जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए बर्बर आतंकी हमले में देश ने अपने एक जांबाज़ नौसेना अधिकारी को खो दिया। 26 वर्षीय लेफ्टिनेंट विनय नरवाल इस हमले में शहीद हो गए। उनकी शादी महज आठ दिन पहले ही हिमांशी नरवाल से हुई थी और दोनों हनीमून के लिए कश्मीर पहुंचे थे। दरअसल, कपल का प्लान यूरोप जाने का था, लेकिन वीजा न मिलने के चलते उन्होंने कश्मीर जाने का निर्णय लिया।
लेफ्टिनेंट विनय हरियाणा के करनाल जिले के सेक्टर-7 के निवासी थे। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, विनय और हिमांशी 21 अप्रैल को कश्मीर पहुंचे थे और 22 अप्रैल को पहलगाम के एक होटल में चेक-इन किया था। वह दोनों बैसरन घाटी घूमने निकले थे, जिसे मिनी स्विट्ज़रलैंड के नाम से भी जाना जाता है। तभी अचानक आतंकियों ने हमला कर दिया। इस हमले में विनय को हिमांशी के सामने ही गोलियों से भून दिया गया।
हिमांशी नरवाल द्वारा साझा किए गए एक वीडियो में वह बताती हैं, “मैं अपने पति के साथ बैसरन घाटी में भेलपुरी खा रही थी। तभी एक आदमी आया, विनय की तरफ इशारा करते हुए बोला – ये मुस्लिम नहीं है – और सीधे गोली चला दी।”
विनय नरवाल पेशे से इंजीनियर थे और तीन साल पहले उन्होंने भारतीय नौसेना जॉइन की थी। उनकी तैनाती फिलहाल केरल के कोच्चि में थी। विनय के पिता राजेश कुमार पानीपत के कस्टम विभाग में सुप्रिटेंडेंट के पद पर कार्यरत हैं। उनकी मां आशा देवी गृहिणी हैं, जबकि दादा हवा सिंह हरियाणा पुलिस में थे और 2004 में सेवानिवृत्त हुए थे। विनय की बड़ी बहन सृष्टि दिल्ली में सिविल सेवा की तैयारी कर रही हैं।
यह घटना केवल एक परिवार की नहीं, पूरे देश की आंखों में आंसू ले आई है। विनय की वीरगति ने साबित कर दिया कि आतंक का कोई धर्म नहीं होता, लेकिन इसके शिकार हमेशा निर्दोष और राष्ट्र के सच्चे सेवक ही होते हैं। उनके बलिदान को भारत कभी नहीं भूलेगा।