भारत और पाकिस्तान के बीच सीमाई तनाव का सीधा असर शेयर बाजार पर पड़ रहा है। युद्ध के खतरे के बीच शुक्रवार, 9 मई को बाजार खुलते ही बड़ी गिरावट देखी गई। सुबह 10:07 बजे तक, सेंसेक्स 940 अंक गिरकर
79399.06 के स्तर पर पहुंच गया, जबकि निफ्टी 50 भी 312 अंक गिरकर23958 के स्तर पर आ गया। इससे पहले गुरुवार को भी शेयर बाजार में गिरावट देखी गई थी।
रुपया भी डॉलर के मुकाबले 10 पैसे कमजोर होकर 85.81 रुपये प्रति डॉलर पर खुला, जबकि एक दिन पहले रुपये 85.71 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था। बाजार में बनी अनिश्चितता के बीच अधिकांश शेयरों में गिरावट जारी रही। हालांकि, चौथी तिमाही के परिणामों की वजह से निफ्टी 50 में टाइटन, एलएंडटी, BEL, टाटा मोटर्स और डॉक्टर रेड्डी के स्टॉक्स में शुरुआती बढ़त देखने को मिली। वहीं, मेटल, रियल्टी, एनबीएफसी और एफएमसीजी सेक्टर में सबसे ज्यादा गिरावट रही।
गुरुवार को 5 लाख करोड़ रुपये का नुकसान
गुरुवार को घरेलू शेयर बाजार में आई बड़ी गिरावट के कारण निवेशकों को 5 लाख करोड़ रुपये का भारी नुकसान हुआ। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स बिकवाली के दबाव में 411.97 अंक यानी 0.51 प्रतिशत गिरकर 80,334.81 अंक पर बंद हुआ। व्यापक बाजार में बीएसई मिडकैप सूचकांक में 1.90 प्रतिशत और स्मॉलकैप सूचकांक में 1.05 प्रतिशत की गिरावट आई।
इस गिरावट के कारण बीएसई पर सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 5,00,037.74 करोड़ रुपये घटकर 4,18,50,596.04 करोड़ रुपये (लगभग 4.93 लाख करोड़ डॉलर) रह गया। बीएसई पर कुल 2,548 शेयर नुकसान में बंद हुए, जबकि 1,349 कंपनियों में तेजी रही और 135 कंपनियों में कोई बदलाव नहीं आया।
दोनों देशों के बाजार पर असर
भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का पाकिस्तान के शेयर बाजार पर भी गहरा असर पड़ा है। एक दिन पहले कराची स्टॉक एक्सचेंज में करीब 7 प्रतिशत की भारी गिरावट देखी गई थी और निवेशकों के भारी दबाव के कारण पाकिस्तान के शेयर बाजार में कारोबार कुछ समय के लिए रोकना पड़ा।
हालांकि, बाजार के विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में शेयर बाजार पर पाकिस्तान जैसे प्रभाव की स्थिति नहीं बनेगी, जहां का स्टॉक मार्केट पूरी तरह से क्रैश हो चुका है। भारतीय बाजार मजबूत स्थिति में है और यह प्रभाव अस्थायी और सीमित रहेगा।