इजरायल और ईरान के बीच चल रही जंग अब बेहद संवेदनशील और चिंताजनक दौर में पहुंच चुकी है। दोनों देशों को इस संघर्ष में अब तक भारी जान-माल का नुकसान हुआ है। लेकिन हालात तब और गंभीर हो गए जब अमेरिका ने इस संघर्ष में खुलकर दखल दे दिया। अमेरिका ने अपने B2 बॉम्बर्स से हमला करते हुए ईरान के तीन महत्वपूर्ण परमाणु स्थलों को निशाना बनाया। जवाब में ईरान ने भी सख्त तेवर दिखाए और साफ कह दिया कि अब उसकी सेना तय करेगी कि अमेरिका को कब और किस तरीके से जवाब दिया जाएगा।
अमेरिका ने दोहराई चेतावनी – ‘हम तैयार हैं जवाब देने को’
इसी बीच अमेरिका ने एक बार फिर अपना सख्त रुख दिखाया और ईरान को खुली चेतावनी दे डाली। संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की कार्यवाहक राजदूत डोर्थी शी ने सुरक्षा परिषद (UNSC) की आपात बैठक के दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी चेतावनी को दोहराते हुए कहा कि – "अगर अमेरिका या उसके सैनिक ठिकानों पर ईरान की ओर से कोई सीधा या परोक्ष हमला हुआ, तो उसका करारा जवाब दिया जाएगा।"
अमेरिका ने ईरान पर लगाए गंभीर आरोप
डोर्थी शी ने इस बात पर जोर दिया कि अमेरिका ने यह कार्रवाई खुद की और इजरायल की सुरक्षा के लिए की है। उन्होंने आरोप लगाया कि ईरान लगातार परमाणु हथियार हासिल करने की कोशिशों में जुटा हुआ है और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर गलत जानकारी फैला रहा है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि ईरान बातचीत की संभावनाओं को जानबूझकर विफल कर रहा है।
UNSC से अमेरिका की अपील – ‘ईरान को रोको’
अमेरिका ने सुरक्षा परिषद से यह भी अपील की कि वह ईरान को 47 सालों से इजरायल को समाप्त करने के प्रयासों को रोकने, अपने परमाणु कार्यक्रम को बंद करने और अमेरिकी हितों व नागरिकों को निशाना बनाने से रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।
क्या खत्म होगी यह जंग? नेतन्याहू का बड़ा बयान
इस युद्ध के बीच, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने एक बड़ी घोषणा करते हुए कहा है कि इजरायल अब अपने लक्ष्य – ईरान की बैलिस्टिक मिसाइल क्षमताओं और परमाणु कार्यक्रम के खतरों को समाप्त करने – के बेहद करीब है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि जैसे ही यह उद्देश्य पूरा हो जाता है, ऑपरेशन रोक दिया जाएगा और युद्ध की समाप्ति की ओर बढ़ा जाएगा।