सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने गुरुवार को लोकसभा में एक सवाल के जवाब में चौंकाने वाले आंकड़े पेश किए हैं, जो वर्ष 2018 से 2022 तक देशभर में हुए सड़क हादसों और उसमें हुई मौतों के बारे में हैं। इस रिपोर्ट के मुताबिक, राजस्थान देश के उन टॉप 6 राज्यों में शामिल है जहां सड़क दुर्घटनाएं सबसे अधिक हुई हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में प्रतिदिन औसतन 1264 सड़क हादसे होते हैं, जिनमें हर रोज 462 लोग अपनी जान गंवा देते हैं। इन घटनाओं में अधिकांश मृतक 25 से 35 वर्ष के आयु वर्ग के होते हैं।
तमिलनाडु में सबसे ज्यादा सड़क हादसे
तमिलनाडु में सबसे ज्यादा सड़क हादसे होते हैं। इसके बाद मध्य प्रदेश, केरल, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र और फिर राजस्थान का स्थान आता है। जबकि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों के मामले में उत्तर प्रदेश के बाद तमिलनाडु, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक और फिर राजस्थान का नंबर है।
'कोविड और दंगों में भी इतने लोग नहीं मरते'
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने पहले कहा था, "देश में सड़क हादसों की संख्या लगातार बढ़ रही है और हर साल 1.7 लाख से अधिक लोग इन दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवा देते हैं। ये संख्या इतनी ज्यादा है कि इसमें न तो लड़ाई में इतने लोग मारे जाते हैं, न कोविड में और न ही दंगों में।"
सरकार ने 13795 ब्लैक स्पॉट्स को ठीक किया
केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गुरुवार को लोकसभा में लिखित जवाब देते हुए बताया कि नेशनल हाईवे पर कुल 13795 ब्लैक स्पॉट्स की पहचान की गई है, जिनमें से 9525 पर शॉर्ट टर्म सुधार किए जा चुके हैं, जबकि 4777 पर परमानेंट सुधार कार्य पूरे किए गए हैं।
शॉर्ट टर्म सुधारों में रोड साइन, साइनेज, क्रैश बैरियर्स, रोड स्टड, डेलीनेटर, अनधिकृत मिडिल कट को बंद करना और यातायात शांत करने के उपाय शामिल हैं। वहीं, परमानेंट सुधारों में सड़क ज्यामिति में बदलाव, जंक्शन सुधार, कैरिजवे चौड़ा करना और अंडरपास/ओवरपास का निर्माण शामिल हैं।
घायलों का इलाज होगा मुफ्त
नितिन गडकरी ने यह भी बताया कि मंत्रालय के तमाम प्रयासों के बावजूद सड़क हादसों में कमी नहीं आई, बल्कि इसके बढ़ने की समस्या सामने आई है। उनका मानना है कि समाज का सहयोग और मानवीय व्यवहार में बदलाव आवश्यक है, साथ ही कानून का डर होना चाहिए ताकि सड़क हादसों पर अंकुश लगाया जा सके।
गडकरी ने ऐलान किया कि सड़क हादसों में घायल किसी भी नागरिक का इलाज अब केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त में किया जाएगा। इसके लिए एक कैशलेस योजना शुरू की गई है, जो पहले उत्तर प्रदेश में लागू होगी, और बाद में इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।