जयपुर। राजस्थान कारागार विभाग प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और उपमुख्यमंत्री को जेलों से धमकी मिलने के बाद अब जेलों पर अपना शिकंजा कसता जा रहा है। इसके लिए जेलों में आकस्मिक तलाशी अभियान जारी है। जेलों में मिलने वाली संदिग्ध वस्तुओं को लेकर कारागार विभाग कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई कर रहा है। इसी सिलसिले में जयपुर सेंट्रल जेल, जोधपुर सेंट्रल जेल और उदयपुर सेंट्रल जेल ने संदिग्ध वस्तुएँ पहुंचाने वाले कार्मिकों में से एक को निलंबित और दो को बर्खास्त किया है।
डीआईजी (जेल) मोनिका अग्रवाल ने बताया कि उदयपुर सेंट्रल जेल के प्रहरी भजनलाल एवं जयपुर सेंट्रल जेल के प्रहरी संजय कुमार को बर्खास्त कर दिया है। जोधपुर सेंट्रल जेल के प्रहरी राजेश विश्नोई को निलंबित किया है।
अग्रवाल ने बताया कि मुख्यमंत्री को जेल से धमकियों और जेल में बंदियों के पास प्रतिबंधित सामग्री मिलने की सूचना पर तलाशी अभियान चलाया गया। जेल विभाग ने जेलों में लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। 12 जुलाई 2024 को उदयपुर सेंट्रल जेल के टावर नंबर 3 पर तैनात डयूटी प्रहरी भजनलाल ने एक पार्सल जेल के भीतर फेंका। इसमें चार मोबाइल, तीन बैट्री और तंबाकू की दस पुड़ियां थीं। मामला सामने आने के बाद 13 जुलाई को उसे निलंबित कर दिया था, अब भजनलाल को बर्खास्त कर दिया है।
जयपुर और जोधपुर जेल में भी फेंके मोबाइल
डीआईजी अग्रवाल ने बताया कि 30 अगस्त 2024 को जयपुर सेंट्रल में देर रात प्रहरी मैस के पास पीछे की मैनवाल से तीन पैकेट में 22 मोबाइल फेंके गए। इस मामले में जेल प्रहरी संजय कुमार को गिरफ्तार कर अनुसंधान के बाद न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया था। उसे भी रविवार को बर्खास्त कर दिया।
उन्होंने बताया कि 31 मार्च, 2024 को जोधपुर सेंट्रल जेल में जेल प्रशासन के द्वारा ऑपरेशन क्लीन स्वीप के तहत आकस्मिक तलाशी अभियान चलाया था। इसमें 16 मोबाइल, नौ सिम कार्ड, एक चार्जर व एक डाटा केबल बरामद की थी। जोधपुर के रातानाडा थाने में इस संबंध में दर्ज मामले का पुलिस ने अनुसंधान किया तो जेल प्रहरी राजेश विश्नोई की संलिप्तता पाई गई। इस मामले में पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया। अब कारागार विभाग ने उसे निलंबित कर मुख्यालय जयपुर रखा है।