Neeraj Chopra ने रचा इतिहास, वर्ल्ड एथलेटिक्स चैंपियनशिप में जीता सिल्वर मेडल, 88.13 मीटर दूर फेंका भाला
By: Priyanka Maheshwari Sun, 24 July 2022 08:53:49
ओलंपिक के गोल्डन बॉय भाला फेंक खिलाड़ी नीरज चोपड़ा का इस सीजन में शानदार प्रदर्शन रहा है, जो अब तक जारी है। इस स्टार खिलाड़ी ने दो बार अपने व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन में सुधार किया है। उन्होंने 14 जून को फिनलैंड में पावो नुर्मी खेलों में 89.30 मीटर और 30 जून को प्रतिष्ठित स्टॉकहोम डायमंड लीग प्रतियोगिता में 89.94 मीटर दूर भाला फेंका, जिससे वह महज छह सेंटीमीटर से 90 मीटर की दूरी हासिल करने से चूक गए। नीरज हाल ही में डाइमंड लीग में पीटर्स के बाद दूसरे स्थान पर रहे। वहीं, अब वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने अमेरिका के यूजीन में हुई चैम्पियनशिप के फाइनल में 88.13 मीटर दूर फेंका भाला फेंकते हुए सिल्वर मेडल पर निशाना साधा। इस स्पर्धा का गोल्ड मेडल ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स ने जीता।
History Created by Neeraj Yet Again 🔥🔥🔥@Neeraj_chopra1 becomes the 1st Indian Male to win a medal at the #WorldChampionships
— SAI Media (@Media_SAI) July 24, 2022
Neeraj wins 🥈in Mens Javelin Throw with his best throw of 88.13m at @WCHoregon22
Absolutely Brilliant 🙇♂️🙇♀️
📸 @g_rajaraman
1/2#IndianAthletics pic.twitter.com/OtJpeDopGe
नीरज के तीन थ्रो फाउल रहे
नीरज का पहला थ्रो- फाउल
नीरज का दूसरा थ्रो- 82.39 मीटर
नीरज का तीसरा थ्रो- 86.37 मीटर
नीरज का चौथा थ्रो- 88.13 मीटर
नीरज का पांचवा थ्रो- फाउल
नीरज का छठा थ्रो- फाउल
एंडरसन पीटर्स ने फाइनल में शुरुआती दो थ्रो लगातार 90 से ज्यादा मीटर तक किए। इसी के साथ उन्होंने फाइनल में 90.46 के बेस्ट थ्रो के साथ गोल्ड मेडल अपने नाम किया। दुनिया के नंबर-1 जेवलिन थ्रोअर एंडरसन क्वालिफाइंग राउंड में 89.91 मीटर दूर तक भाला फेंककर फाइनल में पहुंचे थे। वह टॉप पर रहे थे। यह करीब करीब 90 मीटर के ही पास है। जबकि दूसरे नंबर पर रहे नीरज ने क्वालिफाइंग राउंड में 88.39 मीटर दूर भाला फेंका था। ऐसे में वर्ल्ड नंबर-4 नीरज को इस फाइनल में एंडरसन को हराने के लिए 90 मीटर की दूरी पर तो भाला फेंकना था, जो नहीं हो सका। फाइनल में नीरज के अलावा दूसरे भारतीय रोहित यादव भी थे, लेकिन वह शुरुआती तीन थ्रो के बाद टॉप-8 में जगह नहीं बना सके और मेडल की रेस से बाहर हो गए थे।