एलन मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा Starlink जल्द ही भारत में लॉन्च हो सकती है। टेलीकॉम सेक्टर की दो दिग्गज कंपनियां—जियो और एयरटेल—ने स्टारलिंक इंटरनेट सर्विस के लिए SpaceX के साथ साझेदारी करने का ऐलान किया है। हालांकि, सेवा शुरू करने से पहले स्टारलिंक को भारत सरकार से कुछ आवश्यक अनुमतियाँ प्राप्त करनी होंगी। अनुमति मिलने के बाद, शहरी और ग्रामीण इलाकों में तेज गति वाली इंटरनेट सेवा उपलब्ध होने लगेगी।
कैसे काम करेगा सैटेलाइट इंटरनेट?
अगर आप सोच रहे हैं कि सैटेलाइट इंटरनेट क्या है और यह कैसे काम करता है, तो चिंता न करें। इस सेवा के क्या फायदे हैं और क्या यह भारत में 5G इंटरनेट से सस्ती होगी, जैसे तमाम सवालों के जवाब आपको यहां मिल जाएंगे।
Starlink एक सैटेलाइट-बेस्ड इंटरनेट सेवा है, जो बिना किसी टावर या फाइबर केबल के इंटरनेट प्रदान करती है। यह सेवा डायरेक्ट सैटेलाइट सिग्नल का उपयोग करके इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध कराती है, जिससे दूरदराज और दुर्गम इलाकों में भी फास्ट इंटरनेट संभव हो पाता है।
कैसे काम करता है सैटेलाइट इंटरनेट?
- पारंपरिक ब्रॉडबैंड की तरह, इसमें मोबाइल टावर या फाइबर केबल की जरूरत नहीं होती।
- यह सैटेलाइट-बेस्ड रेडियो सिग्नल का उपयोग करता है, जो सीधे आपके लोकेशन तक इंटरनेट पहुंचाता है।
- ग्राउंड स्टेशन के जरिए सैटेलाइट से ब्रॉडबैंड सिग्नल भेजा जाता है, जिससे इंटरनेट कनेक्शन मिलता है।
- रिपोर्ट्स के मुताबिक, Starlink की लेटेंसी सबसे कम है, जिससे सिग्नल ट्रांसमिशन बेहद तेज होता है और इंटरनेट स्पीड बेहतर बनी रहती है।
फिलहाल, भारत में जियो और एयरटेल के पास सबसे ज्यादा फाइबर इंटरनेट ग्राहक हैं। मौजूदा समय में Jio AirFiber और Airtel Xstream जैसी सेवाएं 5G ब्रॉडबैंड इंटरनेट प्रदान कर रही हैं।
Jio AirFiber की शुरुआती कीमत ₹599/महीना है।
Airtel 5G ब्रॉडबैंड की शुरुआती कीमत ₹699/महीना है, जिसमें 40Mbps स्पीड मिलती है।
अब सवाल यह उठता है कि क्या Starlink 5G से सस्ता होगा?
Starlink की सैटेलाइट इंटरनेट सेवा की कीमत अभी भारत में घोषित नहीं की गई है, लेकिन इसकी अंतरराष्ट्रीय कीमतें 100 डॉलर (₹8,000-₹10,000) प्रति माह के आसपास हैं। ऐसे में यह 5G ब्रॉडबैंड की तुलना में महंगा साबित हो सकता है। हालांकि, दूरदराज के इलाकों में जहां फाइबर ब्रॉडबैंड नहीं पहुंचता, वहां Starlink एक बेहतर विकल्प बन सकता है।