इंदौर के बहुचर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक और हैरान कर देने वाली परत खुल गई है। राजा के भाई विपिन ने मीडिया से बातचीत में बताया कि इस साजिश की बुनियाद कुछ दिन पहले ही रख दी गई थी। दरअसल, राज और सोनम ने मिलकर एक कंपनी खोली थी, जो राज की मां चुन्नी देवी के नाम पर रजिस्टर्ड थी। यह सिर्फ एक साधारण कंपनी नहीं थी—इस कंपनी के खाते में हत्या से पहले 7 से 8 लाख रुपये जमा कराए गए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि इन्हीं पैसों का इस्तेमाल हत्या की सुपारी देने में किया गया।
विपिन को शक है कि राज ने अपने दोस्तों—विकास, आकाश और आनंद को जो रुपये दिए थे, वो भी इसी खाते से निकाले गए थे। ये पैसे उस वक्त दिए गए जब राजा और सोनम शिलॉन्ग जाने की तैयारी कर रहे थे। यह साफ है कि सोनम ने इस जघन्य हत्याकांड की साजिश पहले से ही बेहद सोच-समझकर रची थी। अब राजा का परिवार हाईकोर्ट में याचिका दायर कर आरोपियों का नार्को टेस्ट करवाने की तैयारी में है।
सवाल अब भी वही: आखिर सोनम ने ऐसा क्यों किया?
आठवें आरोपी की कहानी, जिसने मोड़ दिया पूरा केस
लाइव हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार मामले ने उस वक्त नया मोड़ लिया जब शिलॉन्ग पुलिस ने देवास नाका की एक मल्टी में रहने वाले ग्वालियर के लोकेंद्र तोमर की तलाश शुरू की। यह वही फ्लैट था जहां सोनम हत्या के बाद कुछ दिनों तक छिपी रही थी। शनिवार को पुलिस ने एक प्रॉपर्टी ब्रोकर और सिक्योरिटी गार्ड को गिरफ्तार किया, जिससे अब तक कुल सात गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। लेकिन अब कहानी में आठवां चेहरा—लोकेंद्र तोमर जुड़ गया है।
प्रॉपर्टी ब्रोकर सिलोम जेम्स ने कबूल किया है कि लोकेंद्र ने हत्या के अहम सबूत—काले बैग से पिस्तौल और नकदी—निकाल ली थी और उसे दबाव डालकर बैग को गार्ड बलवीर अहिरवार की मदद से जलवा दिया था। पुलिस ने बैग के जले हुए टुकड़े भी बरामद कर लिए हैं।
कैसे बिछाया गया था पूरा जाल
शिलॉन्ग पुलिस ने बीते शुक्रवार रात सिलोम को शिप्रा टोल नाके से गिरफ्तार किया और फिर उसकी निशानदेही पर बलवीर को भी पकड़ा गया। सिलोम ने बताया कि उसने विशाल उर्फ विक्की चौहान को सोनम की फरारी के लिए 51 हजार रुपये में फ्लैट किराए पर दिया था। हालांकि किरायेदारी की सूचना थाने में 10 जून को दी गई थी और मीडिया को उसने खुद 13 जून को इस बारे में जानकारी दी।
वो काला बैग बना पुलिस की बड़ी सिरदर्दी
पुलिस को जिस काले बैग की तलाश थी, वह फ्लैट से नहीं मिला था। सख्ती से पूछताछ करने पर सिलोम ने बताया कि जिस मल्टी में फ्लैट था, वह मूल रूप से लोकेंद्र की है और वह वहां खुद भी रहता है। सोनम के इंदौर से रवाना होने के बाद लोकेंद्र ने सिलोम से संपर्क कर फ्लैट खाली करवाने का दबाव डाला। फिर गार्ड की मदद से बैग हटाया गया और उसे जला दिया गया। साफ-सफाई के बदले गार्ड को पांच हजार रुपये भी दिए गए।
सोनम का लैपटॉप भी सिलोम ने अपनी पत्नी के साथ मिलकर एक प्लॉट के पास फेंक दिया। पुलिस ने दोनों को कोर्ट में पेश कर 28 जून तक ट्रांजिट रिमांड पर लिया और जलाए गए बैग के अवशेष बरामद किए।
लोकेंद्र के पास हैं अहम सबूत
अब पुलिस का शक है कि पिस्तौल, नकदी, राजा की चेन, सोनम का मंगलसूत्र और राजा का मोबाइल—all missing—लोकेंद्र तोमर के पास हो सकते हैं। पूछताछ में यह भी सामने आया है कि लोकेंद्र ने मल्टी के सामने के कार शोरूम में लगे सीसीटीवी कैमरों का 31 मई से 10 जून तक का फुटेज डिलीट कराने की भी कोशिश की थी, लेकिन कर्मचारी ने मना कर दिया।
अब कहां है लोकेंद्र?
शिलॉन्ग पुलिस और इंदौर क्राइम ब्रांच ने हीराबाग कॉलोनी में दबिश दी लेकिन लोकेंद्र फरार मिला। उसका फोन बंद है और शक है कि वह ग्वालियर भाग गया है। शिलॉन्ग में फिलहाल सोनम, राज और अन्य आरोपी 13 दिन की न्यायिक हिरासत में हैं, जबकि पुलिस की नजरें अब सिर्फ लोकेंद्र पर हैं—जिसे इस हत्याकांड का ‘आठवां और सबसे अहम चेहरा’ माना जा रहा है।