पहलगाम हमले के संदर्भ में जम्मू और कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि पिछले आठ दिनों से पूरे देश में यह आवाज उठ रही है कि अब बहुत हो चुका है, अब पाकिस्तान को सबक सिखाना चाहिए और सरकार को एक्शन लेना चाहिए। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी और सरकार को सोचना होगा कि कहां और कब कार्रवाई की जाए। गुलाम नबी आजाद ने कहा कि सरकार ने मंगलवार को सही फैसला लिया है, जिसमें सेना को पूरी छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि अब हमें सरकार के फैसले का इंतजार करना चाहिए। उनका मानना है कि आतंकवाद को कम करने के लिए एक मल्टी प्रोन स्ट्रैटेजी की जरूरत है, जहां एक साथ कई मोर्चों पर काम किया जाए।
गुलाम नबी आजाद ने यह भी कहा कि अधिकतर आतंकी घटनाओं में शामिल लोग गरीब और बेरोजगार होते हैं, जबकि विचारधारा से मजबूत आतंकी कम होते हैं। उनका कहना था कि पाकिस्तान पहले भी अपने आतंकियों द्वारा धर्म के आधार पर लोगों को निशाना बनाता था, जैसे पंजाब में सिखों को मारने का उदाहरण है। उन्होंने चेतावनी दी कि भारत को पाकिस्तान के किसी भी जाल में नहीं फंसना चाहिए।
यूनिटी का समय:
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में सुरक्षा की स्थिति पर हमेशा बात होती रही है, लेकिन अब समय आ चुका है कि हम सही समय का इंतजार करें, ताकि हम पाकिस्तान को जवाब दे सकें। उन्होंने कहा कि इस समय अगर हम अपनी बातों में भेदभाव करेंगे तो यह पाकिस्तान को फायदा देगा, इसलिए हमें एकजुट रहना चाहिए। उनका मानना है कि पाकिस्तान में सेना और सरकार के बीच विवादों के बावजूद वे एकजुट हो चुके हैं और हमें भी एकता दिखानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि अगर संसद का सत्र बुलाया जाए, तो सभी राजनीतिक दलों को केवल इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
गुनाह की सजा पूरी कौम को नहीं मिलनी चाहिए:
गुलाम नबी आजाद ने यह भी स्पष्ट किया कि जो भी इस आतंकवादी घटना के लिए जिम्मेदार था, वह पाकिस्तानी मुस्लिम था और यदि कोई हिंदू-मुसलमान भी ऐसा करता, तो गुनाह सिर्फ व्यक्ति का है। उन्होंने कहा कि ऐसे गुनाहों के लिए पूरी कौम को सजा नहीं मिलनी चाहिए। धर्म के नाम पर बदला लेने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक भारत में कोई भी हमें विभाजित नहीं कर सका है, इसलिए हमें सजग रहने की आवश्यकता है।
उनके अनुसार, यह लड़ाई न तो राजनीतिक पार्टियों को लड़ी जानी है, न ही किसी नेता को, बल्कि यह लड़ाई भारतीय सेना लड़ेगी, जो तय करेगी कि कार्रवाई कहां और कब हो, और सजा क्या होगी।