राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में एक दुर्लभ प्रजाति का सांप देखा गया, जिसे लेकर स्थानीय लोग हैरान रह गए। अनुमान लगाया जा रहा है कि यह राजस्थान में पहली बार देखा गया है। जांच में पाया गया कि यह रेड सैंड बोआ (Red Sand Boa) प्रजाति का सांप है, जिसे आमतौर पर दो सिर वाला सांप कहा जाता है। यह सांप विषहीन होता है और सामान्य रूप से लाल या हल्के भूरे रंग में ही पाया जाता है।
सफेद रंग और दो मुंह वाले सांप ने लोगों को चौंकाया
चित्तौड़गढ़ के एक फार्म हाउस पर एल्बिनो रेड सैंड बोआ यानी सफेद रंग का दो मुंह वाला सांप देखा गया। इस अनोखे सांप को देखने के लिए आसपास के गांवों से लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। स्थिति को देखते हुए गांव के सरपंच को सूचना दी गई, जिन्होंने तुरंत वन विभाग को इसकी जानकारी दी। वन विभाग की टीम और सर्प प्रेमियों ने मौके पर पहुंचकर सांप का निरीक्षण किया।
मेलेनिन की कमी के कारण सांप का रंग सफेद
रेस्क्यू टीम ने बताया कि यह सांप एल्बिनो रेड सैंड बोआ है, जिसे स्थानीय भाषा में 'धंबोई' कहा जाता है। इस सांप में मेलेनिन की कमी के कारण इसका रंग पूरी तरह सफेद हो गया है। वन विभाग की टीम ने इसे सुरक्षित रेस्क्यू कर प्राकृतिक आवास में छोड़ दिया। विशेषज्ञों ने बताया कि जब किसी जीव में मेलेनिन का उत्पादन कम या बिल्कुल नहीं होता, तो उसकी त्वचा का रंग सफेद हो जाता है। इसे त्वचा संबंधी विकार माना जाता है और ऐसे जीवों को 'एल्बिनो' कहा जाता है।
रेड सैंड बोआ सांप विषहीन होते हैं
रेड सैंड बोआ सांप जहरीले नहीं होते और यह आमतौर पर लाल या भूरे रंग में पाए जाते हैं। हालांकि, सफेद रंग के रेड सैंड बोआ सांप दुर्लभ होते हैं और लाखों में से एक ही ऐसा होता है। इस प्रजाति को लेकर कई तरह की भ्रांतियां हैं, लेकिन यह इंसानों के लिए पूरी तरह निर्दोष और हानिरहित होता है।