जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य बाल आयोग के अध्यक्ष पद का अतिरिक्त कार्यभार सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) कुलदीप रांका को देने के आदेश पर रोक लगा दी है। यह आदेश गत 5 फरवरी को जारी किया गया था। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि सरकार चाहे तो बाल संरक्षण अधिनियम की धारा 3 के तहत किसी अन्य व्यक्ति को अध्यक्ष पद पर नियुक्त कर सकती है। जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह अंतरिम आदेश आयोग की सदस्य संगीता बेनीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया।
याचिका में कहा गया कि आयोग अध्यक्ष की नियुक्ति महिला एवं बाल विकास विभाग के मंत्री, प्रमुख सचिव और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के प्रमुख सचिव की समिति की सिफारिश के आधार पर होनी चाहिए। लेकिन उक्त प्रक्रिया की अनदेखी कर सरकार ने भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी कुलदीप रांका को यह जिम्मेदारी सौंप दी, जबकि अधिनियम में किसी आईएएस अधिकारी को अध्यक्ष बनाए जाने का कोई प्रावधान नहीं है।
याचिका में यह भी कहा गया कि 2010 की अधिसूचना के अनुसार अध्यक्ष पद रिक्त होने की स्थिति में इसका कार्यभार आयोग के वरिष्ठ सदस्य को सौंपा जाना चाहिए। संगीता बेनीवाल, जो खुद आयोग की वरिष्ठ सदस्य हैं, ने कार्यभार देने की मांग की थी लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। कोर्ट ने अंतरिम रोक के साथ मामले की अगली सुनवाई के निर्देश दिए हैं।