महाराष्ट्र सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए एक जीआर (सरकारी संकल्प) जारी किया है, जिसके तहत राजनीतिक और सामाजिक आंदोलनों से जुड़े गैर-गंभीर आपराधिक मामलों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह कदम उन हजारों आंदोलनकारियों और राजनेताओं के लिए राहत भरा साबित हो सकता है, जिन पर प्रदर्शन और विरोध के दौरान केस दर्ज हुए थे। हालांकि, ध्यान देने योग्य बात यह है कि सिर्फ उन्हीं मामलों को वापस लिया जाएगा, जिनमें 31 मार्च 2025 से पहले चार्जशीट दायर की जा चुकी हो।
जैसा कि हम जानते हैं, आमतौर पर जब कोई नई सरकार बनती है, तो वह पुरानी सरकार के दौरान आंदोलनों में फंसे कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने का फैसला करती है। ये मुकदमे अक्सर सार्वजनिक हित में विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्ज होते हैं। लेकिन, जिन मामलों में गंभीर आपराधिक गतिविधि जुड़ी होती है—जैसे हिंसा, तोड़फोड़, या हमला—उन्हें इस फैसले में शामिल नहीं किया गया है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने पर संबंधित व्यक्ति को सजा भुगतनी ही पड़ेगी।
सरकार ने आदेश में क्या कहा?
राज्य के गृह विभाग ने पहले 31 अगस्त 2024 की समयसीमा निर्धारित की थी, यानी इस तारीख तक चार्जशीट दाखिल होने वाले मामलों को वापस लिया जा सकता था। लेकिन अब, जनहित को ध्यान में रखते हुए इस समयसीमा को बढ़ाकर 31 मार्च 2025 कर दिया गया है।
सरकारी प्रस्ताव में साफ तौर पर कहा गया है कि यह छूट केवल उन्हीं राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं और सामाजिक कार्यकर्ताओं को मिलेगी, जिनके खिलाफ दर्ज केस किसी जनहित के आंदोलन या शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के दौरान दर्ज किए गए थे। गृह विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यह फैसला समाज में सकारात्मक माहौल बनाने की दिशा में उठाया गया एक जरूरी कदम है।
महाराष्ट्र सरकार का एक और जीआर बना सुर्खियों में
इसके अलावा, महाराष्ट्र सरकार का एक और हालिया आदेश भी काफी चर्चा में रहा। सरकार ने पहली से पांचवीं कक्षा तक के स्कूलों में तीसरी भाषा के रूप में हिंदी पढ़ाना अनिवार्य करने का आदेश जारी किया था। लेकिन जैसे ही इस फैसले पर विरोध शुरू हुआ, सरकार ने लचीलापन दिखाते हुए इसमें संशोधन कर दिया।
अब स्कूलों को तीसरी भाषा के रूप में किसी भी भारतीय भाषा को पढ़ाने की अनुमति दे दी गई है। हालांकि, पहली भाषा के रूप में मराठी और दूसरी भाषा के रूप में अंग्रेजी पढ़ाना अब भी हर स्कूल के लिए अनिवार्य बना रहेगा।