
किशोरावस्था वह नाजुक दौर है जब बच्चे न पूरी तरह छोटे रहते हैं और न ही बड़े बन पाते हैं। यह समय उनके लिए खुद को समझने, अपनी सोच विकसित करने और दुनिया को अपनी नजर से देखने का होता है। इस उम्र में बच्चे बेहद संवेदनशील होते हैं और अपने परिवार के रिश्तों को गहराई से महसूस करते हैं। खासकर पिता के साथ उनका रिश्ता इस समय तेजी से बदल सकता है।
अक्सर देखा गया है कि 12–13 साल के बाद बच्चे पिता से धीरे-धीरे दूरी बनाने लगते हैं। पेरेंटिंग कोच पुष्पा शर्मा के अनुसार, इसके पीछे कोई एक कारण नहीं होता, बल्कि कई छोटी-छोटी बातें मिलकर पिता और बच्चे के बीच दूरी पैदा कर देती हैं। आइए जानते हैं ये मुख्य कारण—
1. मौजूद रहना ही काफी नहीं
कई पिता मानते हैं कि अगर वे घर पर हैं, तो बच्चे के पास ही हैं। लेकिन घर में उपस्थित रहना और वास्तव में बच्चे के साथ होना अलग बात है। अगर पिता ज्यादातर समय टीवी, फोन या किसी कोने में अकेले बिताते हैं, तो बच्चा महसूस करता है कि उनके बीच भावनात्मक जुड़ाव कमजोर है। बच्चों को परफेक्ट पिता नहीं, बल्कि ऐसा साथी चाहिए जो उनके साथ समय बिताए, उनकी बातें सुने और उनकी छोटी-छोटी खुशियों में शामिल हो।
2. नियमों के साथ भरोसा भी जरूरी
लड़के अक्सर अपनी ताकत और क्षमता को परखना चाहते हैं, जबकि लड़कियां यह जानना चाहती हैं कि वे कितनी महत्वपूर्ण हैं। अगर पिता का रिश्ता केवल नियम बनाना और डांटना तक सीमित रह जाए, तो बच्चों में भरोसा और अपनापन धीरे-धीरे खत्म हो जाता है। इस स्थिति में बच्चे अपनी बात शेयर करना छोड़ देते हैं और वह वो ध्यान या मान्यता खोजते हैं जो उन्हें घर में नहीं मिल रही होती—अक्सर दोस्तों या सोशल मीडिया में।
3. ग्रेड से ज्यादा जरूरी है बच्चे को समझना
पुष्पा शर्मा के अनुसार, कई बच्चे महसूस करते हैं कि उनके पिता को केवल ग्रेड और नियमों की परवाह है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि कुछ पिता बच्चों को इंसान की तरह देखने के बजाय एक प्रोजेक्ट की तरह ट्रीट करते हैं, जहां केवल रिजल्ट और डिसिप्लिन मायने रखता है। अगर आप चाहते हैं कि बच्चा आपके करीब रहे, तो उसे नियंत्रित करने की बजाय उसकी भावनाओं को समझें और धैर्य के साथ पेरेंटिंग करें।
4. इंतजार हमेशा काम नहीं आता
कुछ पिता सोचते हैं कि अभी थोड़े सख्त रहेंगे और बच्चे बड़े होने पर उनसे दोस्ती कर लेंगे। लेकिन हकीकत यह है कि बच्चे इतने लंबे समय तक इंतजार नहीं करते। अगर 12 साल तक आप उनसे भावनात्मक जुड़ाव नहीं बनाते, तो हाई स्कूल या कॉलेज के समय अचानक करीब आना मुश्किल हो जाता है। उस समय तक वे तय कर चुके होते हैं कि कौन उन्हें सुनता है और कौन नहीं, कौन उन्हें सुरक्षित महसूस कराता है और कौन नहीं। इस उम्र तक धीरे-धीरे पिता और बच्चे के बीच की दूरी इतनी बढ़ जाती है कि उसे कम करना आसान नहीं होता।














