राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों में पढ़ाए जा रहे उर्दू विषय (Urdu) को बंद करने का निर्णय लिया है। स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर (Madan Dilawar) के निर्देश पर जयपुर के जिला शिक्षा अधिकारी (Jaipur DEO) ने इस संबंध में एक आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया है। इसमें स्कूलों में संस्कृत (Sanskrit) को तृतीय भाषा के रूप में शामिल करने के लिए प्रिंसिपलों से प्रस्ताव भेजने को कहा गया है। यह आदेश 10 फरवरी 2025 को जारी किया गया था, जिसकी जानकारी 14 फरवरी 2025 को मीडिया के माध्यम से साझा की गई।
जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, जयपुर डीईओ ने महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय के प्रिंसिपल को यह निर्देश भेजा है। इसमें लिखा गया है कि पंचायती राज विभाग से प्राप्त पत्र के अनुसार, सीनियर संस्कृत टीचर की भर्ती प्रक्रिया शुरू करने और उर्दू विषय को बंद करने के आदेश मिले हैं। इसी के तहत स्कूल प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वे एसडीएमसी (SDMC) की सिफारिश के साथ अपने स्कूल में संस्कृत विषय को शुरू करने का पूर्ण प्रस्ताव शीघ्र भेजें, ताकि इसे बीकानेर निदेशालय को आगे बढ़ाया जा सके।
राजस्थान सरकार ने सरकारी स्कूलों में भाषा नीति की समीक्षा करते हुए यह निर्णय ऐसे समय में लिया है जब पिछली कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू किए गए अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों की समीक्षा की जा रही है। कैबिनेट सचिवालय के आदेश पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अनुमति से एक चार सदस्यीय मंत्रिस्तरीय समिति का गठन किया गया है। इस समिति के अध्यक्ष उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा हैं, जबकि स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह, स्कूली शिक्षा मंत्री मदन दिलावर और खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री सुमित गोदारा सदस्य के रूप में शामिल हैं।
कांग्रेस ने उठाए सवाल
इस समीक्षा प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं। पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि भाजपा सरकार को इस बात से परेशानी है कि कमजोर, शोषित और पीड़ित वर्ग के बच्चे अंग्रेजी शिक्षा प्राप्त कर उनकी बराबरी न कर लें। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार नहीं चाहती कि गरीब और मध्यम वर्ग के बच्चे अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा लें, जबकि उनके खुद के बच्चे महंगे अंग्रेजी स्कूलों और विदेशों में पढ़ते हैं। डोटासरा ने सरकार द्वारा गठित समीक्षा समिति को राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए कहा कि इसमें कोई शिक्षाविद या विशेषज्ञ नहीं है, बल्कि केवल सरकारी मंत्री शामिल हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा सरकार बनने के बाद से शिक्षा मंत्री और अन्य नेता लगातार अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों को बंद करने की वकालत कर रहे हैं। बता दें कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव करते हुए हर वर्ग के बच्चों के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की शुरुआत की थी।