पुरी की ऐतिहासिक और आस्था से भरी जगन्नाथ रथ यात्रा में हुई भगदड़ ने पूरे देश को हिला कर रख दिया है। भगवान जगन्नाथ के भक्त जहां श्रद्धा और भक्ति से सराबोर थे, वहीं अचानक मची अफरा-तफरी ने तीन श्रद्धालुओं की जान ले ली और कई जख्मी हो गए। इस हृदय विदारक घटना ने जहां पूरे राज्य को शोक में डुबो दिया, वहीं अब ओडिशा सरकार ने इस त्रासदी पर सख्त कार्रवाई करते हुए कई वरिष्ठ अधिकारियों को उनके पद से हटा दिया है।
घटना के बाद मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने तुरंत हरकत में आते हुए पुरी के जिलाधिकारी (DM) और पुलिस अधीक्षक (SP) का तबादला कर दिया है। इसके अलावा, ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में डीसीपी विष्णु पति और कमांडेंट अजय पाधी को सस्पेंड कर दिया गया है। यह कार्रवाई ऐसे वक्त में की गई है जब राज्य सरकार पर तीखा सवाल उठाया जा रहा है कि आखिर इतनी बड़ी धार्मिक यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था इतनी लचर कैसे रह गई?
मुख्यमंत्री ने जताया गहरा दुख, मांगी माफी और दी आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री माझी ने पूरे मामले को बेहद गंभीरता से लेते हुए इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि यह हादसा बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इससे पूरे राज्य की भावनाएं आहत हुई हैं। सीएम ने राज्य सरकार की ओर से और व्यक्तिगत रूप से सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगते हुए कहा, “भगवान श्रीजगन्नाथ की रथ यात्रा में शामिल होने आए श्रद्धालुओं की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता थी, लेकिन यह घटना हमारी आंखें खोलने वाली है।”
उन्होंने मृतकों के परिजनों के लिए 25-25 लाख रुपये के मुआवजे की घोषणा की और कहा कि सरकार पीड़ित परिवारों के साथ हर कदम पर खड़ी है। साथ ही, मुख्यमंत्री ने विकास आयुक्त की निगरानी में इस घटना की विस्तृत प्रशासनिक जांच के आदेश भी दिए हैं।
नए जिला कलेक्टर के रूप में चंचल राणा और नए एसपी के रूप में पिनाक मिश्रा को तैनात किया गया है, ताकि स्थिति पर नियंत्रण रखते हुए भविष्य में ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति न हो।
राजनीतिक प्रतिक्रिया भी तेज, बीजद ने उठाए सवाल
इस पूरे मामले में विपक्षी दल भी सरकार को घेरने में पीछे नहीं रहे। बीजू जनता दल (बीजद) के अध्यक्ष और ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि रथ यात्रा जैसे भव्य आयोजन में भीड़ प्रबंधन की विफलता ने सरकार की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
नवीन पटनायक ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “मैं पुरी के सारधाबली में हुई भगदड़ में जान गंवाने वाले श्रद्धालुओं के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना प्रकट करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि हादसे के तुरंत बाद, सबसे पहले श्रद्धालुओं के परिजन ही एक-दूसरे की मदद के लिए आगे आए, जबकि सरकारी तंत्र मौके पर नदारद था।
उन्होंने इसे "एक चौंकाने वाली प्रशासनिक लापरवाही" करार दिया और सरकार से सवाल किया कि जब हर साल यह रथ यात्रा लाखों भक्तों को खींचती है, तब भी क्यों आवश्यक तैयारी नहीं की जाती।