कोरोना को हराने वाले डायबिटीज मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है 'ब्लैक फंगस', सरकार ने जारी की एडवाइजरी

By: Pinki Mon, 10 May 2021 09:26:33

कोरोना को हराने वाले डायबिटीज मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है 'ब्लैक फंगस', सरकार ने जारी की एडवाइजरी

कोविड-19 से ठीक हुए लोगों में म्यूकर माइकोसिस या 'ब्लैक फंगस' के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। वायरस की तरह फंगस भी कोविड मरीजों पर हावी हे रहे हैं। ब्लैक फंगस (म्युकर माइकोसिस) तो कैंसर की तरह मरीजों की हड्डियां तक गला रहा है। यह अपने आसपास की कोशिकाएं भी नष्ट कर सकता है। इसी तरह एसपरजिलोसिस फंगस भी कोविड मरीजों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने शुक्रवार को कहा कि कोविड-19 के रोगियों में म्यूकर माइकोसिस रोग पाया जा रहा है।

डॉ पॉल का कहना है कि संक्रमण म्यूकर नामक कवक के कारण होता है, जो गीली सतहों पर पाया जाता है। काफी हद तक यह उन लोगों को हो रहा है, जिन्हें मधुमेह है। यह उन लोगों में बहुत ही असामान्य है जिन्हें मधुमेह नहीं हैं। कोई बड़ा प्रकोप नहीं है और हम इसकी निगरानी कर रहे हैं।

डॉ पॉल के अनुसार म्यूकरमाइकोसिस अनियंत्रित मधुमेह वाले लोगों पर हमला करता है। यदि मधुमेह का कोई रोगी इम्युनो-सप्रेसिव दवाइयां, स्टेरॉयड ले रहा है, या उसे कैंसर है, तो म्यूकरमाइकोसिस रोग का प्रभाव उस पर अधिक पड़ता है।

डॉ पॉल ने कहा कि इस तरह के रोगियों में इस बीमारी के होने की संभावना बढ़ जाती है, अगर वे गीली सतहों के संपर्क में आते हैं।

नेत्र विशेषज्ञों के मुताबिक म्‍यूकर माइकोसिस या ब्‍लैक फंगस बीमारी कोविड संक्रमित लोगों का उपचार होने के बाद सामने आ रही है। खासातौर पर उन मरीजों को जो पहले से हाई ब्‍लड प्रेशर या मधुमेह से पीड़ित हैं। अनियंत्रित मधुमेह की बीमारी वाले लोगों के कोरोना संक्रमित होने पर जरूरत से ज्‍यादा स्‍टेरॉयड के इस्‍तेमाल से ब्‍लैक फंगस का खतरा बढ़ जाता है।

जरूरत से ज्‍यादा स्‍टेरॉयड के इस्‍तेमाल से फंगस का खतरा

यह फंगल इन्‍फेक्‍शन नाक और आंख के रास्‍ते शरीर में प्रवेश करता है। आंख के नीचे फंगस जमा होने से सेंट्रल रेटिंग आर्टरी में ब्‍लड का फ्लो बंद हो जाता है। आंखों में इंफेक्‍शन के बाद यह एक-दो दिन में ब्रेन तक पहुंच जाता है। तब आंख निकालना मजबूरी होती है। यदि आंख निकालने में देर हो जाए तो मरीज की जान बचानी मुश्किल है।

सरकार ने जारी की एडवाइजरी


म्यूकर माइकोसिस नाम के फंगस इंफेक्शन के बढ़ते खतरे को देखते हुए अब सरकार ने एडवाइजरी जारी की है। सरकार ने कहा है कि अनदेखी करने से यह इंफेक्शन जानलेवा हो सकता है। इसलिए बचाव के कदम उठाना जरूरी है। स्वास्थ्य मंत्रालय और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आइसीएमआर) ने इसकी स्क्रीनिंग, डायग्नोसिस और मैनेजमेंट को लेकर प्रमाण आधारित एडवाइजरी जारी की है।

ये हैं कारण


- अनियंत्रित डायबिटीज- स्टेरॉयड के कारण इम्यूनोसप्रेशन

- ज्यादा समय आइसीयू में रहना

लक्षण

- नाक जाम होना, नाक से काला या लाल स्राव होना

- गाल की हड्डी दर्द करना

- चेहरे पर एक तरफ दर्द होना या सूजन आना

- दांत दर्द, दांत टूटना

- जबड़े में दर्द

- दर्द के साथ धुंधला या दोहरा दिखाई देना

- सीने में दर्द और सांस में परेशानी

ऐसे बचें

- धूल भरी जगह पर मास्क लगाकर रहें

- मिट्टी और खाद का काम करते समय शरीर को जूते, ग्लव्स से पूरी तरह ढंककर रखें

- स्क्रब बाथ के जरिये सफाई पर पूरा ध्यान दें

क्या करें?

- खून में शुगर की ज्यादा मात्रा (हाइपरग्लाइसेमिया) नियंत्रित करें

- डायबिटिक लोग और कोरोना से ठीक हुए लोग ब्लड ग्लूकोज पर नजर रखें

- स्टेरॉयड के इस्तेमाल में समय और डोज का पूरा ध्यान रखें

- एंटीबायोटिक और एंटीफंगल दवाओं का इस्तेमाल ध्यान से करें

क्या न करें?

- लक्षणों की अनदेखी न करें

- फंगस इंफेक्शन का पता लगाने के लिए जांच कराने में न हिचकिचाएं

- समय पर इलाज जरूरी है, इसलिए वक्त न गंवाएं

- पता चलने के बाद इन बातों का रखें ध्यान

- डायबिटीज को कंट्रोल रखें

- स्टेरॉयड लेते हैं तो मात्रा कम करें और जल्द ही इस्तेमाल रोक दें

- इम्यूनोमॉड्यूलेटिंग दवाओं का इस्तेमाल रोक दें

- अन्य जरूरी मेडिकल ट्रीटमेंट से जुड़े कदम उठाएं

लखनऊ और वाराणसी में ब्लैक फंगस के मिल रहे मरीज

ब्लैक फंगस से महाराष्ट्र में कई मौतें हो चुकी हैं। अब लखनऊ में भी इसके मरीज मिलने लगे हैं। फिलहाल केजीएमयू में ऐसे कई मरीजों का इलाज चल रहा है। केजीएमयू के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉ डी हिमांशु ने बताया कि म्युकर माइकोसिस फंगस असल में हवा में होता है, जो लकड़ी वगैरह से निकलता है। डॉ हिमांशु ने बताया, 'सामान्य लोगों की इम्युनिटी सही होती है, जबकि कोविड मरीजों की इम्युनिटी काफी कमजोर हो जाती है। ऐसे में यह फंगस उनके शरीर के किसी भी हिस्से में बढ़ने लगता है। गंभीर संक्रमित बढ़ने से फंगस के मरीज भी बढ़ रहे हैं। इसके अलावा एसपरजिलोसिस के मरीज भी आ रहे हैं, लेकिन यह फंगस इतना जानलेवा नहीं है।'

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