राजस्थान के हाड़ौती संभाग में मानसून की सक्रियता ने जनजीवन को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। बीते चार दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण चंबल, पार्वती, कालीसिंध और परवन नदियों का जलस्तर खतरनाक रूप से बढ़ गया है। नदियों के उफान पर आने से कई इलाकों में सड़क संपर्क टूट गया है, खासकर सवाई माधोपुर से सीधा जुड़ाव खत्म हो गया है। कोटा, बारां और झालावाड़ में स्थिति गंभीर बनी हुई है।
नदियों में उफान से रास्ते बंद, पुलिया पर पानी का सैलाब
चंबल नदी में झरेल की पुलिया पर 4 से 5 फीट तक पानी आ जाने से खातौली और इटावा का सवाई माधोपुर से संपर्क टूट गया है। पानी की गहराई को देखते हुए पुलिया पर पुलिस बल तैनात कर दिया गया है ताकि कोई जान जोखिम में डालकर पार न कर सके। यह पुलिया बीते 24 घंटे से पूरी तरह बंद है। उल्लेखनीय है कि झरेल में चंबल नदी पर एक उच्च स्तरीय पुल निर्माणाधीन है, जो राजस्थान का सबसे लंबा पुल बनने जा रहा है, परंतु इसका कार्य इस वर्ष पूरा नहीं होगा।
बारिश के बाद कुंडाखोह में झरना फूटा, शहर की सड़कें बनीं दरिया
बारां जिले के शाहाबाद क्षेत्र में कुंडाखोह का झरना सक्रिय हो गया है, जहां करीब 50 फीट की ऊंचाई से पानी गिरता है। सोमवार सुबह से ही पूरे हाड़ौती संभाग में तेज बारिश का दौर फिर शुरू हो गया है। कोटा, बारां, बूंदी व झालावाड़ के कई इलाकों में सड़कों पर पानी भर गया है और आवागमन प्रभावित हुआ है। कोटा शहर की प्रमुख सड़कों पर जलभराव से वाहन चालकों और आम लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कोटा-श्योपुर मार्ग पर राहत, पर अन्य मार्गों पर खतरा बरकरार
मध्य प्रदेश सरकार द्वारा पार्वती नदी पर बनाए गए उच्च स्तरीय पुल के चलते कोटा-श्योपुर मार्ग पर इस बार पानी का असर नहीं पड़ा है और यह मार्ग खुला हुआ है। पिछले वर्षों में यह मार्ग पार्वती के उफान के कारण बंद हो जाता था, लेकिन इस वर्ष पुल ने राहत दी है। हालांकि पार्वती नदी पर नीचे बनी पुलिया पर रविवार को 2 फीट पानी आ गया था, जिससे वाहनों को डाइवर्ट करना पड़ा।
वाहनों का डाइवर्जन, हजारों की आबादी प्रभावित
बारिश के चलते झरेल की पुलिया से होकर सवाई माधोपुर जाने वाले सभी वाहन डायवर्ट कर दिए गए हैं। यह रास्ता बारां से दिल्ली और जयपुर की ओर जाने वाली बसों और वाहनों के लिए प्रमुख मार्ग है। अब इन्हें गैंता माखिदा, इंद्रगढ़ और लबान होकर निकाला जा रहा है। थानाधिकारी मंशीराम बिश्नोई ने बताया कि पुलिया पर पुलिस तैनात कर दी गई है ताकि कोई व्यक्ति जान जोखिम में डालकर उसे पार न करे।
क्वांजापुर पुलिया पर भी खतरा, मध्यप्रदेश का संपर्क टूटा
कोटा जिले के अयाना थाना क्षेत्र में क्वांजापुर पुलिया पर पार्वती नदी का पानी करीब ढाई फीट तक चढ़ गया है। यह पुलिया बारां जिले को सीधे मध्य प्रदेश के श्योपुर से जोड़ती है। वर्तमान में रास्ता बंद है और लोगों को अब इटावा और खातौली के रास्ते जाना पड़ रहा है। थानाधिकारी उम्मेद सिंह के अनुसार किसी भी नागरिक को पुलिया पार करने की अनुमति नहीं दी जा रही है।
तीन प्रमुख बांधों से पानी की निकासी जारी
चंबल नदी पर बने राणा प्रताप सागर, जवाहर सागर और कोटा बैराज से लगातार पानी छोड़ा जा रहा है। जल संसाधन विभाग की सहायक अभियंता निकिता पारेता के अनुसार राणा प्रताप सागर से 5905 क्यूसेक, जवाहर सागर से 5690 क्यूसेक और कोटा बैराज से 7466 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। कोटा बैराज के दो गेट (नंबर 5 और 6) खोल दिए गए हैं। लगातार बढ़ते जलस्तर के चलते सहायक नदियों से भी अतिरिक्त पानी चंबल में आ रहा है, जिससे झरेल की पुलिया पर बहाव और तेज हो गया है।
हाड़ौती क्षेत्र में मानसून की शुरुआती बारिश ने ही गंभीर स्थितियां पैदा कर दी हैं। चंबल और पार्वती जैसी बड़ी नदियों के उफान पर आने से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं और हजारों लोगों का सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है। जिला प्रशासन और पुलिस बल मौके पर तैनात है, लेकिन बारिश का क्रम जारी रहा तो आपदा की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। अगले कुछ दिनों में प्रशासन की सबसे बड़ी चुनौती लोगों की सुरक्षा, यातायात प्रबंधन और पानी की निकासी सुनिश्चित करना होगी।