़ा के मंदिर और मूर्तियां मंदिर निर्माण कला का उत्तम उदाहरण हैं।

2. गोमुख मंदिर

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यह मंदिर गाय की मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है जिसके सिर से सदेव ही प्राक्रतिक रूप से धारा बहती रहती हैI इसी वजह से इस मंदिर को गोमुख मंदिर कहा जाता हैI संत वशिष्ट ने इसी स्थान पर यज्ञ का आयोजन किया थाI इस मंदिर मे आर्बुअर्दा की एक विशाल प्रतिमा भी है I संगमरमर से निर्मित नन्दी की मूर्ति को भी यहाँ देखा जा सकता है I

3. गुरुशिखर

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गुरुशिखर अरावली पर्वत माला की उच्चतम बिंदु है जो की राजस्थान के अरबुडा पहाड़ो मे एक चोंटी पर स्थित हैI यह 1722 (5676फीट) मीटर की ऊंचाई पर स्थित है I गुरु शिखर अरावली पर्वत श्रंखला की सबसे ऊँची चोंटी हैI इसके मंदिर का भवन सफेद रंग का हैI यह मंदिर भगवान विष्णु दत्राते के अवतार को समर्पित हैI गुरु शिखर के नीचे का जो द्रश्य है वह बहुत ही सुन्दर दिखलाई देता है I

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